नई दिल्ली (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मलेशिया दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। यहां भारतीय समुदाय पीएम मोदी के भव्य स्वागत की तैयारी पहले ही कर चुका है। पीएम मोदी उनको संबोधित भी करेंगे। प्रधानमंत्री का स्वागत समारोह भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे शुरू होगा।
दोपहर में आयोजित होने वाले इस स्वागत समारोह के पहले हिस्से में भारत और मलेशिया की समृद्ध संस्कृतियों को दर्शाता एक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री यहां आए लोगों को संबोधित करेंगे और यह इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा। पीएम मोदी के स्वागत के लिए मलेशिया के करीब 90 सांस्कृतिक और सामुदायिक संगठनों ने तैयारी की है, जिसमें प्रवासी भारतीय भी शामिल हैं। मलेशिया इंटरनेशनल एग्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (एमआईईसीसी) में होने वाले इस कार्यक्रम में 15,000 लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान देशों के नेताओं और चीन तथा जापान के अपने समकक्षों से बातचीत के दौरान आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई और दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय तथा समुद्री विवादों का जल्द समाधान किये जाने पर जोर दिया। पेरिस में पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने इस बुराई से निपटने की जरूरत को रेखांकित किया। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और मेजबान मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने भी आज हुई अपनी मुलाकात में इस्लामिक स्टेट नामक आतंकी समूह द्वारा फैलायी जा रही नफरत की इस विचारधारा और बुराई के खिलाफ लड़ने का संकल्प किया।
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में अपनी शुरुआती टिप्पणी में मोदी ने कहा, आतंकवाद एक बड़ी वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है जो हम सभी को प्रभावित कर रहा है। हमारा आसियान के सदस्यों के साथ शानदार द्विपक्षीय सहयोग है और हमें यह देखना चाहिए कि हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि को मंजूर करने की दिशा में सहयोग प्रदान करने समेत क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सहयोग किस तरह बढ़ा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध और साझा वैश्विक हितों से जुड़े विषयों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि दोनों देशों को आतंकवाद के साझा खतरे से निपटने के लिए सामरिक समन्वय बढाना चाहिए।
दोपहर में आयोजित होने वाले इस स्वागत समारोह के पहले हिस्से में भारत और मलेशिया की समृद्ध संस्कृतियों को दर्शाता एक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री यहां आए लोगों को संबोधित करेंगे और यह इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा। पीएम मोदी के स्वागत के लिए मलेशिया के करीब 90 सांस्कृतिक और सामुदायिक संगठनों ने तैयारी की है, जिसमें प्रवासी भारतीय भी शामिल हैं। मलेशिया इंटरनेशनल एग्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (एमआईईसीसी) में होने वाले इस कार्यक्रम में 15,000 लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान देशों के नेताओं और चीन तथा जापान के अपने समकक्षों से बातचीत के दौरान आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई और दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय तथा समुद्री विवादों का जल्द समाधान किये जाने पर जोर दिया। पेरिस में पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने इस बुराई से निपटने की जरूरत को रेखांकित किया। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और मेजबान मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने भी आज हुई अपनी मुलाकात में इस्लामिक स्टेट नामक आतंकी समूह द्वारा फैलायी जा रही नफरत की इस विचारधारा और बुराई के खिलाफ लड़ने का संकल्प किया।
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में अपनी शुरुआती टिप्पणी में मोदी ने कहा, आतंकवाद एक बड़ी वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है जो हम सभी को प्रभावित कर रहा है। हमारा आसियान के सदस्यों के साथ शानदार द्विपक्षीय सहयोग है और हमें यह देखना चाहिए कि हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि को मंजूर करने की दिशा में सहयोग प्रदान करने समेत क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सहयोग किस तरह बढ़ा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध और साझा वैश्विक हितों से जुड़े विषयों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि दोनों देशों को आतंकवाद के साझा खतरे से निपटने के लिए सामरिक समन्वय बढाना चाहिए।
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