Tuesday, November 24, 2015

हमारी नजर में एफडीआई का मतलब है फर्स्ट डेवलप इंडिया-नमो

सिंगापुर (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सिंगापुर यात्रा के दूसरे दिन भारतीय समुदाय को संबोध‍ित किया। सिंगापुर एक्सपो में मोदी को सुनने के लिए हजारों की तादाद में भारतीय मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने नमस्ते और बनिक्कम के साथ अपना संबोधन शुरू किया और पूरा भाषण हिंदी में दिया। उन्होंने स्वच्छ भारत अभ‍ियान का जिक्र किया और कहा कि स्वच्छता के लिए उन्हें महात्मा गांधी बहुत प्रेरित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'गांधीजी कहते थे कि अगर मुझे आजादी और स्वच्छता में से किसी एक को प्राथमिकता देनी है तो पहले मैं स्वच्छता को दूंगा।'



पीएम मोदी ने कहा कि हम पूरी दुनिया में घूम रहे हैें तो कोई अपने लिए नहीं घूम रहे। हमारी सरकार बनने के बाद एफडीआई में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमारे लिए एफडीआई का मतलब फॉरेन डाईरेक्ट इंवेस्टमेंट नहीं है बल्कि हमारे लिए एफडीआई का मतलब है फर्स्ट डेवलप इंडिया।




आमिर खान का नाम लिए बगैर पीएम ने कहा कि सिद्धि और प्रसिद्धि में अंतर होता है। प्रसिद्धि तो कुछ भी उल-जुलूल बोल देने से भी मिल जाती है लेकिन प्रसिद्धि से बदलाव नहीं आ जाता। उसके लिए तो पुरूषार्थ की जरुरत होती है,तपस्या करनी पड़ती है तब जाकर सिद्धि की प्राप्ति होती है। बदलाव आता है।

प्रधानमंत्री मोदी बोले, 'दुनिया बदल रही है, हिंदुस्तान को भी बदलना चाहिए। अच्छी बात यह है कि सवा सौ करोड़ देशवासियों ने बदलने का मन बना लिया है। कोई देश न सरकार से बनता है और न सरकारों से बढ़ता है। देश जन-जन की इच्छा शक्ति‍ और पुरुषार्थ से बनता है। पीढ़‍ियां खप जाती हैं, तब एक राष्ट्र का निर्माण होता है। आज हर भारतीय को लगने लगा है कि हम देश को आगे लेकर जाएं।'

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर और यहां के लोगों की भी जमकर तारीफ की और कहा, 'भारत को अभी सिंगापुर से बहुत कुछ सीखना है। विदेशों में बसे भारतीयों की वजह से दुनिया का हिंदुस्तान में भरोसा बढ़ा है। कुछ करने का माद्दा है तो वह होकर रहता है। आप लोग पूरी दुनिया में एक परिवार की तरह रह रहे हैं। यही वजह है कि माहौल को लेकर कोई संदेह नहीं होता।'

मोदी बोले, 'भारत नई ऊंचाइयों पर जाकर रहेगा। हिंदुस्तान स्वामी विवेकानंद के सपने को सच करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। उन्होंने सपना देखा था कि भारत विश्वगुरु बनेगा। जितनी विविधताएं हैं और जितने किंतु-परंतु हिंदुस्तान में हैं, उतने ही सिंगापुर में हैं। इसके बावजूद भी हर कोई सिंगापुरियन है, हर कोई सिंगापुर को बनाने में लगा है। हर कोई कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। हमें भी इस मामले में सिंगापुर से बहुत कुछ सीखना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के दौरान के किस्से भी साझा किए। उन्होंने कहा, 'पत्रकारों को लगता था है कि मोदी गुजरात जैसे छोटे से राज्य में काम करता है, इसको देश का अनुभव नहीं है। इसलिए पत्रकार मुझसे हर दूसरा-तीसरा सवाल विदेश नीति पर ले आते हैं। उस वक्त मैं चुनाव अभ‍ियान में था तो विदेश नीति पर क्या बात करते। लेकिन पत्रकार घुमा-फिराकर मुझे वहीं ले जाते थे। तो मैं उन्हें इतना ही कहता था कि जब इस जिम्मेदारी को निर्वाह करने की नौबत आएगी तो देखेंगे, लेकिन मैं इतना विश्वास देता हूं कि न हम आंख झुकाकर बात करेंगे और न ही हम आंख दिखाकर बात करेंगे। हम दुनिया से आंख मिलाकर बात करेंगे। इसी का नतीजा है कि आज पूरा विश्व भारत के साथ बराबरी का व्यवहार कर रहा है। अब विश्व सवा सौ करोड़ भारतीयों की ताकत पहचानने भी लगा है और अनुभव भी कर रहा है। अब दुनिया सिर्फ भारतीय बाजार में अपना माल बेचने नहीं आती, बल्कि मौका मिलने पर भारत के साथ पार्टनरश‍िप करना चाहती है।'

पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश

    हिंदुस्‍तानी जहां भी गया, उसने वहां के जीवन के साथ अपने आचरण के द्वारा, अपने व्‍यवहार के द्वारा उस समाज में ऐसे घुलमिल गया, कि हर किसी को वह अपना लगने लगा
    स्‍थानीय लोग अपने बच्‍चों को प्रेरित करते हैं कि भारतीय बच्‍चों से दोस्‍ती करो
    भारत जब सोने की चिड़िया था तब भी किसी को भी आंख में खटकता नहीं था और जब हमारे बुरे दिन आए, तब भी किसी ने हमें अपमानित नहीं किया था।
    भारतीयों के व्‍यवहार ने दुनियाभर में लोगों का दिल जीत लिया
    वसुधैव कुटुंबकम, यानी पूरी दुनिया एक परिवार है, और भारतीयों ने इस मंत्र को सच कर दिखाया है
    मैं विश्‍व भर में फैले सभी भारतीयों का तहे दिल से अभिनंदन करता हूं
    जब सिंगापुर को याद करते हैं, तब एक विश्‍वास पैदा होता है। हां, अगर कुछ करने का माद्दा है तो होकर रहता है
    अगर सपने हैं और सपनों के लिए समर्पण है, तो सिद्धि आपके चरण चूमने के लिए तैयार रहती है।
    प्रसिद्धि और सिद्धि में बहुत बड़ फर्क होता है। कुछ भी करने से प्रसिद्धि तो मिल जाती है, लेकिन सिद्धि के लिए तपस्‍या ही एक मात्र रास्‍ता है।
    जिन्‍होंने प्रसिद्धि का मार्ग अपनाया है, वे कुछ दिन तक तो नाम कमा सकते हैं, लेकिन धरती पर बदलाव नहीं ला सकते
    सिंगापुर ने दिखाया है कि 50 सालों में एक ही पीढ़ी के सामने एक देश कहां से कहां पहुंच सकता है
    भारत विशाल देश है, सवा सौ करोड़ लोगों का देश है, लेकिन फिर भी हमें सिंगापुर से बहुत कुछ सीखना है
    सिंगापुर ने सफाई के मामले में बहुत कुछ कर दिखाया, हम नहीं कर सकते क्‍या। गांधीजी ने कहा था कि हमें आजादी और सफाई में से पहले सफाई चाहिए।
    सवा सौ करोड़ देशवासियों ने बदलने का मन बना लिया है
    कोई देश न सरकारों से बनते हैं, न सरकारों से बढ़ते हैं, देश बनते हैं जन-जन की इच्‍छाशक्ति से, जन-जन की तपस्‍या से, जन-जन के त्‍याग से
    आज 18 महीने के बाद मेरे प्‍यारे देशवासियो, हमने जो वादा किया था वो निभाया है। आज हिन्दुस्‍तान न आंख झुकाकर बात करता है, न दिखाकर बात करता है, दुनिया से आंख मिलाकर बात करता है
    सवा सौ करोड़ लोगों के देश की ताकत क्‍या है, ये दुनिया के देश न सिर्फ मानने लगे हैं, बल्कि अनुभव भी करने लगे हैं
    अब दुनिया को भारत केवल एक बड़ा बाजार नजर नहीं आता, उनको लगता है कि भारत से साझेदारी कर ली जाए
    एक वक्त था, जब या तो डॉलर था या पाउंड। पहली बार हम रुपये के रूप में दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि अब पूरी दुनिया में भारत के प्रति विश्वास है
    पहली बार लंदन स्टॉक एक्सचेंज में हम रुपया बांड ला रहे हैं। दुनिया के किसी भी हिस्से से कोई भी व्यक्ति उसमें निवेश कर सकता है
    दुनिया में जो बेस्ट है वो हिन्दुस्तान में होना चाहिए
    नौजवानों के हाथों में हुनर होगा तभी देश बदलेगा इसके लिए हमने जर्मनी और अमेरिका से समझौते किए हैं।
    दुनिया में जो बेस्ट हैं वो हिन्दुस्तान में होने चाहिए, और जो हमारे बेस्ट हैं, वो दुनिया के बेस्ट में शुमार होने चाहिए
    देश की एक बड़ी आबादी के सामने बिजली संकट
    लोगों के पास मोबाइल फोन, लेकिन चार्ज करने के लिए बिजली नहीं
    हम 2022 तक सभी भारतीयों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना चाहते हैं
    हमें सिर्फ विकास का काम करना है
हम रेलवे को ट्रांसपोर्टेशन नहीं ट्रांसफॉर्मेशन का ईंजन बनाना चाहते हैं इसलिए हमने रेलवे में 100 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति दे दी है
हमने इतने फैसले लिए लेकिन किसी पर भी ऊंगली नहीं उठी क्योंकि हमारे काम में भ्रष्टाचार नहीं है पारदर्शिता है
हम चाहते हेैं कि रक्षा क्षेत्र में भारत अपने पैरों पर खड़ा हो
हम दुनिया के टापुओं को डूबने नहीं देंगे
175 गीगावाट पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य हमने रखा है
75वीं वर्षगांठ 24 घंटे बिजली
परीक्षा में लोग ईजी सवाल पहले करते हैं लेकिन हमने पहले कठिन सवालों को हल करने का फैसला किया
सूरज दादा की ऊंगली पकड़कर हम 100 गीगावाट सोलर इनर्जी का उत्पादन करना चाहते हैं
कूड़े में से बिजली,महंगी पड़े लेकिन साफ शहर चाहिए
65 प्रतिशत 35 वर्ष से कम आयु वाली आबादी इंतजार नहीं कर सकती,उसको हुनर चाहिए और हुनर के अनुसार रोजगार चाहिए
प. एशिया आतंकवाद का तूफान,70 लाख भारतीय रहते हैं
चिंता मत करो भारत है न
केरल की नर्स बहनों ने वो पल कैसे बिताए होंगे
दुनिया में कोई भारतीय संकट में पड़ जाता है तो पूरा भारत चिंतित हो जाता है
आज पूरा दुनिया एक दूसरे पर निर्भर है
मछुआरों का गांव सिंगापुर आज विकास का प्रतीक है,उदाहरण है
21 जून को पूरा विश्व नाक पकड़ता है,योग दिवस मनाता है तब कौन भारतीय गौरवान्वित नहीं होगा। योग मोदी नहीं लाया लेकिन हममें आत्मविश्वास नहीं था कि दुनिया हमारी बात मानेगी कि नहीं।
सवा सौ करोड़ भारतीय के साथ-2 हमें आप प्रवासियों का भी आशीर्वाद चाहिए। हमें एक ही काम करना है विकास-3। वो विकास जो गरीब के आंसू पोंछता हो,किसानों के गोदाम भरता हो,वो विकास जो युवाओं को रोजगार देता हो,माँ-बहनों को सम्मानित जीवन देता हो,छात्रों को अच्छी शिक्षा देता हो,सबको अच्छा स्वास्थ्य देता हो
भारत न सिर्फ आगे बढ़े बल्कि आधुनिक भी बने,
बच्चे भी पुराने पराक्रम सुनने को तैयार नहीं होते। हम पूर्वजों के पराक्रम के गीत गाते हुए अपना पेट नहीं भर सकते प्रेरणा जरूर ले सकते हैं।
पूर्वज तो बहुत कर कर गए हमने क्या किया? अपने पुरूषार्थ,तपस्या से क्या किया? हम भारत के लिए करना चाहते हैं,भारत का विकास करना चाहते हैं। इसके लिए हमें सवा सौ करोड़ भारतीयों सहित आप प्रवासी भारतीयों का भी आशीर्वाद चाहिए।

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