पटना (सं.सू.)। राज्य में देसी शराब की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के बाद अब ताड़ी की ब्रिकी पर रोक लगा दी गई है। सार्वजनिक स्थानों पर ताड़ी बेचने वालों को जेल की हवा खानी पड़ेगी। हालांकि, अगर कोई पेड़ से उतारकर खुद ताड़ी पीता है तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
गांवों में पूर्ण शराबबंदी की नीति पर अमल करने के लिए शनिवार को उत्पाद एवं मद्य निषेद विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने राज्य के सभी उत्पाद अधीक्षक, सहायक उत्पाद अधीक्षक और उप उत्पाद आयुक्त के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग की। अधिनियम के आधार पर कहा कि राज्य सरकार ने ताड़ी पर टैक्स में छूट व्यक्तिगत खपत के लिए दी थी। उक्त अधिनियम में यह स्पष्ट प्रावधान है कि सार्वजनिक स्थान पर दुकान लगाकर ताड़ी की बिक्री न की जाए।
महुआ फल से देसी व मसालेदार शराब बनाने की संभावनाओं के मद्देनजर प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार ने यह नियम बनाया है कि पांच किलो से अधिक किसी के पास यह नहीं रहे। किसी के घर से अगर पांच किलो से अधिक महुआ फल बरामद हुआ तो उसे भी जेल जाना होगा।
लोगों ने शराब के विकल्प के रूप में ताड़ी का सेवन शुरू कर दिया था। कई जिलों से सरकार को सूचना मिली की अचानक ताड़ी की खपत बढ़ गई और ग्रामीण इलाकों में ताड़ीखाने मयखाने का रूप धारण करने लगे हैं। सूचना यह भी पहुंची कि ताड़ी में नशीली दवाओं के मिश्रण के अलावा अवैध शराब भी मिलाई जा रही है। इसी सूचना के आधार पर सरकार ने यह कार्रवाई की है।
गांवों में पूर्ण शराबबंदी की नीति पर अमल करने के लिए शनिवार को उत्पाद एवं मद्य निषेद विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने राज्य के सभी उत्पाद अधीक्षक, सहायक उत्पाद अधीक्षक और उप उत्पाद आयुक्त के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग की। अधिनियम के आधार पर कहा कि राज्य सरकार ने ताड़ी पर टैक्स में छूट व्यक्तिगत खपत के लिए दी थी। उक्त अधिनियम में यह स्पष्ट प्रावधान है कि सार्वजनिक स्थान पर दुकान लगाकर ताड़ी की बिक्री न की जाए।
महुआ फल से देसी व मसालेदार शराब बनाने की संभावनाओं के मद्देनजर प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार ने यह नियम बनाया है कि पांच किलो से अधिक किसी के पास यह नहीं रहे। किसी के घर से अगर पांच किलो से अधिक महुआ फल बरामद हुआ तो उसे भी जेल जाना होगा।
लोगों ने शराब के विकल्प के रूप में ताड़ी का सेवन शुरू कर दिया था। कई जिलों से सरकार को सूचना मिली की अचानक ताड़ी की खपत बढ़ गई और ग्रामीण इलाकों में ताड़ीखाने मयखाने का रूप धारण करने लगे हैं। सूचना यह भी पहुंची कि ताड़ी में नशीली दवाओं के मिश्रण के अलावा अवैध शराब भी मिलाई जा रही है। इसी सूचना के आधार पर सरकार ने यह कार्रवाई की है।
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