Thursday, November 26, 2015

नीतीश ने किया बिहार में एक अप्रैल 2016 से शराबबंदी का ऐलान

पटना (सं.सू.)। बिहार की सत्ता पर एक बार फिर काबिज हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराब पर पूरी तरह पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। नीतीश ने कहा है कि बिहार में एक अप्रैल 2016 से पूर्ण शराब बन्दी का कानून लागू हो जाएगा।

पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार एजेंडा तैयार कर रही है, जिस पर अमल करते हुए राज्य को शराब से मुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘राजस्व प्राप्ति के बहाने नई पीढ़ी को बर्बाद होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। फायदा-नुकसान व्यापार में होता है, शराब में नहीं।'

दरअसल, बीते सालों में नीतीश के शासन में राज्य में काफी अपराध बढ़ा, जिसकी वजह से उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी। राज्य में जब दोबारा चुनाव का दंगल शुरू हुआ तो नीतीश ने दांव खेला और बिहार में शराब बंदी लागू करने का वादा किया। चुनाव जीतने और सत्ता संभालने के तुरंत बाद नीतीश का ये फैसला जनता के बीच गहरा असर छोड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़े सभी पक्षों के साथ मिलकर सरकार पहले चर्चा करेगी फिर नियम लागू करेगी। नीतीश ने यह घोषणा उस वक्त की थी जब पटना में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ महिलाओं ने शराब का मुद्दा उठाते हुए इस पर बैन लगाने की मांग की थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद इसका आश्वासन दिया था।

नीतीश कुमार ने शराब बंदी का ऐलान तो कर दिया लेकिन कुछ साल पहले इसी मुद्दे पर उनकी राय जुदा थी। नीतीश ने कुछ समय पहले ही कहा था कि जिन्हें पीना है वो टैक्स देकर पीते रहें, टैक्स का पैसा सरकारी खजाने में आएगा तभी जनहित की योजनाएं शुरू हो सकेंगी और विकास होगा। यही नहीं, उन्होंने कहा था कि शराब पीने वाले अपना तरीका ढूंढ़ ही लेते हैं।

बिहार के राजस्व में शराब कारोबार का बड़ा योगदान है। सरकार ने अवैध शराब बिक्री को लेकर पहले भी काफी कदम उठाए और नीतियां बनाई। सूत्रों के मुताबिक, बीते दस सालों में शराब की बिक्री में करीब 10 गुना से भी ज्यादा की बढ़त हुई है। साथ ही 2014-15 में इससे करीब तीन हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार के कोष में पहुंचे।

शराब पर पाबंदी लगने के बाद राज्य में तस्करी की समस्या बढ़ सकती है। सरकार ने पहले भी अवैध शराब की बिक्री पर नकेल कसने की कोशिश तो की है लेकिन पूरी तरह सफलता नहीं मिल सकी। अगर राज्य में शराब बैन होती है तो गुजरात की तरह यहां भी अवैध करोबार की संभावना बढ़ जाती है।

जब आरजेडी विपक्ष में थी तो उसने राज्य में शराब की अवैध बिक्री में नीतीश सरकार की मिलीभगत का भी आरोप लगाया था। आरजेडी ने ठेकों के लाइसेंस दिए जाने पर भी सवाल उठाया था, अब राज्य में आरजेडी और जेडीयू दोनों की मिली-जुली सरकार है। दोनों पार्टियां साथ मिलकर कैसे इस काम को अंजाम देती हैं, यह भी एक गंभीर विषय है।

No comments: