पटना (सं.सू.)। पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि महागठबंधन अनुसूचित जाति के लोगों में भ्रम फैलाकर उनके वोट लेने में सफल रहा है, लेकिन हम उनके भ्रम में आकर हाथ पर हाथ धरकर बैठने वालों में नहीं हैं। सरकार अगले तीन महीने में अनुसूचित जाति व जनजाति के रिक्त पदों का बैकलॉग खत्म करे, वरना हमें पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक आंदोलन खड़ा करने को बाध्य होना पड़ेगा।
बिहार में चुनावी नतीजों के बाद शनिवार को पहली बार मीडिया से बात करते हुए मांझी ने कहा कि हमने अपनी पार्टी की हार की समीक्षा की है। इस हार के सबसे प्रमुख कारणों में नौकरशाही भी है जिसे चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभावार पदस्थापित किया था। हालांकि इस मामले में हमने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जातीय आधार पर लोगों को बरगलाकर वोट लेने की नई परंपरा की शुरुआत हुई है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। बिहार को विशेष पैकेज के बारे में पूछे जाने पर मांझी ने कहा कि हम बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर जरुरत पड़ी तो इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव भी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद राज्य के कई हिस्सों में जातीय तनाव की स्थिति है। हाल यह है कि राजनीतिक लड़ाई में कमजोर वर्ग की महिलाओं और लड़कियों को मोहरा बनाया जा रहा है।
बिहार में चुनावी नतीजों के बाद शनिवार को पहली बार मीडिया से बात करते हुए मांझी ने कहा कि हमने अपनी पार्टी की हार की समीक्षा की है। इस हार के सबसे प्रमुख कारणों में नौकरशाही भी है जिसे चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभावार पदस्थापित किया था। हालांकि इस मामले में हमने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जातीय आधार पर लोगों को बरगलाकर वोट लेने की नई परंपरा की शुरुआत हुई है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। बिहार को विशेष पैकेज के बारे में पूछे जाने पर मांझी ने कहा कि हम बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर जरुरत पड़ी तो इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव भी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद राज्य के कई हिस्सों में जातीय तनाव की स्थिति है। हाल यह है कि राजनीतिक लड़ाई में कमजोर वर्ग की महिलाओं और लड़कियों को मोहरा बनाया जा रहा है।
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