Wednesday, January 20, 2016

रोहित वेमुला मामले में टर्न, दलित नहीं ओबीसी था

हैदराबाद (सं.सू.)। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रोहित वेमुला की खुदखुशी को लेकर जहां राजनीति गरम है, वहीं उसके दलित होने के दावे पर भी सवाल उठने लगे हैं। रोहित वेमुला ने हैदराबाद यूनिवर्सटी में समान्य मेरिट वर्ग से प्रवेश लिया था। हालांकि, प्रवेश पत्र में उन्होंने खुद को एससी बताया था मगर जांच में यह बात सामने आ रही है कि रोहित दलित नहीं, ओबीसी था।

मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने बताया, रोहित ने समान्य मेरिट वर्ग से प्रवेश लिया था, इसलिए उन्हें यूनिवर्सिटी में एससी का प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं पड़ी थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रोहित के चाचा ने हमें बताया कि उनके पिता वडेरा समुदाय के थे। दक्षिण में पत्थर काटने वाला समुदाय वडेरा होता है। वडेरा को पिछड़ी जाति में रखा गया है न की अनुसूचित जाति में।

यह मामला तब और उलझ गया जब रोहित की मां ने कहा कि वो अनुसूचित जाति से है। पुलिस अधिकारी तहसिलदार से दस्तावेज मंगा कर जाति का सत्यापन कर सकते है। हालांकि, यूनिवर्सिटी और छात्रों को रोहित के दलित होने पर कोई संदेह नहीं है। छात्रों का आरोप है कि कुछ शक्तिशाली लोग मंत्री और वीसी मामले को कमजोर करने की कोशिश कर रहे है और इसीलिए छात्र के दलित होने की बात से झुठलाना चाह रहे है।

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