Saturday, November 28, 2015

केरल के चीफ सेक्रेटरी ने की ईसाई धर्म की शिक्षाओं को फैलाने की अपील

तिरुअनंतपुरम (सं.सू.)। केरल के चीफ सेक्रेटरी जीजी थॉमसन ने कहा है कि लोगों को ईसाई धर्म की शिक्षाओं को दुनिया भर में फैलाना चाहिए। कोट्टयम के मलानाकारा ऑर्थोडॉक्‍स चर्च के एक कार्यक्रम में गुरुवार को मौजूद थॉमसन ने कहा कि चर्च की सबसे बड़ी परंपरा ईसाई धर्म की शिक्षाओं का प्रचार है। बता दें कि थॉमसन केरल के प्रभावशाली नॉन कैथोलिक चर्च मलानाकारा ऑर्थोडॉक्‍स चर्च से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने जब यह अपील की तो उनके साथ उस वक्‍त कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्‍ट केरल के गवर्नर पी सदाशिवम भी मौजूद थे।

थॉमसन ने स्‍पीच की शुरुआत में कहा, ”मैं यहां आपके बीच बतौर केरल के चीफ सेक्रेटरी नहीं, बल्कि मलानाकारा ऑर्थोडॉक्‍स चर्च के बेटे के तौर पर मौजूद हूं। आपको और मुझे गॉस्‍पेल ( ईसाई धर्म की शिक्षाओं) के प्रचार का कर्तव्‍य निभाना चाहिए। चर्च का सबसे बड़ा मिशन ही इन शिक्षाओं का प्रचार है। बाइबल में भी इस मिशन के बारे में साफ-साफ जिक्र है। यह मौका चर्च के इस मिशन के मद्देनजर अपने अंदर झांकने का है। बाइबल में निर्देश हैं कि दूसरों को ईसा मसीह के करीब लाया जाए।” थॉमसन ने कहा कि ईसाई धर्म की शिक्षाओं के प्रसार का तीन तरीका है- निजी तौर पर प्रचार, चर्च के जरिए प्रचार और सामूहिक प्रचार। थॉमसन के मुताबिक, ”अगले दो महीनों में, आप केरल में ऐसे कई सामूहिक प्रचार की घटनाओं से रुबरु होंगे। आप और मैं निजी तौर पर प्रचार कर सकते हैं, जिसके लिए किसी पादरी की मदद की जरूरत नहीं है।”

बाद में दी सफाई: थॉमसन ने बाद में अपने भाषण पर सफाई दी। कहा, ”मैं धर्म परिवर्तन की वकालत नहीं कर रहा था। मैंने मीटिंग में बस चर्च के मिशन के बारे में बातचीत की।” थॉमसन ने यह भी क‍हा कि वह बतौर चर्च के सदस्‍य ये सब कह रहे थे। उन्‍होंने कहा, ”मुझे इस तरह की बात कहने के लिए संविधान से भी अधिकार मिले हुए हैं।”

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