पटना (सं.सू.)। बिहार बंद के दौरान हुए हंगामे और तोड़फोड़ मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके दो पुत्रों तेजप्रताप व तेजस्वी यादव के खिलाफ दर्ज केस राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। पटना व्यवहार न्यायालय में सरकार के वकील द्वारा दिये गए आवेदन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दर्ज मुकदमा को खारिज करने की स्वीकृति दे दी।
27 जुलाई 2015 को राजद के आह्वान बिहार बंद हुआ था। पुलिस ने कोतवाली थाने के डाकबंगला चौराहे पर बंद के दौरान पार्टी के लोगों द्वारा हंगामा करने, पुलिस की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने, आम नागरिकों के साथ र्दुव्यवहार करने जैसे आरोप लगाते हुए पुलिस ने 262 लोगों पर केस दर्ज किया था। पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद, पुत्र तेजप्रताप, तेजस्वी यादव, पार्टी के नेता रामचन्द्र पूर्वे, भोला यादव, समेत 262 लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे को राज्य सरकार ने मंगलवार को वापस ले लिया। सीजेएम की अदालत में पुलिस द्वारा आरोप पत्र दायर करने के बाद कोर्ट ने इसे संज्ञान ले लिया था। इसी बीच बिहार सरकार ने कोर्ट में आवेदन देकर सरकार की ओर से मुकदमे वापस लेने की अनुमति मांगी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले का आम नागरिकों की न हिस्सेदारी है न ही कोई सरोकार। इसलिए यह मुकदमा सरकार वापस ले रही है। पुलिस द्वारा दर्ज इस मामले का कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ अदालत में उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया था।
27 जुलाई 2015 को राजद के आह्वान बिहार बंद हुआ था। पुलिस ने कोतवाली थाने के डाकबंगला चौराहे पर बंद के दौरान पार्टी के लोगों द्वारा हंगामा करने, पुलिस की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने, आम नागरिकों के साथ र्दुव्यवहार करने जैसे आरोप लगाते हुए पुलिस ने 262 लोगों पर केस दर्ज किया था। पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद, पुत्र तेजप्रताप, तेजस्वी यादव, पार्टी के नेता रामचन्द्र पूर्वे, भोला यादव, समेत 262 लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे को राज्य सरकार ने मंगलवार को वापस ले लिया। सीजेएम की अदालत में पुलिस द्वारा आरोप पत्र दायर करने के बाद कोर्ट ने इसे संज्ञान ले लिया था। इसी बीच बिहार सरकार ने कोर्ट में आवेदन देकर सरकार की ओर से मुकदमे वापस लेने की अनुमति मांगी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले का आम नागरिकों की न हिस्सेदारी है न ही कोई सरोकार। इसलिए यह मुकदमा सरकार वापस ले रही है। पुलिस द्वारा दर्ज इस मामले का कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ अदालत में उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया था।
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