Tuesday, January 26, 2016

राजपथ से एडिलेड तक जय-जय


नई दिल्ली (सं.सू.)। मंगलवार सुबह हल्की धूप और ठंडी हवाओं के बीच राजपथ पर जनसैलाब उमड़ा हुआ था। गणतंत्र दिवस समारोह देखने आए लोगों के मन में देशभक्ति का जज्बा हिलोरें ले रहा था। 10 बजने से कुछ पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सलामी मंच पर पहुंचे। उस समय तक पूरा राजपथ उत्साही देशवासियों और विदेशी मेहमानों से भर चुका था।

राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के बाद देश की प्रगति और सांस्कृतिक विविधता की झलक झांकियों के रूप में राजपथ पर उतरने लगी। स्वदेश में विकसित पहली वायु रक्षा प्रणाली ‘आकाश’ और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ आधुनिक सैन्य शक्ति का अहसास करवा रहे थे, तो विभिन्न झांकियों में देश की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन किया गया। सर्वोच्च सेनापति प्रणब मुखर्जी ने परेड की सलामी ली। इस बार फ्रांसीसी सेना को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली पहली विदेशी सेना होने का गौरव हासिल हुआ। सबसे आगे मार्च कर रहे फ्रांसीसी सेना के जवान और उनके बैंड विशेष आकर्षण रहे।

ओलांद सांस्कृतिक झांकियों को टकटकी लगाकर देखते रहे। कुछ मौकों पर मोदी ने झांकियों के बारे में विस्तार से बताकर उनका कौतूहल भी शांत किया। एशियाई शेरों को दिखाती गुजरात राज्य की झांकी के बारे में तो मोदी देर तक उन्हें बताते दिखे। यह पांचवां मौका है, जब कोई फ्रांसीसी शासन प्रमुख गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य अतिथि बना है। इससे पहले 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जैक शिराक, 1980 में राष्ट्रपति वेलेरी जिस्काड एस्तेंग, 1998 में राष्ट्रपति जैक शिराक और 2008 में राष्ट्रपति निकोलाई सरकोजी मुख्य अतिथि बने थे।

केसरिया साफे और बादामी बंद गला सूट में पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर भी जनता से सीधे जुड़ते दिखे। परेड की औपचारिकता समाप्त होते ही वह जनता की ओर बढ़ गए। सड़क की दूसरी तरफ जाकर आम लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। फिर देर तक लोगों की ओर हाथ हिलाते हुए पैदल आगे बढ़ते रहे।

इस बार सबकी निगाहें खासतौर पर सेना के रिमाउंट वेटनरी कोर के श्वान दस्ते पर थी। इसे 26 साल बाद दोबारा परेड में शामिल किया गया है। सीमा सुरक्षा बल के ऊंट सवार दस्ते ने न सिर्फ मार्च किया, बल्कि बैंड वादन कर भी लोगों को आश्चर्य से भर दिया। सेना के मोटरसाइकिल सवार जवानों ने अपने करतब दिखाकर लोगों को दांतों तले अंगुली दबा लेने के लिए मजबूर कर दिया। डीआरडीओ ने कम दूरी के वायु और समुद्री निगरानी रडार के साथ ही पनडुब्बी रोधी युद्धपोत टारपीडो के रूप में रक्षा तकनीक में भारत के बढ़ते दखल का उदाहरण पेश किया। हालांकि यह पहला मौका था जब पूर्व फौजियों के दस्ते ने मार्च नहीं किया। मगर उसकी जगह पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए किए जा रहे कामों पर आधारित एक झांकी जरूर देखने को मिली।

उधर,भारतीय क्रिकेट टीमों ने मंगलवार को एडिलेड में मेजबान ऑस्ट्रेलिया पर शानदार जीत दर्ज कर देशवासियों को गणतंत्र दिवस का तोहफा दिया। जीत के जश्न की शुरुआत एडिलेड ओवल मैदान पर सुबह भारतीय महिला टीम ने की। उन्होंने ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत पहले टी-20 मैच में रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराया। महिला टीम ने पहले गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 141 रन पर रोका और फिर 18.4 ओवर में पांच विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस दौरान भारतीय महिला टीम ने सबसे बड़े लक्ष्य को भी हासिल किया। इसके बाद बारी थी पुरुष टीम की। विराट कोहली (नाबाद 90) व सुरेश रैना (41) की बेहतरीन बल्लेबाजी और गेंदबाजों के सम्मिलित प्रदर्शन की बदौलत पुरुष टीम ने पहले टी-20 मैच में ऑस्ट्रेलिया को 37 रनों से मात दे दी। भारत ने निर्धारित 20 ओवरों में तीन विकेट खोकर 188 रनों का दमदार स्कोर खड़ा किया और उसके बाद 189 रनों के लक्ष्य की पीछा करने उतरी आस्ट्रेलियाई टीम को 19.3 ओवरों में 151 रनों पर ढेर कर दिया। करियर की सर्वश्रेष्ठ टी-20 पारी खेलने वाले कोहली को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया।

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