पटना (सं.सू.)। बिहार में मंगलवार को पूर्ण शराबंदी के फैसले पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बिहार में आज से तत्काल प्रभाव से विदेशी शराब की खरीद और बिक्री पर पाबंदी कर दी गई है। गौर हो कि देशी शराब की खरीद और बिक्री पर पहले ही पाबंदी लगा दी गई थी। इस फैसले के बाद अब बिहार में आज से किसी भी तरह की शराब की बिक्री पूर्णत: बंद हो जाएगी।
No hotels and bars will serve alcohol now, no license will be given: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/JZjWWhBbWn
— ANI (@ANI_news) April 5, 2016
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पीने, बेचने और व्यापार करने पर पाबंदी लगा दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में आठ एजेंडों पर मुहर लगी है। इनमें से विदेशी शराब की बिक्री पर पूर्णत: रोक लगाना भी एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से कोई भी होटल और बार में शराब नहीं परोसी जाएगी और ना ही किसी को लाइसेंस दिया जाएगा। गौर हो कि इस फैसले के बाद बिहार अब देश का चौथा राज्य हो गया है कि जहां शराब बेचना और खरीदना पूरी तरह से बंद है। गुजरात, नागालैंड और मिजोरम में इस तरह का कानून पहले से ही लागू है।
Bihar now a dry-state, becoming the fourth such State in India after Gujarat, Nagaland and Mizoram.
— ANI (@ANI_news) April 5, 2016
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्मी की कैंटीनों में पहले की तरह ही शराब बेची जाएगी। नीतीश ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी के पक्ष में जो माहौल बना और इसको लेकर लोग जो आवाज बुलंद कर रहे हैं उसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें आज दिल से बहुत खुशी हो रही है। हम बहुत जल्द ही शराबबंदी के दूसरे चरण को लागू करने की स्थिति में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि वातावारण इससे बेहतर क्या होगा कि शहरी इलाके में भारत में बनी विदेशी शराब की तय दुकानों के बारे में लोग कह रहे हैं ‘मत खोलिए’..तो इससे बेहतर वातावरण कब मिलता। उन्होंने कहा कि इसलिए हमारा जो निर्णय था उसके चार दिन के बाद ही वातावरण इतना बढ़िया बन गया कि हमने शराबबंदी के दूसरे चरण को तुरंत लागू करना बेहतर समझा और बिहार में आज से पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी।
नीतीश ने कहा कि इसके लिए वे खासतौर से महिलाओं को बधायी देते हैं और यही तेवर लोग बनाए रखें और इसी भावना से काम होता रहेगा तो वे समझते हैं कि बिहार देश के लिए मिसाल बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आज सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद पडी है और आज जो राशि शराब में खर्च हो रही थी वह लोगों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च होगी। लोगों का जीवन स्तर उंचा उठेगा, सामाजिक परिवर्तन आएगा। नीतीश ने बताया कि छावनी में शराब की बिक्री उनके द्वारा अपने ढंग से संचालित की जाती है उसे छोडकर होटल, बार अथवा क्लब हो, कहीं भी शराब का प्रचलन नहीं रहेगा। होटल एवं क्लब को बार का किसी प्रकार का लाइसेंस निर्गत नहीं किया जाएगा। राज्य में विदेशी शराब के थोक एवं खुदरा व्यापार अथवा उपभोग को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि ताडी को लेकर कुछ गलतफहमियां इन दिनों उत्पन्न हो रही थी। ताडी के बारे में हमलोगों ने कोई नया निर्णय नहीं लिया है। इसके बारे में जो निर्णय 1991 का है, वही निर्णय अभी भी लागू रहेगा। 1991 के ताडी को लेकर निर्णय और उसके व्यापार को लेकर जो व्यवस्था है उसके आज सूचना निर्गत कर दी गयी है। नीतीश ने कहा कि ताडी को लेकर उत्पाद एवं मद्य निषेध की अधिसूचना-187 दिनांक एक अप्रैल 1991 के तहत यह स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि इन आदेशों को प्रभावकारी तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ताडी को ताड के साथ जोडकर इसे व्यवसाय बताकर रोजगार खत्म करने की बात कही जा रही जिसके बारे वे कहना चाहते हैं कि ताड का उत्पाद बहुत गुणकारी, उपयोगी और स्वास्थवर्धक है लेकिन ताडी नहीं है। ताडी में मादक गुण आ जाते हैं जिसके कारण वह गुणकारी नहीं है।
ताड का वह उत्पाद जो ताडी का रूप लेने से पहले सुबह का पेय जिसे ‘नीरा’ कहा जाता है, जो गुणकारी है। उन्होंने कहा कि नीरा को लेकर हमने एक योजना बनायी है और उसके बारे में एक कमेटी भी बना दी है। नीतीश ने कहा कि सबसे अधिक ताड का पेड तमिलनाडु में है और इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च की मदद से वहां के कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 25 वर्षों से ताड के उत्पादों पर गहन अनुसंधान हुआ है। इनके सबसे बडे जो वैज्ञानिक हैं उनसे भी संपर्क किया गया है और पूरी जानकारी ली गयी और उसके आधार पर हमलोग भी ताड के उत्पादों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग द्वारा भी नीरा को प्रोत्साहित किया जाता है। हम फिर नए सिरे से नीरा को प्रोत्साहित करेंगे।
नीतीश ने कहा कि हम लोगों की कोशिश होगी कि इस पूरे साल इस पर मेहनत करके इसका संस्थागत ढांचा खडा कर इसे अगले साल से लांच कर दिया जाए ताकि अगले सत्र से उसके कलेक्शन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग का भी प्रबंध हो इसके लिए इसे प्रचारित किया जाएगा तथा लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि मंत्रिमंडल के तत्काल प्रभाव से संपूर्ण राज्य में विदेशी शराब के थोक, खुदरा व्यापार एवं उपभोग को प्रतिबंधित कर दिए जाने को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रदेश में पूर्णशराबबंदी के लागू हो जाने पर बीएसबीएल के पास जो विदेश शराब का स्टाक है उसका क्या होगा नीतीश ने कहा कि इसके बारे में उसे अपनी कार्ययोजना बनाने को कहा गया है उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को अधिकृत कर दिया गया है। प्रदेश में इसके निर्माणशाला के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि यहां उनके उत्पाद की खपत की अब कोई गुंजाइश नहीं है। बिहार में अब शराब के कारखाने और उसके उद्योग को इस प्रदेश में प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि बिहार में पूर्णशराबबंदी के लागू हो जाने पर इससे सटी अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती इलाकों में शराब की दुकान अधिक संख्या में खुलने के बारे में पूछे जाने नीतीश ने कहा कि अगर ऐसी मंशा है कि उत्पाद राजस्व में कुछ बढोतरी होगी तो अन्य प्रदेश गफलत के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी को लेकर जबरदस्त ढंग से वातावरण बना है और उसे यहां प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है तथा यहां से जो आवाज निकल रही है वह उन राज्यों में भी पहुंचेगी और उन्हें भी इसी रास्ते यानी पूर्णशराबबंदी की ओर जाना पडेगा। नीतीश ने कहा कि दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है और बिहार के मुख्यसचिव, पुलिस महानिदेशक और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधानसचिव निरंतर संपर्क में रहते हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि इसमें वे सहयोग करें।
यहाँ हम आपको यह बता दें कि हाजीपुर टाईम्स लगातार बिहार में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर आवाज उठाता रहा है। हमारे आलेखों में से एक शराब पीना समाज के लिए हानिकारक है (http://brajkiduniya.blogspot.in/2010/12/blog-post_4568.html) जो 27 दिसंबर,2010 को ब्रज की दुनिया पर लिखा गया था तो काफी लोकप्रिय भी रहा है।
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— ANI (@ANI_news) April 5, 2016
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पीने, बेचने और व्यापार करने पर पाबंदी लगा दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में आठ एजेंडों पर मुहर लगी है। इनमें से विदेशी शराब की बिक्री पर पूर्णत: रोक लगाना भी एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से कोई भी होटल और बार में शराब नहीं परोसी जाएगी और ना ही किसी को लाइसेंस दिया जाएगा। गौर हो कि इस फैसले के बाद बिहार अब देश का चौथा राज्य हो गया है कि जहां शराब बेचना और खरीदना पूरी तरह से बंद है। गुजरात, नागालैंड और मिजोरम में इस तरह का कानून पहले से ही लागू है।
Bihar now a dry-state, becoming the fourth such State in India after Gujarat, Nagaland and Mizoram.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्मी की कैंटीनों में पहले की तरह ही शराब बेची जाएगी। नीतीश ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी के पक्ष में जो माहौल बना और इसको लेकर लोग जो आवाज बुलंद कर रहे हैं उसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें आज दिल से बहुत खुशी हो रही है। हम बहुत जल्द ही शराबबंदी के दूसरे चरण को लागू करने की स्थिति में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि वातावारण इससे बेहतर क्या होगा कि शहरी इलाके में भारत में बनी विदेशी शराब की तय दुकानों के बारे में लोग कह रहे हैं ‘मत खोलिए’..तो इससे बेहतर वातावरण कब मिलता। उन्होंने कहा कि इसलिए हमारा जो निर्णय था उसके चार दिन के बाद ही वातावरण इतना बढ़िया बन गया कि हमने शराबबंदी के दूसरे चरण को तुरंत लागू करना बेहतर समझा और बिहार में आज से पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी।
नीतीश ने कहा कि इसके लिए वे खासतौर से महिलाओं को बधायी देते हैं और यही तेवर लोग बनाए रखें और इसी भावना से काम होता रहेगा तो वे समझते हैं कि बिहार देश के लिए मिसाल बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आज सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद पडी है और आज जो राशि शराब में खर्च हो रही थी वह लोगों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च होगी। लोगों का जीवन स्तर उंचा उठेगा, सामाजिक परिवर्तन आएगा। नीतीश ने बताया कि छावनी में शराब की बिक्री उनके द्वारा अपने ढंग से संचालित की जाती है उसे छोडकर होटल, बार अथवा क्लब हो, कहीं भी शराब का प्रचलन नहीं रहेगा। होटल एवं क्लब को बार का किसी प्रकार का लाइसेंस निर्गत नहीं किया जाएगा। राज्य में विदेशी शराब के थोक एवं खुदरा व्यापार अथवा उपभोग को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि ताडी को लेकर कुछ गलतफहमियां इन दिनों उत्पन्न हो रही थी। ताडी के बारे में हमलोगों ने कोई नया निर्णय नहीं लिया है। इसके बारे में जो निर्णय 1991 का है, वही निर्णय अभी भी लागू रहेगा। 1991 के ताडी को लेकर निर्णय और उसके व्यापार को लेकर जो व्यवस्था है उसके आज सूचना निर्गत कर दी गयी है। नीतीश ने कहा कि ताडी को लेकर उत्पाद एवं मद्य निषेध की अधिसूचना-187 दिनांक एक अप्रैल 1991 के तहत यह स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि इन आदेशों को प्रभावकारी तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ताडी को ताड के साथ जोडकर इसे व्यवसाय बताकर रोजगार खत्म करने की बात कही जा रही जिसके बारे वे कहना चाहते हैं कि ताड का उत्पाद बहुत गुणकारी, उपयोगी और स्वास्थवर्धक है लेकिन ताडी नहीं है। ताडी में मादक गुण आ जाते हैं जिसके कारण वह गुणकारी नहीं है।
ताड का वह उत्पाद जो ताडी का रूप लेने से पहले सुबह का पेय जिसे ‘नीरा’ कहा जाता है, जो गुणकारी है। उन्होंने कहा कि नीरा को लेकर हमने एक योजना बनायी है और उसके बारे में एक कमेटी भी बना दी है। नीतीश ने कहा कि सबसे अधिक ताड का पेड तमिलनाडु में है और इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च की मदद से वहां के कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 25 वर्षों से ताड के उत्पादों पर गहन अनुसंधान हुआ है। इनके सबसे बडे जो वैज्ञानिक हैं उनसे भी संपर्क किया गया है और पूरी जानकारी ली गयी और उसके आधार पर हमलोग भी ताड के उत्पादों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग द्वारा भी नीरा को प्रोत्साहित किया जाता है। हम फिर नए सिरे से नीरा को प्रोत्साहित करेंगे।
नीतीश ने कहा कि हम लोगों की कोशिश होगी कि इस पूरे साल इस पर मेहनत करके इसका संस्थागत ढांचा खडा कर इसे अगले साल से लांच कर दिया जाए ताकि अगले सत्र से उसके कलेक्शन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग का भी प्रबंध हो इसके लिए इसे प्रचारित किया जाएगा तथा लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि मंत्रिमंडल के तत्काल प्रभाव से संपूर्ण राज्य में विदेशी शराब के थोक, खुदरा व्यापार एवं उपभोग को प्रतिबंधित कर दिए जाने को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रदेश में पूर्णशराबबंदी के लागू हो जाने पर बीएसबीएल के पास जो विदेश शराब का स्टाक है उसका क्या होगा नीतीश ने कहा कि इसके बारे में उसे अपनी कार्ययोजना बनाने को कहा गया है उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को अधिकृत कर दिया गया है। प्रदेश में इसके निर्माणशाला के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि यहां उनके उत्पाद की खपत की अब कोई गुंजाइश नहीं है। बिहार में अब शराब के कारखाने और उसके उद्योग को इस प्रदेश में प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि बिहार में पूर्णशराबबंदी के लागू हो जाने पर इससे सटी अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती इलाकों में शराब की दुकान अधिक संख्या में खुलने के बारे में पूछे जाने नीतीश ने कहा कि अगर ऐसी मंशा है कि उत्पाद राजस्व में कुछ बढोतरी होगी तो अन्य प्रदेश गफलत के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी को लेकर जबरदस्त ढंग से वातावरण बना है और उसे यहां प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है तथा यहां से जो आवाज निकल रही है वह उन राज्यों में भी पहुंचेगी और उन्हें भी इसी रास्ते यानी पूर्णशराबबंदी की ओर जाना पडेगा। नीतीश ने कहा कि दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है और बिहार के मुख्यसचिव, पुलिस महानिदेशक और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधानसचिव निरंतर संपर्क में रहते हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि इसमें वे सहयोग करें।
यहाँ हम आपको यह बता दें कि हाजीपुर टाईम्स लगातार बिहार में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर आवाज उठाता रहा है। हमारे आलेखों में से एक शराब पीना समाज के लिए हानिकारक है (http://brajkiduniya.blogspot.in/2010/12/blog-post_4568.html) जो 27 दिसंबर,2010 को ब्रज की दुनिया पर लिखा गया था तो काफी लोकप्रिय भी रहा है।
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