Friday, January 22, 2016

रोहित का जिक्र कर भावुक हुए मोदी

लखनऊ (सं.सू.)। अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैदराबाद के शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या का जिक्र करते हुए भावुक हो गए। शुक्रवार को अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की होगी। भारत दुनिया का सबसे जवान देश है। देश के सपने, संकल्प और उस पर मर-मिटने वाले भी जवान हैं। लेकिन जब यह खबर मिलती है कि देश के बेटे रोहित को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा तो दुख होता है। इस दु:खद घटना के कारण अपनी जगह होंगे। राजनीति भी अपनी जगह होगी। लेकिन हकीकत यह है कि एक मां ने अपना लाल खोया है। यह कहते-कहते वह भावुक हो उठे और थोड़ी देर के लिए चुप हो गए। बाद में बोले कि रोहित के परिवार पर क्या बीती होगी, उस पीड़ा को महसूस करते हैं।

दीक्षांत समारोह में मोदी का 32 मिनट का भाषण बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के इर्द-गिर्द रहा। विद्यार्थियों से उन्होंने अंबेडकर का यह संदेश साझा किया कि संघर्षो से विजयी होकर निकलने का रास्ता शिक्षा है। यह संघर्ष अपने साथ, अपनों के साथ और अपने आसपास भी करना पड़ता है। अंबेडकर के जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा यही है कि विरोध, उपेक्षा, अपमान और संकटों का रोना रोने के बजाय उनसे जूझते हुए आगे बढ़ना है। रोहित वेमुला की खुदकशी का विवाद दिल्ली होता हुआ शुक्रवार को लखनऊ पहुंच गया। अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मोदी को विरोध का सामना करना पड़ गया। उनके भाषण के ठीक पूर्व कुछ छात्रों ने ‘मोदी गो बैक’ और ‘मोदी मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाए।

भाषण के लिए जैसे ही प्रधानमंत्री खड़े हुए कुछ छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद शोर थमने पर उन्होंने भाषण दिया। नारे लगाने वाले दोनों छात्रों-राम करण और भुवनेश आर्य को पुलिस और विश्वविद्यालय के अफसरों ने पकड़ लिया। विश्वविद्यालय के प्रोटोकॉल अधिकारी कमल जायसवाल ने बताया कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

रोहित आत्महत्या मामले की मानव संसाधन विकास मंत्रलय न्यायिक जांच कराएगा। यह फैसला हैदराबाद से लौटी दो सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद लिया गया है। आयोग को तीन माह में रिपोर्ट सौंपनी होगी।

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