पटना (सं.सू.)। ग्रामीण क्षेत्रों में अगर सुबह 9 बजे के बाद चूल्हा जला तो एक से दो वर्ष तक जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है, जुर्माना देना पड़ सकता है या फिर कैद के साथ-साथ जुर्माना भी संभव है। आपदा प्रबंधन विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में सभी जिलों को आदेश जारी किया है। सजा का प्रावधान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 (बी) के तहत है। इस धारा में जुर्माना का जिक्र तो है पर इसकी राशि क्या होगी इसका उल्लेख नहीं है।
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया कि समय-समय पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा यह दिशा-निर्देश जारी किया जाता है कि अग्निकांड से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं करें। पर देखने में आया है कि इस पर कोई ध्यान नहीं रहता परिणामस्वरूप कई घटनाएं सामने आयी हैं। इसी को ध्यान में रख आपदा प्रबंधन विभाग ने एडवाइजरी जारी किए हैं। एडवाइजरी का दृढ़तापूर्वक पालन किया जाए इसलिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 (बी) को सख्ती से लागू किये जाने का निर्देश जारी किया गया है। सूबे में पहली बार इस कानून का सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत सुबह 9 बजे से सायं 6 बजे के बीच चूल्हा नहीं जलाया जा सकता है। इस बाबत जब आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब पटना प्रमंडल की समीक्षा बैठक की तो उन्होंने इस मौसम में अगलगी की बढ़ती घटनाओं की भी समीक्षा की। इसे नियंत्रित करने के उपाय पर भी चर्चा हुई थी। आपदा प्रबंधन विभाग ने जब अपने स्तर से अगलगी की घटनाओं की समीक्षा की तो इसके कुछ कारण सामने आए। छपरा में पिछले दिनों एक महिला अपने घर में मछली बना रही थी। इस दौरान निकली चिंगारी से चार हजार घर जल गए। दानापुर व बख्तियारपुर में हवन के दौरान निकली चिंगारी से बड़ा अग्निकांड हुआ। रोहतास में गेहूं की कटनी के बाद खेत में आग लगाने से अग्निकांड हुआ। इस तरह की घटनाएं कई अन्य जगहों से रिपोर्ट हुई है। बिजली के लूज वायर की वजह से भी घटनाएं हो सकती हैं। इन सब को नियंत्रित किए जाने को ले कानून का सहारा लिया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया कि समय-समय पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा यह दिशा-निर्देश जारी किया जाता है कि अग्निकांड से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं करें। पर देखने में आया है कि इस पर कोई ध्यान नहीं रहता परिणामस्वरूप कई घटनाएं सामने आयी हैं। इसी को ध्यान में रख आपदा प्रबंधन विभाग ने एडवाइजरी जारी किए हैं। एडवाइजरी का दृढ़तापूर्वक पालन किया जाए इसलिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 (बी) को सख्ती से लागू किये जाने का निर्देश जारी किया गया है। सूबे में पहली बार इस कानून का सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत सुबह 9 बजे से सायं 6 बजे के बीच चूल्हा नहीं जलाया जा सकता है। इस बाबत जब आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब पटना प्रमंडल की समीक्षा बैठक की तो उन्होंने इस मौसम में अगलगी की बढ़ती घटनाओं की भी समीक्षा की। इसे नियंत्रित करने के उपाय पर भी चर्चा हुई थी। आपदा प्रबंधन विभाग ने जब अपने स्तर से अगलगी की घटनाओं की समीक्षा की तो इसके कुछ कारण सामने आए। छपरा में पिछले दिनों एक महिला अपने घर में मछली बना रही थी। इस दौरान निकली चिंगारी से चार हजार घर जल गए। दानापुर व बख्तियारपुर में हवन के दौरान निकली चिंगारी से बड़ा अग्निकांड हुआ। रोहतास में गेहूं की कटनी के बाद खेत में आग लगाने से अग्निकांड हुआ। इस तरह की घटनाएं कई अन्य जगहों से रिपोर्ट हुई है। बिजली के लूज वायर की वजह से भी घटनाएं हो सकती हैं। इन सब को नियंत्रित किए जाने को ले कानून का सहारा लिया जा रहा है।
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