पटना (सं.सू.)। कपड़ा एवं साड़ी पर राज्य सरकार की ओर से पांच फीसद वैट लगाने के विरोध में सोमवार को कपड़ा व्यवसायियों ने काला बिल्ला लगाया। बिहार टेक्सटाइल चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रधान सचिव रंजीत सिंह ने कहा कि लगन एवं त्योहारों पर कपड़े की बिक्री होती है। अगर पड़ोसी राज्यों में बिना वैट कपड़ा मिलता है तो बिहार के लोग उन्हीं राज्यों से बड़ी खरीदारी करने लगेंगे। ऐसे में बिहार का कपड़ा उद्योग बर्बाद हो जाएगा। कहा कि गुजरात और मुंबई कपड़ा का गढ़ है। वहां भी कपड़ा पर वैट नहीं है। उत्तर प्रदेश अन्य पड़ोसी राज्य भी कपड़ा पर वैट नहीं लगाते हैं।
चैंबर के सदस्यों ने कहा कि बिहार में कपड़ा पर वैट लगाने का निर्णय बेतुका है। बिहार में तो कपड़ा उद्योग अभी पनप रहा है। इसे बढ़ावा देने की जगह टैक्स लगा इसे हतोत्साहित करने की बात समझ से परे है। इस उद्योग में अधिकांश लोग अनपढ़ हैं। उन्हें अगर कागजी दायरे में लाया जाएगा तो उन्हें असुविधा होगी। उनकी आय भी बहुत कम है। स्थितियों को देखते हुए सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और इसे वापस लेना चाहिए। कहा कि इस संबंध में हम शीघ्र सूबे के वित्त एवं वाणिज्य मंत्री को एक ज्ञापन देंगे। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार के वस्त्र व्यवसायी आंदोलन के मूड में आ गए हैं। राज्य सरकार अगर समय रहते इस मामले पर कार्रवाई नहीं करती है तो गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है।
इधर, बिहार टेक्सटाइल्स चैंबर ऑफ कॉमर्स के समर्थन में बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स भी आ गई है। कॉमर्स की ओर से राज्य सरकार से वस्त्र व्यवसायियों के पक्ष में निर्णय लेते हुए पांच फीसद वैट लगाने के आदेश को समाप्त करने का अनुरोध किया गया है।
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