जंदाहा (सं.सू.)। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जंदाहा प्रखंड के बरबट्टा घाट से लक्ष्मणपुर हाट जाने वाली निर्माणाधीन सड़क का निर्माण कार्य छह वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया है। परिणाम स्वरूप लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। वहीं कार्य एजेंसी कुंभकर्णी निद्रा में है। जिससे क्षेत्र के लोगों में क्षोभ व्याप्त है।
मालूम हो कि दशकों से इस क्षेत्र के लोग वाया नदी पर पुल के अभाव में फजीहत ङोलने को अभिशप्त थे। अब जबकि प्रखंड के बरबट्टा घाट पर वर्षों पूर्व वाया नदी पर पुल बन चुका है, तो क्षेत्र के लोग विभागीय शिथिलता के कारण जर्जर सड़क का दंश ङोलने को विवश हैं। जानकारी के अनुसार बरबट्टा घाट से लक्ष्मणपुर हाट होते बखरी-बराई गांव तक जाने वाली लगभग साढ़े आठ किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से वित्तीय वर्ष 2008-09 में प्रारंभ हुआ।
निर्माण कार्य पर लगे बोर्ड के अनुसार कार्य एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग के कार्य प्रमंडल हाजीपुर के कार्यपालक अभियंता के तत्वावधान में संबंधित संवदेक द्वारा 12 दिसंबर 2009 को इस पथ का निर्माण कार्य शुरू किया गया। 8690 मीटर लंबे इस सड़क के निर्माण के लिए 4 करोड़ 5 लाख 15 हजार रुपये की प्राक्कलित राशि स्वीकृत की गई। निर्माण कार्य की गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2009 में शुरू हुए इस सड़क के निर्माण कार्य के दौरान 6 वर्षो में सड़क पर केवल मेटल ही बिछाया जा सका है।
स्थानीय लोगों के अनुसार कार्य प्रारंभ होने के समय इस ईट सोलिंग वाली सड़क की ईट भी उखाड़ दी गई। इसके बाद कछुए की चाल से निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2015 में सड़क पर बड़े-बड़े मेटल बिछाने के बाद सड़क का निर्माण कार्य ठप है। सड़क पर बिछे मेटल से जहां राहगीर बराबर जख्मी हो रहे हैं, वहीं सड़कों पर बिछाए गए मेटल वाहनों के चक्के से छिटक कर उड़ने से सड़क किनारे स्थित घरों के लोग भी जख्मी हो रहे हैं। लेकिन विभागीय शिथिलता का आलम यह है कि छह वर्षों में इस सड़क का निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा है। जबकि जंदाहा प्रखंड के पश्चिमी इलाकों के दर्जनों गांवों के लिए यह मुख्य मार्ग है। स्थानीय लोगों ने वैशाली समाहर्ता एवं विभागीय उच्चाधिकारियों से इस सड़क का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराए जाने की मांग की है।
मालूम हो कि दशकों से इस क्षेत्र के लोग वाया नदी पर पुल के अभाव में फजीहत ङोलने को अभिशप्त थे। अब जबकि प्रखंड के बरबट्टा घाट पर वर्षों पूर्व वाया नदी पर पुल बन चुका है, तो क्षेत्र के लोग विभागीय शिथिलता के कारण जर्जर सड़क का दंश ङोलने को विवश हैं। जानकारी के अनुसार बरबट्टा घाट से लक्ष्मणपुर हाट होते बखरी-बराई गांव तक जाने वाली लगभग साढ़े आठ किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से वित्तीय वर्ष 2008-09 में प्रारंभ हुआ।
निर्माण कार्य पर लगे बोर्ड के अनुसार कार्य एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग के कार्य प्रमंडल हाजीपुर के कार्यपालक अभियंता के तत्वावधान में संबंधित संवदेक द्वारा 12 दिसंबर 2009 को इस पथ का निर्माण कार्य शुरू किया गया। 8690 मीटर लंबे इस सड़क के निर्माण के लिए 4 करोड़ 5 लाख 15 हजार रुपये की प्राक्कलित राशि स्वीकृत की गई। निर्माण कार्य की गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2009 में शुरू हुए इस सड़क के निर्माण कार्य के दौरान 6 वर्षो में सड़क पर केवल मेटल ही बिछाया जा सका है।
स्थानीय लोगों के अनुसार कार्य प्रारंभ होने के समय इस ईट सोलिंग वाली सड़क की ईट भी उखाड़ दी गई। इसके बाद कछुए की चाल से निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2015 में सड़क पर बड़े-बड़े मेटल बिछाने के बाद सड़क का निर्माण कार्य ठप है। सड़क पर बिछे मेटल से जहां राहगीर बराबर जख्मी हो रहे हैं, वहीं सड़कों पर बिछाए गए मेटल वाहनों के चक्के से छिटक कर उड़ने से सड़क किनारे स्थित घरों के लोग भी जख्मी हो रहे हैं। लेकिन विभागीय शिथिलता का आलम यह है कि छह वर्षों में इस सड़क का निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा है। जबकि जंदाहा प्रखंड के पश्चिमी इलाकों के दर्जनों गांवों के लिए यह मुख्य मार्ग है। स्थानीय लोगों ने वैशाली समाहर्ता एवं विभागीय उच्चाधिकारियों से इस सड़क का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराए जाने की मांग की है।
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