Sunday, January 17, 2016

स्वामी का दावा- मोदी के कुछ मंत्री ही बचा रहे हैं थरूर को


जयपुर (सं.सू.)। भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को यहां एक प्रोग्राम के दौरान मोदी सरकार के कैबिनेट को ही आड़े हाथ लिया। उन्होंने सुनंदा पुष्कर की मौत पर कहा कि केंद्र सरकार के कुछ मंत्री नहीं चाहते कि शशि थरूर इस मामले में फंस जाएं।

स्वामी ने कहा कि एफबीआई की ओर से दी गई रिपोर्ट में सुनंदा पुष्कर की जहर से मौत का मामला तो सामने आ रहा है, लेकिन साफ तौर पर नहीं कहा गया है कि जहर कौन-सा था। इसके अलावा एम्स के डॉक्टरों की रिपोर्ट में भी जहर से मौत की बात कही गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि वह कौन-सा जहर था, जिससे सुनंदा पुष्कर को कार्डियक अरेस्ट हुआ और उनकी मौत हो गई। इन सबके बावजूद केंद्रीय मंत्रियों के दबाव के चलते सीबीआई और दिल्ली पुलिस सुनंदा की मौत को नॉर्मल डेथ बता रही है।

सुब्रमण्यम स्वामी का यह भी दावा है कि मौत के तीन दिन पहले सुनंदा केरल में बिल्कुल ठीक थीं। उन्हें कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन अचानक उन्हें क्या हुआ पता ही नहीं चला? अचानक ऐसी क्या बीमारी हो गई कि नार्मल डेथ हो गई? सच्चाई तो यह है कि ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टिट्यूट के फॉरेंसिक डिर्पाटमेंट की ऑटोप्सी में डां सुधीर गुप्ता ने जहर की पुष्टि की थी। अब एफबीआई ने भी डां सुधीर गुप्ता की रिपोर्ट को सही बताया है। सुनंदा को हार्ट अटैक की दवा लिकोडाइन को इंजेक्ट करने की भी बात कन्फर्म हुई है। इन्वेस्टिगेशन के अनुसार सुनंदा पुष्कर के शरीर पर 10 चोट सामने आई हैं। इनमें से एक चोट उसकी हथेली पर भी थी, जिसमें स्पष्ट हो रहा था कि उसे किसी ने जकड़कर पकड़ा हो। यह बात डॉ. गुप्ता की रिपोर्ट में सामने आईं, जिसे एफबीआई ने भी जस्टीफाई किया। इसके अलावा सुनंदा के गालों पर भी निशान थे, जो इस बात को बताते हैं कि किसी ने जबरन उसके मुंह में दवा डाली हो।

स्वामी ने आरोप लगाया कि शशि थरूर ने पुलिस को जो भी अब तक बताया है वह सब झूठ है। शशि थरूर ने पुलिस को बताया की उन्हें सुनंदा की मौत के बारे में सुबह 7:30 पता चला था, जबकि उनके पीएस ने उन्हें सुबह 4:30 ही फोन पर सूचना दे दी थी। यह बात पुलिस रिकॉर्ड में भी है। सुनंदा ने अपने मोबाइल फोन से सेल्फी भी ली थी, जिसे पहले छिपा दिया था, लेकिन अब वह फिर से सामने आ गया है।

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