नई दिल्ली (सं.सू.)। दिल्ली अकाली दल और डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने संवाददाताओं से कहा कि यह बात सामने आई है कि फाइल मार्च, 2015 से गायब है, 'आप' के एक वरिष्ठ नेता ने बयान दिया कि फाइल मिल गई है। सरकार की तरफ से असमंजस की स्थिति पैदा की गई है। हम चाहते हैं कि इस पूरे मामले की सीबीआई अथवा किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए ताकि यह बात स्पष्ट हो कि फाइल कैसे गायब हुई, कौन जिम्मेदार है और एसआईटी की जांच में अब तक क्या हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह वही केजरीवाल हैं जिन्होंने कांग्रेस के समर्थन से 49 दिनों की सरकार बनाई थी। फाइल उस वक्त गायब हुई जब सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला अदालत में निर्णायक दौर में था। ऐसे में हमें संदेह है कि इसमें कुछ साजिश है। आरोपियों को बचाने की साजिश लगती है और इसमें केजरीवाल और कांग्रेस मिले हैं। जीके ने आरोप लगाया कि सिखों का कत्लेआम हमारे लिए राजनीति मुद्दा नहीं है। हम इंसाफ चाहते हैं। केजरीवाल सिखों को भावनाओं का राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। परंतु इस बार वह पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह वही केजरीवाल हैं जिन्होंने कांग्रेस के समर्थन से 49 दिनों की सरकार बनाई थी। फाइल उस वक्त गायब हुई जब सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला अदालत में निर्णायक दौर में था। ऐसे में हमें संदेह है कि इसमें कुछ साजिश है। आरोपियों को बचाने की साजिश लगती है और इसमें केजरीवाल और कांग्रेस मिले हैं। जीके ने आरोप लगाया कि सिखों का कत्लेआम हमारे लिए राजनीति मुद्दा नहीं है। हम इंसाफ चाहते हैं। केजरीवाल सिखों को भावनाओं का राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। परंतु इस बार वह पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।
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