तिरुअनंतपुरम (सं.सू.)। केरल के मशहूर सुन्नी धार्मिक नेता कांथापुरम अबूबकर मुसलियार ने शनिवार को कहा कि पुरुष और महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया जाना इस्लाम के खिलाफ है। कोजिकोड में सुन्नी विद्यार्थियों के एक कैंप को संबोधित करते हुए मुसलियार ने कहा कि पुरुष और महिलाओं की बराबरी की बात अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा, ”ऐसा बिलकुल नहीं होने वाला। महिलाओं को सिर्फ बच्चे पैदा करना पता है। दुनिया को पुरुष नियंत्रित करते हैं। बड़ी सर्जरी करने की तो महिला डॉक्टरों की हिम्मत तक नहीं होती।” मुसलियार ने यहां तक कहा कि लैंगिक समानता की मांग से इस्लाम और उसकी संस्कृति को तबाह करने की कोशिश की जा रही है।
मदरसों में बच्चों के शारीरिक शोषण से जुड़े एक महिला पत्रकार के आरोपों का जिक्र करते हुए सुन्नी लीडर ने कहा कि आरोप निराधार हैं। जो लोग इस तरह का आरोप लगाते हैं, उन्हें सबूत भी लाने चाहिए। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धार्मिक नेता ने लड़के और लड़कियों को पढ़ाई के वक्त एक साथ बिठाने के सुझाव को खारिज करते हुए कहा कि यह इस्लाम की संस्कृति के खिलाफ है।
मदरसों में बच्चों के शारीरिक शोषण से जुड़े एक महिला पत्रकार के आरोपों का जिक्र करते हुए सुन्नी लीडर ने कहा कि आरोप निराधार हैं। जो लोग इस तरह का आरोप लगाते हैं, उन्हें सबूत भी लाने चाहिए। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धार्मिक नेता ने लड़के और लड़कियों को पढ़ाई के वक्त एक साथ बिठाने के सुझाव को खारिज करते हुए कहा कि यह इस्लाम की संस्कृति के खिलाफ है।
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