नई दिल्ली (सं.सू.)। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात देते हुए वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में उनके मूल वेतन में 16 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की है। वित्त मंत्री को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कमर्चारियों का वेतन बढ़ाने के अलावा पूर्व कमर्चारियों की पेंशन में 24% बढ़ोतरी की भी सिफारिश की गई है।
न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.25 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की है। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और उम्मीद है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हो जाएंगी।
इस आयोग में चेयरमैन के अलावा आयोग के अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन राय शामिल हैं। मीना अग्रवाल आयोग की सचिव हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक 10 साल बाद अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है।
न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता वाले सातवें केंद्रीय वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते एवं पेंशन में कुल मिलाकर 23.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% वृद्धि की गई है। साथ ही केंद्रीय नौकरियों में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह करने की सिफारिश की गई है। ये सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू की जाएंगी। इनसे 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इनमें सैन्य बलों के कर्मचारी भी शामिल हैं।
न्यायमूर्ति एके माथुर ने सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी समान रैंक, समान पेंशन की व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की। अगर आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू होती हैं, तो सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का सालाना बोझ आएगा।
वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है। साथ ही ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई है।
नए वेतन ढांचे में छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू की गई पे-ग्रेड व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के ढांचे में शामिल कर दिया गया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा। सातवां वेतन आयोग यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में गठित किया था। आयोग निर्धारित समय में रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाया, जिसके बाद उसे चार महीने का समय और दिया गया था।
आयोग ने 52 तरह के भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की है वहीं 36 तरह के भत्तों को समाहित किया जाएगा। सिफारिशों के लागू होने के बाद सरकार के खर्च में 0.70 फीसदी तक वृद्धि हो जाएगी। सैन्य कर्मचारियों की एमएसपी 6000 रुपये से बढ़कर 15,500 हो जाएगी। तो वहीं नर्सिंग कर्मचारियों की एमएसपी 4200 रुपये से बढ़कर 10,800 हो जाएगी। युद्ध क्षेत्र से इतर काम कने वाले कर्मचारियों का एमएसपी 1000 से बढ़कर 3600 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। ग्रुप ए के अफसरों को अब आईएएस अधिकारी के बराबर तनख्वाह मिलेगी। पैरामिलिट्री फोर्स के जवान की ड्यूटी के दौरान मौत पर शहीद का दर्जा मिलेगा। ऑटोनॉमस बॉडीज, यूनिवर्सिटी और पीएसयू कर्मियों को भी मिलेगा फायदा।
न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.25 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की है। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और उम्मीद है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हो जाएंगी।
इस आयोग में चेयरमैन के अलावा आयोग के अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन राय शामिल हैं। मीना अग्रवाल आयोग की सचिव हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक 10 साल बाद अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है।
न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता वाले सातवें केंद्रीय वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते एवं पेंशन में कुल मिलाकर 23.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% वृद्धि की गई है। साथ ही केंद्रीय नौकरियों में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह करने की सिफारिश की गई है। ये सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू की जाएंगी। इनसे 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इनमें सैन्य बलों के कर्मचारी भी शामिल हैं।
न्यायमूर्ति एके माथुर ने सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी समान रैंक, समान पेंशन की व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की। अगर आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू होती हैं, तो सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का सालाना बोझ आएगा।
वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है। साथ ही ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई है।
नए वेतन ढांचे में छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू की गई पे-ग्रेड व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के ढांचे में शामिल कर दिया गया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा। सातवां वेतन आयोग यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में गठित किया था। आयोग निर्धारित समय में रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाया, जिसके बाद उसे चार महीने का समय और दिया गया था।
आयोग ने 52 तरह के भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की है वहीं 36 तरह के भत्तों को समाहित किया जाएगा। सिफारिशों के लागू होने के बाद सरकार के खर्च में 0.70 फीसदी तक वृद्धि हो जाएगी। सैन्य कर्मचारियों की एमएसपी 6000 रुपये से बढ़कर 15,500 हो जाएगी। तो वहीं नर्सिंग कर्मचारियों की एमएसपी 4200 रुपये से बढ़कर 10,800 हो जाएगी। युद्ध क्षेत्र से इतर काम कने वाले कर्मचारियों का एमएसपी 1000 से बढ़कर 3600 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। ग्रुप ए के अफसरों को अब आईएएस अधिकारी के बराबर तनख्वाह मिलेगी। पैरामिलिट्री फोर्स के जवान की ड्यूटी के दौरान मौत पर शहीद का दर्जा मिलेगा। ऑटोनॉमस बॉडीज, यूनिवर्सिटी और पीएसयू कर्मियों को भी मिलेगा फायदा।
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