मधेपुरा (सं.सू.)। ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाने के निर्माण की दिशा में शुरुआत हो गई। गुरुवार से इसके लिए भूमि की मापी का काम शुरू हो गया। कारखाने के लिए 300 एकड़ भूमि चाहिए। इसके लिए मधेपुरा-सहरसा रेल पथ से सटी अधिग्रहीत की गई 1100 एकड़ जमीन में से 300 एकड़ भूमि की पैमाइश की जा रही है।
हालांकि ग्रामीणों में इस बात का रोष भी है कि उनकी दो प्रमुख मांगों, पहली वर्तमान अधिसूचित कीमत का चौगुना मुआवजा मिले और दूसरी, अधिग्रहीत की गई जमीन में से 300 एकड़ भूमि लेने के बाद शेष जमीन को अधिग्रहण मुक्त कर दिया जाए अभी तक पूरी नहीं हुईं हैं।1गुरुवार को अंचलाधिकारी मिथिलेश कुमार यादव के साथ मधेपुरा एवं उदाकिशुनगंज के डीसीएलआर भी अमीनों के साथ मापी स्थल पर आए, भूमि दाता ग्रामीणों को समझाया।
मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी मु. सोहेल ने भी भूमिदाताओं को समझाया कि पूर्व में अधिग्रहित 1100 एकड़ भूमि में से 300 एकड़ भूमि को अधिग्रहण मुक्त कराने हेतु वे शीघ्र ही कार्रवाई करेंगे।1गौरतलब है कि मधेपुरा जिला मुख्यालय के निकट तुनियाही और लक्ष्मीपुर चकला मौजा की 300 एकड़ जमीन पर यह कारखाना बनाया जाना है। कारखाने के निर्माण हेतु केंद्र सरकार ने तेजी दिखाई है। विगत एक नवंबर को प्रधानमंत्री यहां जनसभा में एलान भी कर चुके हैं कि चुनाव के ठीक बाद कारखाने को कार्यरूप दिया जायगा। कारखाने का निर्माण कर यहां उत्पादन का ठेका भी अल्सटॉम कंपनी को दिया जा चुका है। यहां 11 वर्षो में कंपनी को 800 विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन कर रेलवे को देना है। यहां बनने वाले इंजन 12 हजार हॉर्स पावर के होंगे। कंपनी यहां 1300 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी। 1गौरतलब है कि रेलवे द्वारा यहां पूर्व में अधिग्रहीत की गई भूमि में से लगभग 70 एकड़ भूमि की कीमत भूमि दाता ले चुके हैं। फिलहाल यहां असली समस्या भूमि की कीमत को लेकर है। इसके लिए कोसी प्रमंडलीय आयुक्त को ऑर्बिट्रेटर नियुक्त किया गया है। वे रेलवे और भूमिदाताओं के पक्ष सुनने के बाद ही कुछ तय करेंगे।
हालांकि ग्रामीणों में इस बात का रोष भी है कि उनकी दो प्रमुख मांगों, पहली वर्तमान अधिसूचित कीमत का चौगुना मुआवजा मिले और दूसरी, अधिग्रहीत की गई जमीन में से 300 एकड़ भूमि लेने के बाद शेष जमीन को अधिग्रहण मुक्त कर दिया जाए अभी तक पूरी नहीं हुईं हैं।1गुरुवार को अंचलाधिकारी मिथिलेश कुमार यादव के साथ मधेपुरा एवं उदाकिशुनगंज के डीसीएलआर भी अमीनों के साथ मापी स्थल पर आए, भूमि दाता ग्रामीणों को समझाया।
मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी मु. सोहेल ने भी भूमिदाताओं को समझाया कि पूर्व में अधिग्रहित 1100 एकड़ भूमि में से 300 एकड़ भूमि को अधिग्रहण मुक्त कराने हेतु वे शीघ्र ही कार्रवाई करेंगे।1गौरतलब है कि मधेपुरा जिला मुख्यालय के निकट तुनियाही और लक्ष्मीपुर चकला मौजा की 300 एकड़ जमीन पर यह कारखाना बनाया जाना है। कारखाने के निर्माण हेतु केंद्र सरकार ने तेजी दिखाई है। विगत एक नवंबर को प्रधानमंत्री यहां जनसभा में एलान भी कर चुके हैं कि चुनाव के ठीक बाद कारखाने को कार्यरूप दिया जायगा। कारखाने का निर्माण कर यहां उत्पादन का ठेका भी अल्सटॉम कंपनी को दिया जा चुका है। यहां 11 वर्षो में कंपनी को 800 विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन कर रेलवे को देना है। यहां बनने वाले इंजन 12 हजार हॉर्स पावर के होंगे। कंपनी यहां 1300 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी। 1गौरतलब है कि रेलवे द्वारा यहां पूर्व में अधिग्रहीत की गई भूमि में से लगभग 70 एकड़ भूमि की कीमत भूमि दाता ले चुके हैं। फिलहाल यहां असली समस्या भूमि की कीमत को लेकर है। इसके लिए कोसी प्रमंडलीय आयुक्त को ऑर्बिट्रेटर नियुक्त किया गया है। वे रेलवे और भूमिदाताओं के पक्ष सुनने के बाद ही कुछ तय करेंगे।
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