नई दिल्ली (सं.सू.)। होम मिनिस्ट्री के लापता अंडर सेक्रेटरी आनंद जोशी को रविवार को सीबीआई ने अरेस्ट कर लिया। करप्शन के मामले में उनसे पूछताछ की गई। बता दें कि अफसर की पत्नी ने बीते बुधवार को गाजियाबाद के अपने घर से उनके लापता होने का दावा किया था।
जोशी पर आरोप है कि उन्होंने ऐसे कई एनजीओ को क्लीनचिट दी, जिनको एफसीआरए नोटिस दिया गया है। इन NGO में तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ भी शामिल है। सीबीआई ने इस हफ्ते सोमवार को जोशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई ने जोशी के घर और ऑफिस समेत चार ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने जोशी को शुक्रवार को पूछताछ के लिए हेडक्वार्टर बुलाया था।
कहां से मिले जोशी? जोशी को पहले सीबीआई ने उनके घर (अभय खंड, इंदिरापुरम) से डिटेन किया। फिर पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई। बाद में उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। सीबीआई के अफसरों के मुताबिक 7.5 लाख कैश, कुछ सस्पेक्टेड पेपर्स, डॉक्युमेंट्स मिले हैं। इसमें होम मिनिस्ट्री और आईबी से जुड़ी कुछ फाइलें भी शामिल हैं जो जोशी के ऑफिस से मिली हैं।
बताया जा रहा है कि जोशी ने खुद को लापता दिखाने के लिए अपनी वाइफ मीनाक्षी शर्मा को एक लेटर भी लिखा था। मीनाक्षी के मुताबिक, उन्होंने भी अपने पति को आखिरी बार बुधवार की देर रात दो बजे देखा था। लेटर में जोशी ने लिखा, ‘मैं पिछले कुछ महीनों से बहुत ज्यादा मेंटल टॉर्चर से गुजर रहा हूं। लेकिन अब सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी है। मैं घर से जा रहा हूं, मुझे ढूंढने की कोशिश मत करना। मीनाक्षी तुम अब हमारे बच्चों की पिता और मां दोनों हो। समर्पण और निष्ठा के साथ मैं देश की सेवा कर रहा था, ऐसे में मैंने कल्पना नहीं की थी कि मेरे साथ ऐसा होगा, देश की सेवा करते हुए शायद मैंने बहुत अधिक दुश्मन बना लिए।
होम मिनिस्ट्री और सीबीआई के ऑफिसर्स का मानना है कि आनंद जोशी NGO पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। उनके निशाने पर जानी-मानी एनवायरन्मेंट एक्टिविस्ट सुनीता नारायण और फोर्ड फाउंडेशन था। जोशी उस वक्त पहली बार चर्चा में आए थे जब सितंबर 2015 में उन्होंने सुनीता नारायण के साइंस एंड एनवायरन्मेंट से जुड़े NGO समेत कई अन्य NGO के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (फेरा) के वॉयलेशन के मामले में नोटिस भेजा था। जोशी गुजरात की गुलबर्गा सोसाइटी में म्यूजियम बनाने के नाम पर इकट्ठा की गई रकम में हेराफेरी के मामले में सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ के साथ CBI की जांच के दायरे में थे। इस मामले में जोशी पर सीतलवाड़ के एनजीओ को गलत तरीके से मिले विदेशी चंदे से जुड़ी फाइलें गायब करने का आरोप है।
आनंद जोशी रांची के हैं। रांची के अपर बाजार स्थित बड़ालाल स्ट्रीट में उनका मकान है। उनके पिता की अपर बाजार लोहा पट्टी में छोटी सी दुकान है। आनंद जोशी की स्कूल और हायर एजुकेशन रांची में ही हुई है। वे रांची के मारवाड़ी कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं। सबसे पहले उनकी जॉब क्लर्क ग्रेड में लगी थी। बाद में डिपार्टमेंटल एग्जाम क्लियर कर वे अंडर सेक्रेटरी तक पहुंचे।
जोशी पर आरोप है कि उन्होंने ऐसे कई एनजीओ को क्लीनचिट दी, जिनको एफसीआरए नोटिस दिया गया है। इन NGO में तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ भी शामिल है। सीबीआई ने इस हफ्ते सोमवार को जोशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई ने जोशी के घर और ऑफिस समेत चार ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने जोशी को शुक्रवार को पूछताछ के लिए हेडक्वार्टर बुलाया था।
कहां से मिले जोशी? जोशी को पहले सीबीआई ने उनके घर (अभय खंड, इंदिरापुरम) से डिटेन किया। फिर पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई। बाद में उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। सीबीआई के अफसरों के मुताबिक 7.5 लाख कैश, कुछ सस्पेक्टेड पेपर्स, डॉक्युमेंट्स मिले हैं। इसमें होम मिनिस्ट्री और आईबी से जुड़ी कुछ फाइलें भी शामिल हैं जो जोशी के ऑफिस से मिली हैं।
बताया जा रहा है कि जोशी ने खुद को लापता दिखाने के लिए अपनी वाइफ मीनाक्षी शर्मा को एक लेटर भी लिखा था। मीनाक्षी के मुताबिक, उन्होंने भी अपने पति को आखिरी बार बुधवार की देर रात दो बजे देखा था। लेटर में जोशी ने लिखा, ‘मैं पिछले कुछ महीनों से बहुत ज्यादा मेंटल टॉर्चर से गुजर रहा हूं। लेकिन अब सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी है। मैं घर से जा रहा हूं, मुझे ढूंढने की कोशिश मत करना। मीनाक्षी तुम अब हमारे बच्चों की पिता और मां दोनों हो। समर्पण और निष्ठा के साथ मैं देश की सेवा कर रहा था, ऐसे में मैंने कल्पना नहीं की थी कि मेरे साथ ऐसा होगा, देश की सेवा करते हुए शायद मैंने बहुत अधिक दुश्मन बना लिए।
होम मिनिस्ट्री और सीबीआई के ऑफिसर्स का मानना है कि आनंद जोशी NGO पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। उनके निशाने पर जानी-मानी एनवायरन्मेंट एक्टिविस्ट सुनीता नारायण और फोर्ड फाउंडेशन था। जोशी उस वक्त पहली बार चर्चा में आए थे जब सितंबर 2015 में उन्होंने सुनीता नारायण के साइंस एंड एनवायरन्मेंट से जुड़े NGO समेत कई अन्य NGO के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (फेरा) के वॉयलेशन के मामले में नोटिस भेजा था। जोशी गुजरात की गुलबर्गा सोसाइटी में म्यूजियम बनाने के नाम पर इकट्ठा की गई रकम में हेराफेरी के मामले में सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ के साथ CBI की जांच के दायरे में थे। इस मामले में जोशी पर सीतलवाड़ के एनजीओ को गलत तरीके से मिले विदेशी चंदे से जुड़ी फाइलें गायब करने का आरोप है।
आनंद जोशी रांची के हैं। रांची के अपर बाजार स्थित बड़ालाल स्ट्रीट में उनका मकान है। उनके पिता की अपर बाजार लोहा पट्टी में छोटी सी दुकान है। आनंद जोशी की स्कूल और हायर एजुकेशन रांची में ही हुई है। वे रांची के मारवाड़ी कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं। सबसे पहले उनकी जॉब क्लर्क ग्रेड में लगी थी। बाद में डिपार्टमेंटल एग्जाम क्लियर कर वे अंडर सेक्रेटरी तक पहुंचे।
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