नयी दिल्ली (सं.सू.)। निर्भया के सामूहिक बलात्कार में दोषी ठहराये गये किशोर की रिहाई पर पीडिता की मां ने कहा कि मैं केवल न्याय चाहती हूं। पीडिता की मां ने रविवार को कहा कि मैं केवल न्याय चाहती हूं, मैं उस आरोपी की रिहाई पर रोक चाहती हूं, मुझे और कुछ नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वह छूट ही जाएगा तो सुनवाई का क्या मतलब होगा ? यह मेरी समझ से परे है। बीती रात की कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग ने रात में कोशिश की। यदि वे दिन में कोशिश करते तो हो सकता है कि नाबालिग की रिहाई रुक सकती थी।
आपको बता दें कि किशोर की रिहाई के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीकाल ने देर रात सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी की। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्टार ने जांच पड़ताल के बाद एसएलपी को जस्टिस गोयल की खंडपीठ में भेज दिया। देर रात करीब दो बजे जस्टिस गोयल ने अपने आवास पर केस से संबंधित फाइल देखी और मामले की सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया। इस बीच आशंका जतायी जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट में केस लिस्टेड हो जाने के कारण रविवार को होनेवाली किशोर की रिहाई अदालत के निर्णय तक टल सकती है।
इससे पहले,16 दिसंबर 2012 के सामूहिक बलात्कार में दोषी ठहराये गये किशोर को दिल्ली से बाहर भेज दिया गया है, जबकि पीड़िता के अभिभावकों तथा उनके साथ विरोध जता रहे दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के 40 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आशंकाएं हैं कि किशोर के जीवन को खतरा हो सकता है। यह किशोर हमलावरों में सबसे नृशंस था। सूत्रों ने बताया कि किशोर को एक एनजीओ की निगरानी तथा दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में रखा गया था।
इधर, बदायूं स्थित उसके गांव के लोग नहीं चाहते कि निर्भया का दोषी अब कभी अपने गांव लौटे। वहीं, उसकी मां ने कहा कि परिवार का कोई भी सदस्य उसे लेने के लिए दिल्ली नहीं जायेगा, लेकिन उनकी दिली ख्वाहिश है कि उनका बेटा बाल सुधार गृह से छूट कर सीधा अपने गांव आये।
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