नई दिल्ली (सं.सू.)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पिछले दिनों उन्हें असम में एक मंदिर में जाने से रोकने का आरोप लगाया है। राहुल ने कहा है कि जब वे दो दिन पहले असम के दौरे पर थे तब उन्हें बरपेटा 17 के एक मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें रोकना के लिए आरएसएस ने मंदिर के सामने महिलाओं को खड़ा कर दिया, ताकि मैं प्रवेश नहीं कर सकूं। उन्होंने सवाल उठाया कि वे कौन होते हैं मुझे मंदिर में जाने से रोकने वाले।
राहुल गांधी ने केरल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी को आमंत्रित नहीं करने पर भी नाराजगी जताई।
राहुल गांधी ने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री वहां की जनता का प्रतिनिधित्व करता है और अगर राज्य में किसी आयोजन में प्रधानमंत्री जा रहे हों और वहां के मुख्यमंत्री को नहीं आमंत्रित किया जाता है तो यह राज्य की जनता का अपमान है।
इस बीच उक्त मंदिर की संचालन समिति ने राहुल गांधी के आरोप को पूरी तरह से बकवास और झूठा बताया है। मंदिर प्रशासन ने कहा कि उनलोगों ने उस दिन 4 घंटे तक राहुल गांधी का इंतजार किया लेकिन वे आए ही नहीं।
इस बीच भाजपा ने राहुल गांधी को झूठ बोलने की मशीन बताते हुए पूछा है कि असम में तो कांग्रेस की ही सरकार है फिर ऐसा कैसे संभव है। वेंकैया नायडू ने कहा कि देश में किसी भी मंदिर का संचालन आरएसएस नहीं करता है बल्कि स्थानीय समितियाँ करती हैं फिर भी न जाने क्यों राहुल गांधी हर मामले में आरएसएस को घसीटते रहते हैं।
उधर आरएसएस के वरिष्ठ चिंतक राकेश सिन्हा ने राहुल-सोनिया से पूछा है कि वे किस मंदिर में जाना चाहते हैं हम इसमें उनकी मदद करेंगे।
भाजपा सांसद विनय कटियार ने आरोप लगाया है कि राहुल मंदिर में जाना ही नहीं चाहते थे इसलिए उल्टे-सीधे आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें रोकना के लिए आरएसएस ने मंदिर के सामने महिलाओं को खड़ा कर दिया, ताकि मैं प्रवेश नहीं कर सकूं। उन्होंने सवाल उठाया कि वे कौन होते हैं मुझे मंदिर में जाने से रोकने वाले।
राहुल गांधी ने केरल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी को आमंत्रित नहीं करने पर भी नाराजगी जताई।
राहुल गांधी ने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री वहां की जनता का प्रतिनिधित्व करता है और अगर राज्य में किसी आयोजन में प्रधानमंत्री जा रहे हों और वहां के मुख्यमंत्री को नहीं आमंत्रित किया जाता है तो यह राज्य की जनता का अपमान है।
इस बीच उक्त मंदिर की संचालन समिति ने राहुल गांधी के आरोप को पूरी तरह से बकवास और झूठा बताया है। मंदिर प्रशासन ने कहा कि उनलोगों ने उस दिन 4 घंटे तक राहुल गांधी का इंतजार किया लेकिन वे आए ही नहीं।
इस बीच भाजपा ने राहुल गांधी को झूठ बोलने की मशीन बताते हुए पूछा है कि असम में तो कांग्रेस की ही सरकार है फिर ऐसा कैसे संभव है। वेंकैया नायडू ने कहा कि देश में किसी भी मंदिर का संचालन आरएसएस नहीं करता है बल्कि स्थानीय समितियाँ करती हैं फिर भी न जाने क्यों राहुल गांधी हर मामले में आरएसएस को घसीटते रहते हैं।
उधर आरएसएस के वरिष्ठ चिंतक राकेश सिन्हा ने राहुल-सोनिया से पूछा है कि वे किस मंदिर में जाना चाहते हैं हम इसमें उनकी मदद करेंगे।
भाजपा सांसद विनय कटियार ने आरोप लगाया है कि राहुल मंदिर में जाना ही नहीं चाहते थे इसलिए उल्टे-सीधे आरोप लगा रहे हैं।
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