पटना (सं.सू.)। पटना के कच्ची दरगाह से वैशाली के बिदुपर के बीच एप्रोच रोड के साथ 22.76 किमी लंबे पुल के निर्माण के लिए सोमवार को निर्माण कंपनी तय हो गयी। किसी नदी पर देश में यह सबसे बड़ा पुल है। इस ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में 9.76 किमी हिस्सा पुल का है। पुल छह लेन का बनेगा। 1बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन (बीएसआरडीसी) की देखरेख में संचालित होने वाली यह परियोजना लागत के लिहाज से बिहार की सबसे बड़ी एकल परियोजना है। पांच हजार करोड़ रुपये इस पर खर्च होने हैं। इसमें जमीन अधिग्रहण का खर्च भी शामिल है। सोमवार को जब इस मेगा प्रोजेक्ट की निविदा खुली तो तीन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर डाले हुए थे। इसमें चीन की कंपनी चाइना हारबर, चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन और कोरिया की कंपनी देवू थी। न्यूनतम दर कोट करने के कारण देवू को यह प्रोजेक्ट हासिल हो गया।
एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रावधानों के लिहाज से अब पूरे दस्तावेज एडीबी के मुख्यालय को भेजे जाएंगे। एडीबी के स्तर से ही इस प्रोजेक्ट के कार्यारंभ की तारीख तय की जाएगी। अगले माह एडीबी की टीम बिहार आ रही है। बीएसआरडीसी से इस प्रोजेक्ट के लिए ल्ल शेष पृष्ठ 15 पर1राज्य ब्यूरो, पटना : पटना के कच्ची दरगाह से वैशाली के बिदुपर के बीच एप्रोच रोड के साथ 22.76 किमी लंबे पुल के निर्माण के लिए सोमवार को निर्माण कंपनी तय हो गयी। किसी नदी पर देश में यह सबसे बड़ा पुल है। इस ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में 9.76 किमी हिस्सा पुल का है। पुल छह लेन का बनेगा।
बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन (बीएसआरडीसी) की देखरेख में संचालित होने वाली यह परियोजना लागत के लिहाज से बिहार की सबसे बड़ी एकल परियोजना है। पांच हजार करोड़ रुपये इस पर खर्च होने हैं। इसमें जमीन अधिग्रहण का खर्च भी शामिल है। सोमवार को जब इस मेगा प्रोजेक्ट की निविदा खुली तो तीन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर डाले हुए थे। इसमें चीन की कंपनी चाइना हारबर, चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन और कोरिया की कंपनी देवू थी। न्यूनतम दर कोट करने के कारण देवू को यह प्रोजेक्ट हासिल हो गया।1एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रावधानों के लिहाज से अब पूरे दस्तावेज एडीबी के मुख्यालय को भेजे जाएंगे। एडीबी के स्तर से ही इस प्रोजेक्ट के कार्यारंभ की तारीख तय की जाएगी। अगले माह एडीबी की टीम बिहार आ रही है। बीएसआरडीसी से इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के संबंध में मिला अपडेट यह है कि एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट व एक अन्य संस्थान द्वारा सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट कराया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रावधानों के लिहाज से अब पूरे दस्तावेज एडीबी के मुख्यालय को भेजे जाएंगे। एडीबी के स्तर से ही इस प्रोजेक्ट के कार्यारंभ की तारीख तय की जाएगी। अगले माह एडीबी की टीम बिहार आ रही है। बीएसआरडीसी से इस प्रोजेक्ट के लिए ल्ल शेष पृष्ठ 15 पर1राज्य ब्यूरो, पटना : पटना के कच्ची दरगाह से वैशाली के बिदुपर के बीच एप्रोच रोड के साथ 22.76 किमी लंबे पुल के निर्माण के लिए सोमवार को निर्माण कंपनी तय हो गयी। किसी नदी पर देश में यह सबसे बड़ा पुल है। इस ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में 9.76 किमी हिस्सा पुल का है। पुल छह लेन का बनेगा।
बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन (बीएसआरडीसी) की देखरेख में संचालित होने वाली यह परियोजना लागत के लिहाज से बिहार की सबसे बड़ी एकल परियोजना है। पांच हजार करोड़ रुपये इस पर खर्च होने हैं। इसमें जमीन अधिग्रहण का खर्च भी शामिल है। सोमवार को जब इस मेगा प्रोजेक्ट की निविदा खुली तो तीन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर डाले हुए थे। इसमें चीन की कंपनी चाइना हारबर, चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन और कोरिया की कंपनी देवू थी। न्यूनतम दर कोट करने के कारण देवू को यह प्रोजेक्ट हासिल हो गया।1एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रावधानों के लिहाज से अब पूरे दस्तावेज एडीबी के मुख्यालय को भेजे जाएंगे। एडीबी के स्तर से ही इस प्रोजेक्ट के कार्यारंभ की तारीख तय की जाएगी। अगले माह एडीबी की टीम बिहार आ रही है। बीएसआरडीसी से इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के संबंध में मिला अपडेट यह है कि एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट व एक अन्य संस्थान द्वारा सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट कराया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
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