नई दिल्ली (सं.सू.)। जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे पाकिस्तान का हाथ अब खुद झुलसने लगा है। गुलाम कश्मीर में गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे लोगों ने पाकिस्तान से आजादी की मांग उठा दी है। नौकरियों और अन्य क्षेत्रों में पाकिस्तानी नागरिकों को तरजीह देने से नाराज लोगों ने बड़ा विरोध-प्रदर्शन किया है। इससे बौखलाई पाकिस्तानी पुलिस बर्बरता पर उतर आई है। बुधवार को ऐसी ही बड़ी रैली में पुलिस का कहर टूटा। गुलाम कश्मीर में तेजी से बदलते हालात पर भारतीय एजेंसियां नजर रखे हुए हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बुधवार को गुलाम कश्मीर के कई हिस्सों में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए। आक्रोशित कश्मीरी युवा नौकरियों में भारी भेदभाव का आरोप लगा रहे थे। प्रदर्शन में पाकिस्तान से आजादी के नारे लगे। युवाओं के नारे थे-‘हम कश्मीर बचाने निकले हैं, आओ हमारे साथ चलो।’ कश्मीर नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन और जम्मू-कश्मीर नेशनल आवामी पार्टी के बैनर तले युवाओं ने राजधानी मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी अधिकारियों की दमनकारी नीति के खिलाफ जमकर नारे लगाए। पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। इससे कई युवा जख्मी हो गए। कई को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
स्थिति पर नजर रखने वाली सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सौतेले व्यवहार को लेकर स्थानीय युवाओं में असंतोष तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की तरफ कश्मीर घाटी में तेजी से विकास हो रहा है, जबकि गुलाम कश्मीर के हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। स्थानीय लोग आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी सेना की दखलंदाजी से भी परेशान हैं। आने वाले समय में गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों के और उग्र होने की आशंका है।
इस सम्बन्ध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि गुलाम कश्मीर में मानवाधिकारों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। वहां बेरोजगार युवाओं के पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए रिजिजू ने कहा कि ऐसी अनेक घटनाएं गिनाई जा सकती हैं। पाकिस्तान व गुलाम कश्मीर प्रशासन का दमनकारी रवैया दुनिया के सामने आ चुका है।
विदित हो कि गुलाम कश्मीर में 50 प्रतिशत से अधिक स्थानीय युवक बेरोजगार हैं। भेदभाव, भूख, गरीबी से आक्रोशित लोग कई बार पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का इजहार कर चुके हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बुधवार को गुलाम कश्मीर के कई हिस्सों में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए। आक्रोशित कश्मीरी युवा नौकरियों में भारी भेदभाव का आरोप लगा रहे थे। प्रदर्शन में पाकिस्तान से आजादी के नारे लगे। युवाओं के नारे थे-‘हम कश्मीर बचाने निकले हैं, आओ हमारे साथ चलो।’ कश्मीर नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन और जम्मू-कश्मीर नेशनल आवामी पार्टी के बैनर तले युवाओं ने राजधानी मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी अधिकारियों की दमनकारी नीति के खिलाफ जमकर नारे लगाए। पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। इससे कई युवा जख्मी हो गए। कई को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
स्थिति पर नजर रखने वाली सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सौतेले व्यवहार को लेकर स्थानीय युवाओं में असंतोष तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की तरफ कश्मीर घाटी में तेजी से विकास हो रहा है, जबकि गुलाम कश्मीर के हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। स्थानीय लोग आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी सेना की दखलंदाजी से भी परेशान हैं। आने वाले समय में गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों के और उग्र होने की आशंका है।
इस सम्बन्ध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि गुलाम कश्मीर में मानवाधिकारों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। वहां बेरोजगार युवाओं के पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए रिजिजू ने कहा कि ऐसी अनेक घटनाएं गिनाई जा सकती हैं। पाकिस्तान व गुलाम कश्मीर प्रशासन का दमनकारी रवैया दुनिया के सामने आ चुका है।
विदित हो कि गुलाम कश्मीर में 50 प्रतिशत से अधिक स्थानीय युवक बेरोजगार हैं। भेदभाव, भूख, गरीबी से आक्रोशित लोग कई बार पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का इजहार कर चुके हैं।
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