Friday, April 29, 2016

ऑगस्‍टा वेस्‍टलैंड ने डील कैंसिल होने के बाद नहीं लौटाए 800 करोड़ रुपये

नई दिल्‍ली (सं.सू.)। ऑगस्‍टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्‍टर सौदे में घोटाले का खुलासा होने के बाद विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इटली की कोर्ट के फैसले में भारतीय नेताओं व अन्‍य को रिश्‍वत देने की बात सामने आने के बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया है। इस डील में कांग्रेस के कई नेताओं के नाम सामने आए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 53 करोड़ डॉलर का कांट्रैक्‍ट हासिल करने के लिए कंपनी ने भारतीय को 120-125 करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी थी। अब एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि ऑगस्‍टा वेस्‍टलैंड कंपनी ने इस डील के कैंसिल होने के बाद भारत को अब तक पैसे नहीं लौटाए हैं। बताया जा रहा है कि तीन चॉपर्स के लिए कंपनी को 800 करोड़ रुपये दिए गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार, डील कैंसिल होने के बाद ऑगस्‍टा वेस्‍टलैंड कंपनी ने भारत को 800 करोड़ रुपए अब तक नहीं लौटाए हैं। जबकि यह डील 3600 करोड़ में हुई थी। रिपोर्टों के अनुसार, भारत की ओर से कंपनी को गई डाउन पेमेंट डील कैंसल होने के बाद नहीं लौटाई गई। घोटाला सामने आने के बाद कंपनी ने ये हेलीकॉप्‍टर भारत को भेजे थे, जो अभी भी पालम एयरबेस पर हैं। डील कैंसिल होने के बाद इनका इस्तेमाल नहीं किया गया। कंपनी ने भारत में तीन हेलीकॉप्टर भेजे थे, जिसे एयरफोर्स ने 2012 में स्वीकार किया था। इससे 9 महीने पहले इटली में ऑगस्टा वेस्टलैंड में करप्शन को लेकर पहली गिरफ्तारी हुई थी। करप्शन सामने आने के बाद भारत सरकार ने डील कैंसिल कर ऑगस्‍टा वेस्टलैंड से पेमेंट की वसूली के लिए मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू की, तब तक ये हेलीकॉप्टर्स 556 घंटों की उड़ान भर चुके थे।

रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2013 में संसद में कैग की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें दो गड़बड़ियों की तरफ इशारा किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी ने कॉस्ट 4877।5 करोड़ बताई थी, जबकि जनवरी 2006 में इसकी कीमत 793 करोड़ मानी गई थी। लिहाजा नई कॉस्ट छह गुना ज्यादा थी। वेंडर ने 3966 करोड़ की कॉस्ट ऑफर की थी जबकि कमेटी उससे 22।80 पर्सेंट ज्यादा यानी 4877।5 करोड़ रुपए देने को राजी थी।

गौर हो कि भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2010 में इटली की कंपनी ऑगस्‍टा से 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था। उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी और वायुसेना के प्रमुख एसपी त्यागी थे। साल 2012 में यह घोटाला सामने आया। साल 2013 में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भ्रष्टाचार की बात कबूल करते हुए इस सौदे को रद्द कर दिया। भारत ने यह सौदा अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से किया था और हेलीकॉप्‍टर बनाने वाली कंपनी का नाम है फिनमेकेनिका। टेंडर की शर्तें बदलने के एवज में फिनमेकेनिका कंपनी ने पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी के साथ उनके तीन रिश्तेदारों को घूस दी थी।

गौर हो कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले को लेकर हुए विवाद के बीच सरकार ने कहा कि सौदे के बारे में वह सीबीआई से रिपोर्ट मांगेगी और ऑगस्‍टा वेस्टलैंड और इसकी मूल कंपनी फिनमेकेनिका को काली सूची में डालने की पहल करेगी। साथ ही सरकार ने दावा किया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने घोटाले में घिरी कम्पनी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था।

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