Saturday, January 16, 2016

अगंभीर और आधे-अधूरे नेता हैं राहुल गांधी-BJP

नई दिल्ली (सं.सू.)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस इस बारे में कभी गंभीर नहीं रही और विपक्षी पार्टी की नकारात्मक मानसिकता इस अहम कर सुधार विधेयक में देर कर रही है।
राहुल गांधी को अगंभीर और आधे अधूरा नेता बताते हुए भाजपा ने उनकी इस टिप्पणी को लेकर हमला बोला कि उनकी पार्टी जीएसटी का समर्थन करेगी बशर्ते उसकी तीन शर्तें मान ली जाएं। भाजपा ने यह भी कहा कि उन्हें मुद्दे को भटकाने की बजाय स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए कि कांग्रेस इसके पक्ष में है या विरोध में। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने बताया कि विकास विरोधी, गरीब विरोधी राजनीति करने की बजाय राहुल गांधी को देश को बताना चाहिए कि उनकी पार्टी जीएसटी का समर्थन करती है या नहीं। कांग्रेस को इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करना चाहिए कि वह देश के अहम विकास के लिए जीएसटी विधेयक का समर्थन करती है या नहीं।

कांग्रेस इस विधेयक परं कभी गंभीर नहीं रही और यूपीए के मसौदा बिल का कांग्रेसशासित कई राज्यों ने विरोध किया था जबकि भाजपा के मसौदा जीएसटी विधेयक को ज्यादातर राज्यों ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि फिर भी कांग्रेस आलाकमान ने अपने तुच्छ राजनीतिक मंसूबों की खातिर जीएसटी को रोकने के लिए संसद को बाधित किया। अदालत ने जब उन्हें नेशनल हेराल्ड मामले में व्यक्तिगत रूप से पेशी से छूट नहीं दी, तब कांग्रेस नेताओं ने संसद को बाधित कर दिया और जीएसटी विधेयक अटका दिया।

पठानकोट आतंकवादी हमलों से कथित तौर पर ठीक से नहीं निपटने को लेकर सरकार की आलोचना करने पर राहुल को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि उनके जैसे ‘अगंभीर और आधे-अधूरे’ नेता को राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मुद्दे पर बोलने से पहले आत्मावलोकन करना चाहिए। शर्मा ने कहा कि जब हमला हुआ उस वक्त राहुल गांधी विदेश में छुट्टियां मना रहे थे। राहुल जैसे एक अगंभीर और आधे-अधूरे नेता को संवेदनशील मुद्दों पर परिपक्व बयान देना चाहिए। बोलने से पहले उन्हें आत्मावलोकन करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल 5,000 करोड़ रुपए के नेशनल हेराल्ड मामले से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गुमराह करने वाले बयान दे रहे हैं।

शर्मा ने इस बात का जिक्र किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक और बाद में वित्त मंत्री अरुण जेटली की कांग्रेस के अन्य नेताओं से मुलाकात के जरिए भाजपा ने जीएसटी विधेयक पर आमराय बनाने की कोशिश की थी न कि कुछ और चीज की। उन्होंने कहा कि विधेयक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के ‘अहंकार’ और ‘सनक’ के चलते पारित नहीं हो सका। भाजपा ने आतंकवाद के बारे में बात करने के कांग्रेस के नैतिक अधिकार पर भी सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि यह आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों का समर्थन करने में शामिल रही है और उन्हें अतीत में ‘साहिब’ के रूप में संबोधित किया गया।

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