पटना (सं.सू.)। पटना हाई कोर्ट ने आरा स्थित वीर कुंवर सिंह सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति मो. अजहर हुसैन की शैक्षणिक योग्यता पर प्रश्न चिह्न् लगाते हुए उनकी नियुक्ति संबंधी अधिसूचना रद कर दी है। इसके साथ ही अदालत ने कुलाधिपति को इस विश्वविद्यालय के लिए नए सिरे से कुलपति नियुक्त करने को कहा है। शुक्रवार को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी एवं न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने राम तवज्ञा सिंह की लोकहित याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया। 40 पेज के फैसले के शुरुआती पैरा में ही खंडपीठ ने लिखा कि जब किसी अयोग्य व्यक्ति को बड़े और गरिमामय पद पर बैठा दिया जाता है तो उस पद की गरिमा ही खत्म नहीं होती, बल्कि वह व्यापक जनहित के खिलाफ भी होता है। खासकर शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी नियुक्ति मनमानी ही मानी जाएगी।
खंडपीठ ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण पद की नियुक्ति इतने हल्के ढंग से नहीं होनी चाहिए। अपने फैसले में खंडपीठ ने लिखा कि मो. अजहर हुसैन ने अपने पक्ष में योग्यता संबंधी जो भी प्रमाण पत्र पेश किया, वह कुलपति पद के लिए सही नहीं पाया गया। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात (यूएइ) से उच्च शिक्षा प्राप्त करने की बात कही, लेकिन वहां जाने तक का प्रमाण नहीं दिखा सके। फैसले में अदालत ने यह भी कहा कि कुलपति का एकेडमिक करियर सही नहीं पाया गया, जबकि इस पद के लिए चुनाव विद्वानों में से होता है।
No comments:
Post a Comment