नई दिल्ली (सं.सू.)। विदेश मंत्रालय ने विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय की मांग पर विदेश मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। बैंकों का 9,000 करोड़ से ज़्यादा का बक़ाया लेकर विदेश जा बसे उद्योगपति विजय माल्या को यह तगड़ा झटका है।
ईडी ने उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन हर बार उन्होंने पेशी के लिए और समय मांगा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उनका पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी। माल्या के डिपोर्टेशन (निर्वासन) के लिए मंत्रालय कानूनी विशेषज्ञों से राय भी ले रहा है क्योंकि अब माल्या का यूके में बसे रहना एक प्रकार के गैर कानूनी हो गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया ‘‘कारण बताओ नोटिस के जवाब में विजय माल्या द्वारा दिए गए उत्तर पर, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश तथ्यों पर और मुंबई के विशेष न्यायाधीश द्वारा पीएमएलए कानून 2002 के तहत जारी गैर जमानती वारंट पर विचार करते हुए विदेश मंत्रालय ने विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया है।’’
प्रवर्तन निदेशालय ने विदेश मंत्रालय से 9000 करोड़ रुपये के आईडीबीआई कर्ज की धोखाधड़ी के मामले में धन शोधन के आरोपी शराब कारोबारी माल्या के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था। सूत्र पहले ही संकेत दे चुके हैं कि एक बार प्रक्रिया शुरू हो जाने पर सरकार माल्या को पकड़ने और उन्हें वापस भारत लाने के लिए ब्रिटेन से सहायता मांगेगी।
बैंकों के करोड़ों रुपए लेकर लंदन में बैठे शराब कारोबारी विजय माल्या ने अब सुप्रीम कोर्ट में एक नई डील पेश कर दी थी। माल्या ने बैंकों से लिए गए 9000 करोड़ के लोन की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह इनमें से 6868 करोड़ लौटाना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जब माल्या के वकील से पूछा कि वह भारत कब वापस लौट रहे हैं, तो उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार विजय माल्या को देश वापस लाने के लिए बचनबद्ध है, ताकि उनके विरुद्ध न्यायिक कार्रवाई की जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा था, "सरकार विजय माल्या पर न्यायिक कार्रवाई करने के लिए उन्हें वापस लाने को बचनबद्ध है। हम उन्हें वापस लाने से संबंधित कदमों पर विचार कर रहे हैं।"
ईडी ने उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन हर बार उन्होंने पेशी के लिए और समय मांगा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उनका पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी। माल्या के डिपोर्टेशन (निर्वासन) के लिए मंत्रालय कानूनी विशेषज्ञों से राय भी ले रहा है क्योंकि अब माल्या का यूके में बसे रहना एक प्रकार के गैर कानूनी हो गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया ‘‘कारण बताओ नोटिस के जवाब में विजय माल्या द्वारा दिए गए उत्तर पर, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश तथ्यों पर और मुंबई के विशेष न्यायाधीश द्वारा पीएमएलए कानून 2002 के तहत जारी गैर जमानती वारंट पर विचार करते हुए विदेश मंत्रालय ने विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया है।’’
प्रवर्तन निदेशालय ने विदेश मंत्रालय से 9000 करोड़ रुपये के आईडीबीआई कर्ज की धोखाधड़ी के मामले में धन शोधन के आरोपी शराब कारोबारी माल्या के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था। सूत्र पहले ही संकेत दे चुके हैं कि एक बार प्रक्रिया शुरू हो जाने पर सरकार माल्या को पकड़ने और उन्हें वापस भारत लाने के लिए ब्रिटेन से सहायता मांगेगी।
बैंकों के करोड़ों रुपए लेकर लंदन में बैठे शराब कारोबारी विजय माल्या ने अब सुप्रीम कोर्ट में एक नई डील पेश कर दी थी। माल्या ने बैंकों से लिए गए 9000 करोड़ के लोन की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह इनमें से 6868 करोड़ लौटाना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जब माल्या के वकील से पूछा कि वह भारत कब वापस लौट रहे हैं, तो उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार विजय माल्या को देश वापस लाने के लिए बचनबद्ध है, ताकि उनके विरुद्ध न्यायिक कार्रवाई की जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा था, "सरकार विजय माल्या पर न्यायिक कार्रवाई करने के लिए उन्हें वापस लाने को बचनबद्ध है। हम उन्हें वापस लाने से संबंधित कदमों पर विचार कर रहे हैं।"
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