Friday, December 18, 2015

अधूरी शराबबंदी सात निश्चयों से सीएम के यूटर्न की शुरुआत-सुमो


पटना (सं.सू.)। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपने वायदे से पलटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं से पूर्ण शराबबंदी का वादा कर उनके वोट तो हासिल कर लिए, लेकिन सत्ता संभालने के महीने भर के भीतर उससे पीछे हटने भी लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि पूर्ण मद्यनिषेध पर कोई कन्फ्यूजन नहीं है। अब क्या हो गया? नीतीश कुमार ने सात निश्चयों को लागू करने की घोषणा की थी। शराबबंदी के निश्चय से उनके यू-टर्न की शुरुआत हो रही है।

मोदी ने कहा- एक तरफ मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि पहली अप्रैल से बिहार में पूर्ण मद्यनिषेध लागू होगा, दूसरी ओर बिहार राज्य बिवरीज कॉरपोरेशन विदेशी शराब का खुदरा व्यापार भी अपने हाथ में लेने की तैयारी कर रहा है। उत्पाद विभाग संकेत दे रहा है कि शराबबंदी पूर्ण नहीं, बल्कि आंशिक होगी। पूर्ण प्रतिबंध सिर्फ देसी शराब पर होगा, लेकिन विदेशी शराब शहरी क्षेत्र की सरकारी दुकानों से खरीदी जा सकेगी। मोदी ने कहा कि शराब लॉबी के दबाव में सरकार उत्पाद नीति को ऐसी बोतल में रखने जा रही है, जिसकी ठेपी के सुराखों से शराब टपकती रहेगी। इसका हश्र भी पान मसाला और गुटखा पर लगे दिखावटी प्रतिबंध जैसा होगा। सरकार का काम उद्योग-व्यापार करना या दुकान खोलना नहीं है, लेकिन बिवरीज निगम राज्य के सभी शहरी क्षेत्र में विदेशी शराब की खुदरा दुकानें खोलने जा रहा है। निगम ने गोदाम, दुकान, वाहन, सीसीटीवी कैमरे, फर्नीचर, नोट गिनने-जांचने की मशीन और सशस्त्र सुरक्षा गार्ड तक हासिल करने के लिए छह अलग निविदाएं प्रकाशित की हैं।

रालोसपा ने पूर्ण शराबबंदी से पीछे हटने का नीतीश सरकार पर आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ता मनोज लाल दास मनु व नरेश महतो और मीडिया प्रभारी अनिल यादव ने कहा कि नीतीश सरकार को पूर्ण शराबबंदी लागू करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। शराब से समाज खराब हो रहा है। परिवार टूट रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार बढ़ाने में भी शराब की बढ़ी भूमिका है। ऐसे में शहरों में भी शराब की बिक्री कतई उचित नहीं है। शहरों में शराब बिक्री होगी तो गांव के लोग अधिक कीमत पर भी खरीद कर ले जाएंगे।

सांसद पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि सरकार शराब माफियाओं के दबाव में आकर पूर्ण शराबबंदी से पीछे हट रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि पूर्ण शराबबंदी लागू होगी, पर अब शराब बेचने के रास्ते व बहाना तलाश रहे हैं। पप्पू यादव और पार्टी की राष्ट्रीय अभियान समिति के अध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा ने संयुक्त बयान में कहा कि जन अधिकार पार्टी पूर्ण शराबबंदी के लिए अभियान चलाएगी और सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करेगी।

जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि बिहार में शराबबंदी होगी। इसके लिए भाजपा नेता सुशील मोदी को तनाव लेने की जरूरत नहीं है। सुमो को समझना चाहिए कि हर काम करने के लिए अपना कायदा-कानून बना है। इसी के तहत काम होता है। सुमो बताएं कि गुजरात में भी शराबबंदी है लेकिन वहां के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब का धंधा कुटीर उद्योग का रूप ले रहा है। गुजरात पुलिस कार्रवाई की बड़ी-बड़ी बातें करती है लेकिन वहां ग्रामीण इलाकों में शराब तस्करों का ही सिक्का चलता है। तस्करों के इशारों पर गुजरात पुलिस काम करती है। राजस्थान के रास्ते होकर गुजरात को करोड़ों रुपए की शराब की तस्करी प्रतिदिन हो रही है। सुमो बताएं कि क्या बिहार सरकार इसी तरह की गलती करे।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी नहीं, बल्कि केवल देसी शराब बंद होगी। शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नई शराब नीति को सख्ती से लागू करेगी।

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