Friday, April 15, 2016

ई-कृषि बाजार से बढ़ेगी किसानों की आय-पीएम मोदी

नई दिल्ली (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में किसानों की आय दोगुनी करने और खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खेती के उत्पादों के मूल्यवर्धन और वैज्ञानिक पद्धति के इस्तेमाल का समर्थन किया है।

मोदी ने यहां राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल (ईएनएएम) की शुरुआत की। आठ राज्यों की 21 मंडियों को जिंसों के ऑनलाईन कारोबार के लिए एकीकरण इससे जोड़ा गया है। इस अवसर मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को पूर्णता में देखने की आवश्यकता है ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मुहैया कराया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ई-कृषि बाजार को एक ‘अहम मोड़’ बताया जो न केवल किसानों को बल्कि उपभोक्ताओं को भी लाभ पहुंचायेगा।

मोदी ने बगैर एपीएमसी कानून की व्यवस्था वाले राज्यों से कहा कि वे नया मंडी कानून लेकर आयें ताकि ऑनलाईन कारोबार किया जा सके। जिन राज्यों में एपीएमसी कानून है, उन राज्यों से प्रधानमंत्री ने अपील की कि वे कानून में जरूरी संशोधन करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई.कृषि बाजार का लाभ किसानों को मिले।

मोदी ने कहा, कृषि क्षेत्र को सबसे अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। कृषि क्षेत्र को लेकर एक सम्पूर्ण दृष्टि होनी चाहिये और तभी किसानों के अधिकतम लाभ को सुनिश्चित किया जा सकता है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्होंने पानी, उर्वरक और बिजली के युक्तिसंगत इस्तेमाल पर जोर दिया और किसानों से मृदा स्वास्थ्य कार्ड का लाभ उठाने को कहा।

मोदी ने कहा कि सरकार की बजट में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने देने की पहल फलों और सब्जियों की बर्बादी को कम करने में मदद करेगा तथा मूल्यवर्धित कृषि उत्पादों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करेगा। ई-कृषि बाजार के लाभ को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह किसानों को अपने उत्पाद को बेचने का फैसला लेने में सक्षम बनाते हुए उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारेगा।

उन्होंने कहा, यह कृषि कारोबार की एक पारदर्शी प्रणाली है जो किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचायेगा। किसान इस बात का फैसला कर सकेंगे कि वे कब, कहां और किस कीमत पर ऑनलाईन थोक बिक्री मंडी में करें। किसानों को किसी और पर निर्भर नहीं रहना होगा। वे खुद से फैसला लेने लायक बनेंगे।

मोदी ने कहा कि ईएनएएम की इस प्रायोगिक शुरुआत के जरिये किसान कम से कम 25 कृषि जिंसों को आठ राज्यों गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और हिमाचल प्रदेश की 21 मंडियों में बेच सकेंगे। सरकार का ध्येय मार्च 2018 से काफी पहले प्रस्तावित 585 थोक बिक्री मंडियों को परस्पर जोड़ने का है।

उन्होंने कहा कि मुर्गीपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खीपालन के साथ कई अन्य गतिविधियों के जरिये किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने किसानों से दलहन की खेती को बड़े पैमाने पर करने को भी कहा ताकि भारत दलहन के मामले में आत्मनिर्भर बन सके।

उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति से किसानों का सशक्तिकरण होगा। उन्होंने कहा, अगर आप कच्चे आम बेचें तो आपको कम आय होगी और अगर आप पके आम बेचें तो आपकों कहीं अधिक आय होगी। अगर आप कच्चे आम से अचार बनायें तो आपको पहले के मुकाबले कहीं सबसे अधिक आय मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कोकाकोला जैसे शीतल पेय बनाने वाली कंपनियों से कहा है कि वे अपने पेय में पांच प्रतिशत प्राकृतिक फल का रस मिश्रित करें। यह फलों की मांग को को बढ़ायेगा और किसानों को लाभान्वित करेगा। प्रधानमंत्री ने किसानों को अपनी अतिरिक्त आय बढ़ाने के लिए अपने खेत की मेड़ों पर ऐसे पेड़ लगाने को कहा जिनकी लकड़ी बेची जा सके। उन्होंने किसानों से दलहन की खेती पर भी जोर देने को कहा ताकि देश इसके उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सके।

उन्होंने कहा, आज हम विदेशों से दलहन की खरीद करते हैं। हमारे किसान क्यों नहीं उगा सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंडियों में आधुनिक प्रयोगशाला को स्थापित किया जायेगा जो ऑनलाईन बेचे जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता की जांच कर सकेंगे। उन्होंने आने वाले दिनों में किसानों द्वारा इस पोर्टल को बड़े स्तर पर उपयोग में लाने और लाभान्वित होने की उम्मीद जताई।

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