नई दिल्ली (सं.सू.)। मेगा परियोजनाओं ने भारत को विश्व में ऊंचाई पर रखा है। ऐसे समय में जब विकास दर में कमी और महंगाई से देशों को जूझना पड़ रहा है.चीन के घटते विकास दर और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) में कमी के बावजूद एशिया प्रशांत ने अपने विश्विक एफडीआई के ताज को कायम रखा है.२०१५ में विश्वभर में नई परियोजनाओं में निवेश का ४५ फीसद इस क्षेत्र में हुआ.
फायनेंशियल टाईम्स के डाटा के मुताबिक,पिछले साल एशिया प्रशांत क्षेत्र में नई निवेश परियोजनाओं में ३८८३ विदेशी कम्पनियाँ देखी गयी.हालाँकि २०१४ की संख्या की तुलना में पिछले साल ७ फीसद की कमी हुई लेकिन भारत,इंडोनेशिया और पाकिस्तान में कुल पूँजी निवेश में २९ फीसदी के की बढ़ोतरी हुई.
कई वर्षों में पहली बार क्षेत्रीय एफडीआई के मामले में चीन पिछड़ गया.उसके पूँजी निवेश में २३ फीसद की कमी आई.रिपोर्ट के मुताबिक,नई परियोजनाओं में पूँजी निवेश के मामले में भारत पहली बार शीर्ष पर रहा.२०१५ में भारत में ऐसी परियोजनाओं में ६३ अरब डॉलर एफडीआई की घोषणा की गई.साथ ही परियोजनाओं की संख्या ८ फीसद बढ़कर ६९७ हो गयी.
फायनेंशियल टाईम्स के डाटा के मुताबिक,पिछले साल एशिया प्रशांत क्षेत्र में नई निवेश परियोजनाओं में ३८८३ विदेशी कम्पनियाँ देखी गयी.हालाँकि २०१४ की संख्या की तुलना में पिछले साल ७ फीसद की कमी हुई लेकिन भारत,इंडोनेशिया और पाकिस्तान में कुल पूँजी निवेश में २९ फीसदी के की बढ़ोतरी हुई.
कई वर्षों में पहली बार क्षेत्रीय एफडीआई के मामले में चीन पिछड़ गया.उसके पूँजी निवेश में २३ फीसद की कमी आई.रिपोर्ट के मुताबिक,नई परियोजनाओं में पूँजी निवेश के मामले में भारत पहली बार शीर्ष पर रहा.२०१५ में भारत में ऐसी परियोजनाओं में ६३ अरब डॉलर एफडीआई की घोषणा की गई.साथ ही परियोजनाओं की संख्या ८ फीसद बढ़कर ६९७ हो गयी.
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