गोरखपुर (सं.सू.)। कुशीनगर से गिरफ्तार हुए संदिग्ध ISIS आतंकी रिजवान के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि रिजवान आईएसआईएस सरगना अबू बकर अल-बगदादी से सीधे टच में था। वहीं, लखनऊ में अरेस्ट हुआ अलीम अहमद सरकार से मिले लैपटॉप पर टेररिस्ट वेबसाइट सर्च करता था।
एटीएस की रिजवान से पूछताछ के बाद कई खुलासे हुए हैं। ऑपरेशन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 20 साल का रिजवान जन्नत पाना चाहता था। इसके लिए वह सीरिया जाकर अमेरिकी सेना से ISIS के लिए लड़ना चाहता था। गोवा में वह 30 हजार रुपए किराए का कमरा लेकर रहता था। यहीं से आईएसआईएस का रीजनल ऑफिस चला रहा था। रिजवान फेसबुक के जरिए 8 महीने से आईएसआईएस के टच में था। एक्टिविटी देख उसे चेन्नई बुलाया गया, जहां एक लाख रुपए देकर जिम्मेदारी सौंपी गई। बाद में और रुपए देने का लालच दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, रिजवान जगह-जगह घूमकर स्लीपिंग मॉड्यूल भी तैयार कर रहा था। बताया जा रहा है कि इसके लिए उसे सीधे बगदादी से आदेश मिला था। यह भी लालच दिया गया था कि कामयाब हुए तो काफी फायदा होगा। जानकारी के मुताबिक रिजवान एक बड़ी साजिश को भी अंजाम देने में जुटा हुआ था। वह देश में कई स्थानों पर इंडियन मुजाहिदीन के संग मिलकर धमाके करने की तैयारी कर रहा था। वह कुशीनगर (यूपी) में भी सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बना रहा था।
दूसरी तरफ अलीम को एनआईए और एसटीएफ की टीम ने अरेस्ट किया। हैदराबाद की क्राइम ब्रांच की टीम भी लखनऊ में मौजूद थी। वह हैदराबाद के चार संदिग्धों के साथ लगातार टच में था। अलीम के एक बैंक खाते की भी जानकारी मिली है। खाते में 1500 रुपए जमा बताए जा रहे हैं।
एजेंसियों का मानना है कि अलीम साइबर कैफे का इस्तेमाल नहीं करता था। सारा काम वह लैपटॉप के जरिए करता था। अलीम को पता चल गया था कि उसकी तलाश की जा रही है। इसलिए वह लखनऊ में बहन के यहां रह रहा था। अलीम के पेरेंट्स के मुताबिक 12th के बाद उसे सरकार ने लैपटॉप दिया था। जो कुछ समय इस्तेमाल के बाद उसने बेच दिया। हालांकि, अभी लैपटॉप बरामद नहीं हुआ है।
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