Tuesday, November 24, 2015

आईएस के खिलाफ सैनिक भेजने से पाक का इन्‍कार

इस्लामाबाद (सं.सू.)। वैश्विक आतंकवाद का प्रतीक बन चुके आतंकी संगठन आईएस पर संयुक्त कार्रवाई में शामिल होने से पाकिस्तान ने इन्‍कार कर दिया है। पाकिस्तानी ने अपनी सेना को विदेशी मिशन पर नहीं भेजने का फैसला किया है। इस्लामिक स्टेट को कुचलने के लिए बने सैन्य महागठजोड़ में शामिल होने के अमेरिकी दबाव की खबरों के बीच पाकिस्तान ने अपना रुख स्पष्ट किया है।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सीमा पर पहले से ही तकरीबन 1.82 लाख जवानों को तैनात कर रखा है। ऐसे में देश की सेना क्षेत्र के बाहर किसी भी अभियान में शामिल नहीं हो सकती। पेरिस हमले के बाद आइएस को खत्म करने के लिए अमेरिका वैश्विक सैन्य गठबंधन बनाने में जुटा है।

बाजवा ने मध्य-पूर्व में पैर जमाए आइएस को वैश्विक खतरा करार देते हुए उससे निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई की जरूरत बताई। बाजवा सेना प्रमुख राहिल शरीफ के साथ अमेरिकी दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।

आइएस को तबाह करने के लिए रूस, अमेरिका, फ्रांस और इंग्लैंड जैसे देश सैन्य अभियान चला रहे हैं। पेरिस हमले के बाद साझा सैन्य अभियान चलाने पर विचार किया जा रहा है।

साल की शुरुआत में भी पाकिस्तान ने सऊदी अरब के नेतृत्व में बने सैन्य गठबंधन का सहयोग करने से इनकार कर दिया था। सऊदी सेना की अगुआई में यमन में सक्रिय आतंकी गुटों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

No comments: