रांची (सं.सू.)। आज से करीब 49 वर्ष पहले जब जीनियस वैज्ञानिक जाॅन शेफर्ड बैरॉन ने ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानी एटीएम का आविष्कार लंदन में किया था, तो उन्होंने कल्पना नहीं की होगी कि इंग्लैंड से हजारों किमी दूर झारखंड के सर्वथा पिछड़े इलाके में यह तकनीक अापराधिक क्रांति ला देगी। लेकिन, ऐसा हो चुका है। जामताड़ा के करमाटांड़-नारायणपुर इलाके आज साइबर बैंक ठगी के गढ़ बन चुके हैं। इलाके के गांवों के किशोर व युवा धड़ाधड़ साइबर अपराध के दलदल में धंसते चले जा रहे हैं। इस कारण क्षेत्र के अर्थशास्त्र से लेकर समाजशास्त्र तक बदल रहे हैं।
झारखंड के जामताड़ा जिला मुख्यालय से कोई 20 किलोमीटर की दूरी पर कस्बानुमा रेलवे स्टेशन है- करमाटांड़। पहले प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि होने के कारण इस जगह का नाम आदर से लिया जाता था। अब बाहर यह बात बताने में शर्म होता है।
यह सब अनायास नहीं हुआ है। दरअसल, करमाटांड़ देश भर की पुलिस के रडार पर है। ऐसा इसलिए कि देश भर में लोगों के बैंक खाते से रुपये उड़ानेवाली साइबर ठगी के अधिकतर आरोपी इसी करमाटांड़ और पड़ोसी थाना क्षेत्र नारायणपुर से ताल्लुक रखते हैं। इस इलाके से हाल के समय में की गयी साइबर ठगी का पुलिस रिकॉर्ड इस बात को प्रमाणित करता है। इन दोनों थाना क्षेत्रों में साइबर क्राइम की पड़ताल के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार, ओड़िशा, जम्मू कश्मीर समेत 22 राज्यों की पुलिस पहुंच चुकी है। हर दिन किसी न किसी राज्य व जिले की पुलिस यहां आरोपियों की खोज में आती है। करीब 50 से अधिक साइबर आरोपियों को विभिन्न प्रांतों की पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा चुकी है।
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी जामताड़ा व अन्य जिलों की पुलिस द्वारा भी करीब 100 से अधिक साइबर ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
जून 2015 से लगातार करमाटांड़ व नारायणपुर पुलिस की छापेमारी जारी है। अन्य राज्यों की पुलिस अब तक 45 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी जामताड़ा व अन्य जिलों की पुलिस द्वारा करीब 100 से अधिक साइबर ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
करमाटांड़ थाना क्षेत्र में कुल 150 गांव हैं। कालाझरिया, झिलुवा, कांसीटांड़, सियांटांड़, शीतलपुर, मोहनपुर, सिकरपुसनी सहित दर्जनों गांव। पुलिस के आंकड़ों की मानें तो 100 गांवों के युवा साइबर अपराध से जुड़ गये हैं। इस काम में 12 से 25 साल के करीब 80 प्रतिशत युवा जुड़े हुए हैं। 1000 से अधिक युवाओं का सिंडिकेट भी चल रहा है। किसी भी व्यक्ति से एटीएम नंबर व पिन जानने के बाद उनके खाते से रुपये उड़ाने में इन्हें महज तीन मिनट का ही समय लगता है। इन्हें परिजनों का समर्थन भी प्राप्त है। अब देवघर जिले का करौं, आसनबनी, चितरा घोरमारा, गिरिडीह जिले के बेंगाबाद, गांडेय, धनबाद जिले का निरसा, गोविंदपुर व टुंडी में फैल रहा है साईबर ठगी का साम्राज्य।
करमाटांड़ थाने में हाल ही में साइबर कांड को लेकर कांड संख्या 25/16 दर्ज कराया गया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी छोटेलाल दास समेत रोहित मंडल व नरेश कुमार मंडल को फरवरी में जेल भेजा था।
एक केंद्रीय मंत्री से साइबर ठगों ने करीब 1.80 लाख रुपये ठग लिये। जांच करने आये पार्लियामेंट स्ट्रीट नयी दिल्ली थाने के इंस्पेक्टर राजेश ने करमाटांड़ से दो अारोपियों को पकड़ा था। केरल के सांसद से की गयी 1.60 लाख की ठगी। मामला संसद भवन दिल्ली थाने में दर्ज कराया गया था। उस कांड में भी यहां से धनंजय व पप्पू मंडल की गिरफ्तारी हुई थी। एक बड़े चर्चित सिने स्टार से दो लाख रुपये की ठगी की गयी थी। महाराष्ट्र पुलिस जांच करने पहुंची थी। हाल में गुजरात पुलिस की टीम भी छापेमारी करने पहुंची थी।
झारखंड के जामताड़ा जिला मुख्यालय से कोई 20 किलोमीटर की दूरी पर कस्बानुमा रेलवे स्टेशन है- करमाटांड़। पहले प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि होने के कारण इस जगह का नाम आदर से लिया जाता था। अब बाहर यह बात बताने में शर्म होता है।
यह सब अनायास नहीं हुआ है। दरअसल, करमाटांड़ देश भर की पुलिस के रडार पर है। ऐसा इसलिए कि देश भर में लोगों के बैंक खाते से रुपये उड़ानेवाली साइबर ठगी के अधिकतर आरोपी इसी करमाटांड़ और पड़ोसी थाना क्षेत्र नारायणपुर से ताल्लुक रखते हैं। इस इलाके से हाल के समय में की गयी साइबर ठगी का पुलिस रिकॉर्ड इस बात को प्रमाणित करता है। इन दोनों थाना क्षेत्रों में साइबर क्राइम की पड़ताल के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार, ओड़िशा, जम्मू कश्मीर समेत 22 राज्यों की पुलिस पहुंच चुकी है। हर दिन किसी न किसी राज्य व जिले की पुलिस यहां आरोपियों की खोज में आती है। करीब 50 से अधिक साइबर आरोपियों को विभिन्न प्रांतों की पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा चुकी है।
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी जामताड़ा व अन्य जिलों की पुलिस द्वारा भी करीब 100 से अधिक साइबर ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
जून 2015 से लगातार करमाटांड़ व नारायणपुर पुलिस की छापेमारी जारी है। अन्य राज्यों की पुलिस अब तक 45 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी जामताड़ा व अन्य जिलों की पुलिस द्वारा करीब 100 से अधिक साइबर ठगी के आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
करमाटांड़ थाना क्षेत्र में कुल 150 गांव हैं। कालाझरिया, झिलुवा, कांसीटांड़, सियांटांड़, शीतलपुर, मोहनपुर, सिकरपुसनी सहित दर्जनों गांव। पुलिस के आंकड़ों की मानें तो 100 गांवों के युवा साइबर अपराध से जुड़ गये हैं। इस काम में 12 से 25 साल के करीब 80 प्रतिशत युवा जुड़े हुए हैं। 1000 से अधिक युवाओं का सिंडिकेट भी चल रहा है। किसी भी व्यक्ति से एटीएम नंबर व पिन जानने के बाद उनके खाते से रुपये उड़ाने में इन्हें महज तीन मिनट का ही समय लगता है। इन्हें परिजनों का समर्थन भी प्राप्त है। अब देवघर जिले का करौं, आसनबनी, चितरा घोरमारा, गिरिडीह जिले के बेंगाबाद, गांडेय, धनबाद जिले का निरसा, गोविंदपुर व टुंडी में फैल रहा है साईबर ठगी का साम्राज्य।
करमाटांड़ थाने में हाल ही में साइबर कांड को लेकर कांड संख्या 25/16 दर्ज कराया गया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी छोटेलाल दास समेत रोहित मंडल व नरेश कुमार मंडल को फरवरी में जेल भेजा था।
एक केंद्रीय मंत्री से साइबर ठगों ने करीब 1.80 लाख रुपये ठग लिये। जांच करने आये पार्लियामेंट स्ट्रीट नयी दिल्ली थाने के इंस्पेक्टर राजेश ने करमाटांड़ से दो अारोपियों को पकड़ा था। केरल के सांसद से की गयी 1.60 लाख की ठगी। मामला संसद भवन दिल्ली थाने में दर्ज कराया गया था। उस कांड में भी यहां से धनंजय व पप्पू मंडल की गिरफ्तारी हुई थी। एक बड़े चर्चित सिने स्टार से दो लाख रुपये की ठगी की गयी थी। महाराष्ट्र पुलिस जांच करने पहुंची थी। हाल में गुजरात पुलिस की टीम भी छापेमारी करने पहुंची थी।
No comments:
Post a Comment