Sunday, May 15, 2016

मोहम्मद शहाबुद्दीन पूर्व में भी करा चुका है पत्रकार की हत्या

पटना,विनायक विजेता। दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ के सीवान ब्यूरो चीफ राजदेव रंजन की हत्या के शक के घेरे में आए पूर्व बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन 2003 में भी पटना में एक पत्रकार कुणाल कुमार की हत्या करा चुके हैं। तब उनकी हिट लिस्ट में तत्कालीन समय में दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ पटना में पॉलिटिकल एडीटर के पद पर कार्यरत चर्चित और वरीय पत्रकार सुरेन्द्र किशोर भी थे। वर्तमान में पटना से प्रकाशित ‘दैनिक भास्कर’ में संपादकीय सलाहकार के रूप में कार्यरत कार्यरत सुरेन्द्र किशोर को सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेसी की गोपनीय सूचना पर बिहार सरकार ने दो कार्बाइनधारी सरकारी सुरक्षा गार्ड भी मुहैया कराया था।

केन्द्र की शीर्षस्थ खुफिया एजेंसी ‘आईबी’ द्वारा मिली एक गोपनीय सूचना के बाद 6 अक्टूबर 2003 को तत्कालीन आईजी, मुख्यालय ने पटना के तत्कालीन डीआईजी रनिछ्र कुमार और तत्कालीन एसएसपी सुनील कुमार को अपने पत्रांक- ओआरजीएस-113/सी के द्वारा एक टॉप सीक्रेट/अतिआवश्क फैक्स संदेश भेजा था। इस संदेश की कॉपी बिहार के तत्कालीन गृह सचिव वी के हलधर और स्पेशल ब्रांच के तत्कालीन आइजी ए के गुप्ता को भी भेजी गई थी। अंग्रेजी में भेजे गए पत्र का मजमून कुछ इस तरह है ‘सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी से मिले इनपुट के अनुसार दिनांक 29 नवम्बर 2003 को नेहरु नगर में पटना के पत्रकार कुणाल कुमार की हत्या कर दी गई। इस हत्या को शहाबुद्दीन (तत्कालीन सांसद) के इशारे पर उसके शार्प शूटर सुलेमान और उसके गुर्गों ने अंजाम दिया। कुणाल द्वारा अपनी पत्रिका में अपने खिलाफ छापी गई खबर से शहाबुद्दीन काफी नाराज और गुस्से में था।’ इस पत्र में आगे कहा गया है कि ‘शहाबुद्दीन ने अपने शूटर और उसके सहयोगियों को पटना हिन्दुस्तान में कार्यरत सुरेन्द्र किशोर को भी निशाने पर लेने का आदेश दिया है, जिन्होंने हिन्दुस्तान में शहाबुद्दीन के खिलाफ खबर छापी है। अत: खुफिया रिपोर्ट की सत्यता के आलोक में पत्रकार सुरेन्द्र किशोर (हालांकि पत्र में गलती से सुरेन्द्र किशोर की जगह सुरेन्द्र सिंह लिखा गया है) की सुरक्षा के लिए तत्काल दो कार्बाइनधारी अंगरक्षक की नियुक्ति की जाए और जरुरत पड़े तो सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी जाए।’

वर्ष 2003 में ही बिहार सरकार के गृह विभाग को आईबी ने शहाबुद्दीन के कार्यकलापों से संबंधित 265 पन्नों की एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट में आईबी ने शहाबुद्दीन के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ व कश्मीरी पाकिस्तानी आतंकियों के साथ संबंधों का प्रामाणिक खुलासा किया है। इस गोपनीय दस्तावेज में शहाबुद्दीन के शार्प शूटर यूपी का कुख्यात भूूपेन्द्र त्यागी उर्फ अवधेश त्यागी का दिल्ली के लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में चार पन्नों में दिया गया गया इकबालिया बयान भी है। भूपेन्द्र त्यागी और उसके कुछ साथियों को दो एके-47, 120 कारतूस, पिस्टल, बुलेट प्रुफ जैकेट और टाटा सफारी गाड़ी के साथ दिल्ली पुलिस ने 2003 में तब गिरफ्तार किया था जब वह तहलका के संपादक तरुण तेजपाल और उनके सहयोगी बहल की हत्या करने पहुंचा था। अपने सनसनीखेज बयान में तब भूपेन्द्र त्यागी ने यह स्वीकार किया था ‘केन्द्र की भाजपा सरकार और उनके मंत्रियों के खिलाफ लगातार आग उगलने वाले तहलका के संपादक तरुण तेजपाल की हत्या की यह साजिश यह सोचकर रची गई थी कि उनकी हत्या का ठीकरा भाजपा सरकार के सिर फूटेगा और केन्द्र की सरकार गिर जाएगी। सरकार को गिराने और बदनाम करने के उद्देश्य से उनकी हत्या की योजना शहाबुद्दीन के बहनोई एजाजुल हक (तत्कालीन मंत्री) के पटना स्थित सरकारी आवास पर बनी थी। इस बैठक में आईएसआई के एक कथित प्रमुख एजेंट ‘जैन’, शहाबुद्दीन और एजाजुल हक भी शामिल थे। मंत्री के आवास पर ही उसे तेजपाल की हत्या के लिए कई एके-47 और काफी मात्रा में कारतूस व अन्य हथियार दिए गए जिसमें से कई हथियारों को उसने मंत्री के पास ही सुरक्षित रखने का छोड़ दिया।’ आईबी की रिपोर्ट में शहाबुद्दीन के लिए काम करने वाले बिहार और यूपी के लगभग 60 शूटरों, उनके नाम, पते और अपराधिक विवरणी भी दर्ज है।

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