विनायक विजेता,पटना। पिछले 16 अप्रैल की देर रात सहरसा में मारे गए युवा राजद के जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर तांती हत्या मामला एक सनसनीखेज और दिलचस्प ‘मोड’ में पहुँच गया है। दिलचस्प इसलिए कि मरने वाला भी राजद का और हत्या का आरोपित भी राजद का ही दबंग नेता है। मृतक श्याम सुंदर तांती की बेवा पत्नी लवली देवी ने बीते 17 अप्रैल को सहरसा थाने में अपना फर्दबयान दर्ज करवाया, जिसके आधार पर सहरसा थाने में इस हत्याकांड के विरुद्ध भादवि की धारा- 324,302,321 व 34 आपीसी के तहत प्राथमिकी (330/16) दर्ज कर कर ली गई है और पुलिस तेजी से इस मामले की छानबीन कर रही है। मृतक की पत्नी ने अपने बयान में सहरसा के युवा राजद नेता और 2005 के विधानसभा चुनाव में सोनवर्षा से राजद टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रंजीत यादव पर अपने पति की हत्या करने या करवाने का शक जाहिर किया है। गौरतलब है कि राजद संगठन में काफी दबदबा और पहुंच रखने वाले रंजीत यादव को वर्ष 2005 में पूर्व मंत्री अशोक सिंह का टिकट काट कर प्रत्याशी बनाया गया था। रंजीत यादव बीते चुनाव में भी सहरसा से राजद का टिकट चाह रहे थे पर राजद ने यह सीट अरुण यादव को दे दी जिसका विरोध रंजीत यादव कर रहे थे। बाद में चुनाव के पूर्व किसी तरह मान-मनौव्वल के बाद माने। रंजीत यादव पर भादवि की धारा-143 और 188 के तहत सहरसा में एक मामला भी दर्ज है जिसे उन्होंने अपने चुनावी एफीडेविट में स्वीकार भी किया है। 12वीं पास रंजीत यादव उस वक्त भी श्याम सुंदर तांती के साथ मौजूद थे जब तांती ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुत्र वर्तमान में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पगड़ी पहनाकर उनको सम्मानित किया था।
एक राजद नेता की हत्या में दूसरे राजद नेता का नाम आने के बाद इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों की भी हालत सांप-छुछुन्दर वाली हो गई और जांच अधिकारी इस मामले में फूंक-फूंककर कदम उठा रहे हैंऔर बिना उच्चाधिकारियों के आदेश के अगला कदम उठाने से घबरा रहे हैं। बिहार में गठबंधन की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री अशोक चाौधरी द्वारा बार-बार यह दावा कि ‘किसी भी कांड में आरोपित व्यक्ति चाहे किसी दल का हो या ऊंची पहुंच वाला उसे बख्सा नहीं जाएगा’, कितना सही साबित होता है यह देखना काफी दिलचस्प होगा। खासकर इस मामले में राजद आलाकमान की भूमिका पर सबकी नजर गड़ी हे कि वह पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कितनी सक्षम साबित होती है।
तस्वीर-मृतका की पत्नी लवली देवी द्वारा दर्ज करायी गई प्राथमिकी, आरोपित रंजीत यादव व तेजस्वी को सम्मानित करते श्याम सुंदर तांती के पीछे (काली बंडी में) रंजीत यादव (फाईल फोटो)
एक राजद नेता की हत्या में दूसरे राजद नेता का नाम आने के बाद इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों की भी हालत सांप-छुछुन्दर वाली हो गई और जांच अधिकारी इस मामले में फूंक-फूंककर कदम उठा रहे हैंऔर बिना उच्चाधिकारियों के आदेश के अगला कदम उठाने से घबरा रहे हैं। बिहार में गठबंधन की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री अशोक चाौधरी द्वारा बार-बार यह दावा कि ‘किसी भी कांड में आरोपित व्यक्ति चाहे किसी दल का हो या ऊंची पहुंच वाला उसे बख्सा नहीं जाएगा’, कितना सही साबित होता है यह देखना काफी दिलचस्प होगा। खासकर इस मामले में राजद आलाकमान की भूमिका पर सबकी नजर गड़ी हे कि वह पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कितनी सक्षम साबित होती है।
तस्वीर-मृतका की पत्नी लवली देवी द्वारा दर्ज करायी गई प्राथमिकी, आरोपित रंजीत यादव व तेजस्वी को सम्मानित करते श्याम सुंदर तांती के पीछे (काली बंडी में) रंजीत यादव (फाईल फोटो)
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