
उनका आरोप है कि उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने अपने रूम में हिंदू रीति-रिवाज से पूजा व हवन कर अपने साथियों के साथ जन्मदिन मनाने का प्रयास किया,जो इसाई वार्डन को नागवार गुजरा।
उन्होंने जहाँ अपने साथ हुए अनुचित व्यवहरा को लेकर विश्वविद्यालय कुलपति से शिकायत की है और इस कार्यक्रम में शामिल होने आई एक छात्रा ने भी इस मामले में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर न सिर्फ विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न के मामलों की जाँच करनेवाली समिति में शिकायत की है बल्कि स्थानीय वसंत कुंज (उत्तरी) थाने में भी लिखित शिकायत कर वार्डन पर कार्रवाई की मांग की है।
एमफिल संस्कृत के छात्र जितेंद्र कुमार ने बताया कि बीते 21 नवंबर को उसका जन्मदिन था। इस मौके पर उन्होंने अपने रूम पर अपने कुछ पुरुष व महिला साथियों को आमंत्रित किया था।
जितेंद्र ने कहा कि शाम करीब पाँच बजे जब वे अपने साथियों के साथ रीति-रिवाज के तहत हवन व पूजा कर जन्मदिन मना रहे थे,तो अचानक हॉस्टल वार्डन आ पहुँचे।
इससे पहले कि हम कुछ बोलते उन्होंने न सिर्फ हमारी सामग्री को लात से मारकर फैला दिया बल्कि मेरे साथ मौजूद पुरूष व महिला साथियों को अपशब्द कहे और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
घटना के विरोध में उन्होंने कुलपति प्रो. एसके सोपोरी को लिखित शिकायत की है और मामले की जाँच कर दोषी वार्डन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
उधर पुलिस सूत्रों के अनुसार छात्रा का आरोप है कि वार्डन ने न सिर्फ उसे अपशब्द कहे बल्कि उसके साथ हाथापाई भी की। इस विषय में जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा का कहना है कि देश में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है।
वार्डन ने अगर एक हिंदू को पूजा-पाठ से रोका है तो यह सरासर अनुचित है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस बाबत वार्डन से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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