Sunday, January 17, 2016

बेटी-नातिन को खोनेवाली वृद्धा के चीत्कार से छलनी हुए गामीणों के सीने


हाजीपुर (सं.सू.)। जिसे एक वर्ष की उम्र से ही सीने से चिपकाए रखा। पाला-पोसा एवं बड़ा किया उसे अंतिम समय में देख भी नहीं पायी। यह कहते हुए चीत्कार मार कर रो पड़ती है किरण कुमारी की वृद्धा नानी सुशिला देवी। वह अपने घर पर दहाड़ें मार कर रो-रोकर लोगों को अपनी व्यथा सुना रही है कि कैसे किरण की मां की मौत के बाद से ही उसने उस बच्ची को अपनी गोद में बड़ा किया। प्रतिकूल परिस्थिति होने के बावजूद भी उसे किसी प्रकार का दुख अनुभव नहीं करने दिया। लेकिन भगवान ने आखिर किस बात की सजा उन्हें दी कि उनकी नातिन की हत्या कर दी गई। जब वह खेत में काम करने गई थी कि इसी बीच उसे घर से लेकर उसका बाप चला गया।

अंतिम यात्रा पर जाने से पहले से वह उसका मुंह भी नहीं देख पाई। उसकी शादी भी तय थी। इस वर्ष वह मैट्रिक की परीक्षा देने वाली थी। उसे उसने बड़े जतन से पाल-पोस कर बड़ा किया था कि वह अपनी मां को भूल जाए तथा पिता के साये से दूर रहे। उसके पिता ने ही उसकी मां इंदू देवी को मौत की नींद सुला दिया था। फिर किरण को भी मौत दे दी। भगवान ने उसके साथ ये कैसा क्रूर मजाक किया। वह अपनी पुत्री की मौत का गम किरण को देख कर ही भूलती है। किरण की हत्या से उसके ननिहाल बलवा कोआरी में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। किरण की सुशीलता एवं सज्जनता के सभी कायल थे। गांव के हर शख्स को उसके असमय काल के गाल में समा जाने का गम है।

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