पटना (सं.सू.)। बिहार के गया जिले के अपराधी बिंदी को बिंदेश्वरी प्रसाद यादव के नाम से भी जाना जाता है। बिंदी का क्राइम रिकॉर्ड काफी लंबा है। 1980 तक बिंदी एक मामूली क्रिमिनल के रूप में जाना जाता था। फिलहाल बिंदी जेल में है, जबकि उसका बेटा रॉकी यादव मर्डर के आरोप में जेल में बंद है। वहीं पुलिस को बिंदी की की एमएलसी वाइफ मनोरमा की तलाश है।
1980 में पहली बार साइकिल चोरी के आरोप में बिंदी को अरेस्ट किया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे बिंदी अपराध की दुनिया में चला गया। 1990 में उसने बच्चू नाम के अपराधी से हाथ मिलाया और फिर करीब तीन साल तक आपराधिक घटना को अंजाम देते रहा। धीरे-धीरे बिंदी और बच्चू के अपराध के चर्चे होने लगे। इस दौरान बिहार में लालू यादव की सरकार थी।
बताया जाता है कि जब गया के डीएम और एसपी ने बिंदी और बच्चू पर सख्त रवैया अपनाना शुरू किया तो उन्हें लगा कि पॉलिटिक्स ज्वाइन करने के बार ही वो सुरक्षित रह पाएंगे। इसके बाद 1990 में ही बिंदी ने लालू की पार्टी आरजेडी ज्वाइन कर ली। 2001 में बिंदी गया डिस्ट्रिक्ट बोर्ड का चेयरमैन बना और साल 2006 तक इस पद पर बना रहा। 2005 में बिंदी ने गया (ग्रामीण) से इंडिपेंडेंट कंडिडेट के रुप में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। फिर 2010 में गुरुआ से आरजेडी की टिकट पर बिंदी ने दोबारा विधानसभा चुनाव लड़ा। एक बार फिर उसे हार का सामना करना पड़ा। इसी चुनाव के दौरान उसने पर्चा भरते समय एफिडेविट में बताया था कि उसके ऊपर 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बिंदी ने 2010 में लालू की पार्टी छोड़ दी और नीतीश की पार्टी जेडीयू ज्वाइन कर ली। 2011 में उसे एके-47 और चार हजार जिंदा कारतूस रखने के आरोप में अरेस्ट किया गया। इसके बाद से उसने राजनीति का फायदा उठाकर सरकारी ठेका लेना शुरू कर दिया।
बताया जाता है कि गया और दिल्ली में बिंदी यादव के नाम से मॉल, होटल और करीब 15 पेट्रोल पंप है। बिंदी ने अपना पैसा कंस्ट्रक्शन और शराब के धंधों में लगाया हुआ है। बिंदी का बेटा और आदित्य सचदेवा के मर्डर का आरोपी रॉकी डेढ़ करोड़ रुपए की एसयूवी और इटेलियन मेड .32 बोर की पिस्टल रखता था।
साल 2015 में बिंदी ने अपनी वाइफ मनोरमा देवी को जेडीयू सदस्य के रूप में बिहार विधान परिषद की सदस्यता दिलाई थी। आदित्य सचदेवा मर्डर केस के बाद जेडीयू ने मनोरमा देवी की पार्टी की सदस्यता रद्द कर दी। फिलहाल, मनोरमा देवी फरार है और पुलिस तलाश कर रही है।
1980 में पहली बार साइकिल चोरी के आरोप में बिंदी को अरेस्ट किया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे बिंदी अपराध की दुनिया में चला गया। 1990 में उसने बच्चू नाम के अपराधी से हाथ मिलाया और फिर करीब तीन साल तक आपराधिक घटना को अंजाम देते रहा। धीरे-धीरे बिंदी और बच्चू के अपराध के चर्चे होने लगे। इस दौरान बिहार में लालू यादव की सरकार थी।
बताया जाता है कि जब गया के डीएम और एसपी ने बिंदी और बच्चू पर सख्त रवैया अपनाना शुरू किया तो उन्हें लगा कि पॉलिटिक्स ज्वाइन करने के बार ही वो सुरक्षित रह पाएंगे। इसके बाद 1990 में ही बिंदी ने लालू की पार्टी आरजेडी ज्वाइन कर ली। 2001 में बिंदी गया डिस्ट्रिक्ट बोर्ड का चेयरमैन बना और साल 2006 तक इस पद पर बना रहा। 2005 में बिंदी ने गया (ग्रामीण) से इंडिपेंडेंट कंडिडेट के रुप में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। फिर 2010 में गुरुआ से आरजेडी की टिकट पर बिंदी ने दोबारा विधानसभा चुनाव लड़ा। एक बार फिर उसे हार का सामना करना पड़ा। इसी चुनाव के दौरान उसने पर्चा भरते समय एफिडेविट में बताया था कि उसके ऊपर 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बिंदी ने 2010 में लालू की पार्टी छोड़ दी और नीतीश की पार्टी जेडीयू ज्वाइन कर ली। 2011 में उसे एके-47 और चार हजार जिंदा कारतूस रखने के आरोप में अरेस्ट किया गया। इसके बाद से उसने राजनीति का फायदा उठाकर सरकारी ठेका लेना शुरू कर दिया।
बताया जाता है कि गया और दिल्ली में बिंदी यादव के नाम से मॉल, होटल और करीब 15 पेट्रोल पंप है। बिंदी ने अपना पैसा कंस्ट्रक्शन और शराब के धंधों में लगाया हुआ है। बिंदी का बेटा और आदित्य सचदेवा के मर्डर का आरोपी रॉकी डेढ़ करोड़ रुपए की एसयूवी और इटेलियन मेड .32 बोर की पिस्टल रखता था।
साल 2015 में बिंदी ने अपनी वाइफ मनोरमा देवी को जेडीयू सदस्य के रूप में बिहार विधान परिषद की सदस्यता दिलाई थी। आदित्य सचदेवा मर्डर केस के बाद जेडीयू ने मनोरमा देवी की पार्टी की सदस्यता रद्द कर दी। फिलहाल, मनोरमा देवी फरार है और पुलिस तलाश कर रही है।
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