Saturday, January 30, 2016

नहीं टूटेगा हाजीपुर का वासुदेव मंदिर,निकली बीच की राह

हाजीपुर (सं.सू.)। नगर थाना क्षेत्र के बागमली स्थित वासुदेव मंदिर को तोड़ने और बचाने को लेकर बीते 26 जनवरी की रात हुए बवाल के बाद इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासनिक स्तर पर पहल शुरू की गयी। डीएम-एसपी ने बारी-बारी से दोनों पक्षों से वार्ता की। पुन: शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम-एसपी की मौजूदगी में परिवादी पक्ष और मोहल्ले के गणमान्य और बुद्धजीवियों की बैठक हुई। बैठक के दौरान दोनों पक्ष के लोगों के बीच मंदिर का जीर्णोद्धार कर रास्ता बनाने पर सहमति बनी। मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 15 सदस्यीय कमेटी भी गठित की गयी। साथ ही सदर एसडीओ व नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी ने कमेटी के सदस्यों के साथ मंदिर स्थल का निरीक्षण किया। रविवार से मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य भी शुरू हो जायेगा। परिवादी पक्ष ने मंदिर के जीर्णोद्धार पर आने वाले खर्च के वहन की जिम्मेवारी ली है। इसके बदले मंदिर की उत्तरी दीवार हटा दी जाएगी जिससे परिवादी पक्ष अपने घर आ-जा सके। इस पूरे प्रकरण में मुजफ्फरपुर जिला में पदस्थापित इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिंह ने प्रशासन व दोनों पक्षों के लोगों को एक मंच पर लाने में काफी सराहनीय भूमिका रही।

26 जनवरी की रात हुए बवाल और हाईकोर्ट द्वारा एक माह के अंदर मंदिर विवाद का हल निकालने के सख्त आदेश के बाद प्रशासनिक स्तर पर वार्ता के जरिये इसके समाधान की पहल शुरू की गयी। सबसे पहले 27 जनवरी को हाईकोर्ट में अपील दायर करने वाले कैलाश ठाकुर के साथ डीएम-एसपी ने वार्ता की। इसके बाद 28 जनवरी को पुन: डीएम-एसपी ने मोहल्ले के गणमान्य व बुद्धिजीवियों के साथ बैठक कर इस समस्या के समाधान पर चर्चा की। 1दोनों पक्षों से अलग-अलग वार्ता के बाद शनिवार को दोनों पक्षों के लोगों के साथ डीएम-एसपी ने बैठक कर समस्या का समाधान निकाला। साथ ही मंदिर के जीर्णोद्धार के 15 सदस्यीय कमेटी का गठन करते हुए अधिवक्ता शंभु गुप्ता को कंवेनर की जिम्मेवारी सौंपी गयी। मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य बबलू साव की देखरेख में होगा जबकि कैलाश ठाकुर ने मंदिर के जीर्णोद्धार का सारा खर्च वहन करने की जिम्मेवारी ली है।

पटना हाईकोर्ट ने बागमली निवासी कैलाश ठाकुर की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सड़क पर से अविलंब मंदिर हटाने का निर्देश दिया था। मंदिर नहीं हटाये जाने पर पटना हाईकोर्ट ने वैशाली डीएम रचना पाटिल व नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी हिमानी को जमकर फटकार लगायी थी। कोर्ट ने 20 जनवरी को आदेश का अनुपालन करते हुए उसकी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मंदिर को नहीं हटाया जा रहा है जिससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। 20 जनवरी को मंदिर तोड़ने में सफलता नहीं मिलने पर पुन: 25 जनवरी को मामले की सुनवाई करते हुए वैशाली डीएम व नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता को फटकार लगाते हुए बिहार के मुख्य सचिव, गृह सचिव एवं नगर विकास के प्रधान सचिव को कोर्ट में तलब करते हुए 27 जनवरी की तिथि निर्धारित की गयी थी। इसी आदेश के आलोक में 26 जनवरी को भारी संख्या में पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारी मंदिर तोड़ने गये थे। लेकिन लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया तथा रात्रि में पुलिस पर पथराव कर कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। सरकार के अनुरोध पर 27 जनवरी को कोर्ट ने जिला प्रशासन को एक माह का मोहल्लत दिया था।

डीएम रचना पाटिल, एसपी राकेश कुमार की मौजूदगी में हुई बैठक में सदर एसडीओ रवींद्र कुमार, नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी कुमारी हिमानी के अलावे अपीलकर्ता कैलाश ठाकुर और नगर परिषद की पूर्व सभापति रमा निषाद, पूर्व उपसभापति विजय कुमार तथा अधिवक्ता शंभु गुप्ता, पातेपुर महंत विश्वमोहन दास, प्रो. ललन सिंह, प्रभु साह, बबलू साव, दीपक चौधरी आदि शामिल थे।

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