पीलभीत (सं.सू.)। किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक विजय माल्या के लोन की गारंटी लेने पर यूपी के एक किसान के दो बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं। हैरानी की बात ये है कि मनमोहन सिंह नाम के इस गरीब किसान को ये भी नहीं पता कि विजय माल्या कौन हैं और किंगफिशर क्या है? दूसरी ओर, बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर का कहना है कि उनके पास मुंबई के रीजनल ऑफिस से अकाउंट सीज करने के ऑर्डर आए थे।
सरदार मनमोहन सिंह नाम का यह किसान पीलीभीत के बिलसंडा का रहने वाला है। उसके पास आठ एकड़ जमीन और दो बैंक अकाउंट हैं। बैंक उसे जिस विजय माल्या का गारंटर बता रहा है, जबकि उसका नाम तक मनमोहन सिंह ने नहीं सुना। उसका कहना है कि वह कभी मुंबई भी नहीं गया। अकाउंट सीज होने से उसे गवर्नमेंट स्कीम का फायदा नहीं मिल पाया। फसल भी एक व्यापारी को बहुत सस्ते दामों पर बेचनी पड़ी। इसकी वजह यह है कि इन स्कीमों का पैसा बैंक अकाउंट में ही जमा होता है और मनमोहन के अकाउंट सीज किए जा चुके हैं। दो दिन पहले बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर और स्टाफ किसान के घर आए। उन्होंने मनमोहन से कहा कि विजय माल्या की किंगफिशर कंपनी के लिए करोड़ों रुपए का जो लोन लिया गया था, उसकी गारंटी आपने दी थी। इतना सुनते ही किसान के पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि विजय माल्या का उससे दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। बैंक मैनेजर ने मनमोहन के दो अकाउंट सीज कर दिए। किसान की मानें तो उसने 2 साल पहले 4 लाख का लोन लिया था और बैंक में अपने कागजात जमा किए थे।
जैसे ही किसान के कथित माल्या कनेक्शन की खबर मीडिया में आई, बैंक एक्टिव हो गया। शुक्रवार रात नरीमन प्वाइंट से बैंक मैनेजर को एक मेल आया। इसमें कहा गया कि किसान का गलत अकाउंट सीज कर दिया गया है। उसके सेविंग अकाउंट को सीज करने का ऑर्डर था, लेकिन केकेसी (किसान क्रेडिट कार्ड) और सेविंग, दोनों अकाउंट सीज क्यों कर दिए गए ? मेल में ये भी कहा गया कि इन दोनों ही अकाउंट्स को फौरन रिलीज करें। हालांकि, शुक्रवार की जगह शनिवार सुबह ये दोनों अकाउंट रिलीज और एक्टिव हो पाए। बैंक ऑफ बड़ौदा के लोकल ब्रांच मैनेजर मांगेराम के मुताबिक, "6 महीने पहले मेल आया था। लेकिन डर की वजह से हमने किसान के दोनों अकाउंट सीज कर दिए थे। इन्हें शनिवार को फिर से एक्टिव कर दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड का अकाउंट नं. 01/388 था। इसकी लिमिट 4 लाख रुपए थी।"
सरदार मनमोहन सिंह नाम का यह किसान पीलीभीत के बिलसंडा का रहने वाला है। उसके पास आठ एकड़ जमीन और दो बैंक अकाउंट हैं। बैंक उसे जिस विजय माल्या का गारंटर बता रहा है, जबकि उसका नाम तक मनमोहन सिंह ने नहीं सुना। उसका कहना है कि वह कभी मुंबई भी नहीं गया। अकाउंट सीज होने से उसे गवर्नमेंट स्कीम का फायदा नहीं मिल पाया। फसल भी एक व्यापारी को बहुत सस्ते दामों पर बेचनी पड़ी। इसकी वजह यह है कि इन स्कीमों का पैसा बैंक अकाउंट में ही जमा होता है और मनमोहन के अकाउंट सीज किए जा चुके हैं। दो दिन पहले बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर और स्टाफ किसान के घर आए। उन्होंने मनमोहन से कहा कि विजय माल्या की किंगफिशर कंपनी के लिए करोड़ों रुपए का जो लोन लिया गया था, उसकी गारंटी आपने दी थी। इतना सुनते ही किसान के पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि विजय माल्या का उससे दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। बैंक मैनेजर ने मनमोहन के दो अकाउंट सीज कर दिए। किसान की मानें तो उसने 2 साल पहले 4 लाख का लोन लिया था और बैंक में अपने कागजात जमा किए थे।
जैसे ही किसान के कथित माल्या कनेक्शन की खबर मीडिया में आई, बैंक एक्टिव हो गया। शुक्रवार रात नरीमन प्वाइंट से बैंक मैनेजर को एक मेल आया। इसमें कहा गया कि किसान का गलत अकाउंट सीज कर दिया गया है। उसके सेविंग अकाउंट को सीज करने का ऑर्डर था, लेकिन केकेसी (किसान क्रेडिट कार्ड) और सेविंग, दोनों अकाउंट सीज क्यों कर दिए गए ? मेल में ये भी कहा गया कि इन दोनों ही अकाउंट्स को फौरन रिलीज करें। हालांकि, शुक्रवार की जगह शनिवार सुबह ये दोनों अकाउंट रिलीज और एक्टिव हो पाए। बैंक ऑफ बड़ौदा के लोकल ब्रांच मैनेजर मांगेराम के मुताबिक, "6 महीने पहले मेल आया था। लेकिन डर की वजह से हमने किसान के दोनों अकाउंट सीज कर दिए थे। इन्हें शनिवार को फिर से एक्टिव कर दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड का अकाउंट नं. 01/388 था। इसकी लिमिट 4 लाख रुपए थी।"
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