नई दिल्ली (सं.सू.)। अतिक्रमण को हटाने के लिए झुग्गियों में रेलवे के तोड़-फोड़ अभियान और एक बच्चे की मौत के बाद आज दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच फिर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेलवे के इस अभियान का विरोध किया है और वह चाहते हैं कि इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज हो। देर शाम दिल्ली सरकार ने रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के दौरान कथित मौत की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए
इस मामले में बातचीत के लिए रेलवे के GM, DRM ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की। हालांकि केजरीवाल रेलवे अधिकारियों के बयान से सहमत नहीं दिखे और रेलमंत्री से मिलने का समय मांगा है। जबकि रेलवे अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपने की बात कही है।
We have drafted a policy which is shared with Railway Ministry, following which rehabilitation can be done-VK Jain pic।twitter।com/r5jPL3D4UC
— ANI (@ANI_news) December 13, 2015
पश्चिमी दिल्ली के शकूर बस्ती में कल इस तोड़-फोड़ अभियान को अंजाम दिया गया जिसमें करीब 1200 झुग्ग्यिों को हटाया गया। रेलवे ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि बुनियादी ढांचों के विस्तार के लिए ‘अतिक्रमण’ को हटाने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। रेलवे ने कहा है कि तीन नोटिस देने के बाद तोड़-फोड़ अभियान को शुरू किया गया था जिसमें पहले नोटिस में 14 मार्च 2015 की समय सीमा दी गयी थी।
एक झुग्गी में छह महीने के एक बच्चे की मौत हो गई जिस पर रेलवे ने कहा है कि यह घटना कल दोपहर 12 बजे से तोड़-फोड़ अभियान के शुरू होने से दो घंटे पहले की है। पुलिस ने बताया कि शुरआती जांच से पता चलता है कि जब बच्चे का परिवार झुग्गी से बाहर जाने की तैयारी कर रहा था तब बच्चे पर कपड़ों का एक ढेर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई इसलिए इस संबंध में कोई मामला नहीं बनता है।
विवाद होने के बाद, दिल्ली डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) अरुण अरोड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बच्चे की मौत का संबंध ट्रेन के परिचालन के लिए ‘जोखिम’ बन चुके अतिक्रमण के हटाने वाले अभियान से नहीं है। झुग्गी बस्ती सुरक्षा जोन के 15 मीटर के अंदर तक बसी थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने भी पटरियों को ठोस अपशिष्ट से मुक्त रखने और रेलवे को उसका स्रोत हटाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। अरोड़ा ने बताया कि झुग्गी बस्ती में रहने वालों को पहला नोटिस 14 मार्च, 2015 तक खाली करने का दिया गया था। तब तोड़-फोड़ अभियान शुरू नहीं किया जा सका था क्योंकि उस समय पुलिस सहायता नहीं प्रदान कर सकी थी।
Death of the child occurred in one of the slums in morning at around 10 am,nothing to do with removal of encroachments: Railway Sources
— ANI (@ANI_news) December 13, 2015
दिल्ली पुलिस ने कहा है की सामान शिफ्ट करते वक्त एक पोटली बच्ची के उपर गिर गई। जब घरवालों ने देखा तो उसे अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। पुलिस फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं कर रही है। वहीं, बच्ची की नानी ने बताया कि जिस वक्त सामान हटाने को कहा गया तब उसकी सांसें चल रही थी। बच्ची छह महीने की थी।
Our homes were demolished without any warning or notice,say residents of slum demolished in Shakur Basti(Delhi) pic।twitter।com/rvbeQdYVjs
— ANI (@ANI_news) December 13, 2015
रेलवे ने यह भी दावा किया है कि इस कार्रवाई की जानकारी दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड के अधिकारियों को पहले ही दे दी गई थी। रेलवे के मुताबिक शकूरबस्ती में नया पैसेंजर टर्मिनल बनना है और उसके लिए जमीन चाहिए। इसलिए अतिक्रमण हटाया।
रविवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बस्ती पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों के रहने के लिए अस्थायी इंतजाम कर रही है। कांग्रेस नेता अजय माकन भी बस्ती गए और लोगों से मुलाकात की। माकन ने सवाल उठाया कि कार्रवाई 12 घंटे तक चली, केजरीवाल ने दखल क्यों नहीं दिया। उधर, केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
'कहीं टूटे हैं घर,कहीं विश्वास टूटा है सुना है भीड़ में खुदा का घर भी टूटा है केजरीवाल इसे रोक सकते थे @kuljeet1969 pic।twitter।com/CW7B3rp9pG
— Ajay Maken (@ajaymaken) December 13, 2015
आप की पूर्व सदस्य शाजिया इल्मी ने बच्ची की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि केजरीवाल को आरोप मढ़ने की आदत हो गई है। बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी और वह रेलवे पर आरोप मढ़ रहे हैं। एसएडीम को सस्पेंड करने से पहले उन्हें जांच करानी चाहिए थी।
इस मामले में बातचीत के लिए रेलवे के GM, DRM ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की। हालांकि केजरीवाल रेलवे अधिकारियों के बयान से सहमत नहीं दिखे और रेलमंत्री से मिलने का समय मांगा है। जबकि रेलवे अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपने की बात कही है।
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पश्चिमी दिल्ली के शकूर बस्ती में कल इस तोड़-फोड़ अभियान को अंजाम दिया गया जिसमें करीब 1200 झुग्ग्यिों को हटाया गया। रेलवे ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि बुनियादी ढांचों के विस्तार के लिए ‘अतिक्रमण’ को हटाने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। रेलवे ने कहा है कि तीन नोटिस देने के बाद तोड़-फोड़ अभियान को शुरू किया गया था जिसमें पहले नोटिस में 14 मार्च 2015 की समय सीमा दी गयी थी।
एक झुग्गी में छह महीने के एक बच्चे की मौत हो गई जिस पर रेलवे ने कहा है कि यह घटना कल दोपहर 12 बजे से तोड़-फोड़ अभियान के शुरू होने से दो घंटे पहले की है। पुलिस ने बताया कि शुरआती जांच से पता चलता है कि जब बच्चे का परिवार झुग्गी से बाहर जाने की तैयारी कर रहा था तब बच्चे पर कपड़ों का एक ढेर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई इसलिए इस संबंध में कोई मामला नहीं बनता है।
विवाद होने के बाद, दिल्ली डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) अरुण अरोड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बच्चे की मौत का संबंध ट्रेन के परिचालन के लिए ‘जोखिम’ बन चुके अतिक्रमण के हटाने वाले अभियान से नहीं है। झुग्गी बस्ती सुरक्षा जोन के 15 मीटर के अंदर तक बसी थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने भी पटरियों को ठोस अपशिष्ट से मुक्त रखने और रेलवे को उसका स्रोत हटाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। अरोड़ा ने बताया कि झुग्गी बस्ती में रहने वालों को पहला नोटिस 14 मार्च, 2015 तक खाली करने का दिया गया था। तब तोड़-फोड़ अभियान शुरू नहीं किया जा सका था क्योंकि उस समय पुलिस सहायता नहीं प्रदान कर सकी थी।
Death of the child occurred in one of the slums in morning at around 10 am,nothing to do with removal of encroachments: Railway Sources
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दिल्ली पुलिस ने कहा है की सामान शिफ्ट करते वक्त एक पोटली बच्ची के उपर गिर गई। जब घरवालों ने देखा तो उसे अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। पुलिस फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं कर रही है। वहीं, बच्ची की नानी ने बताया कि जिस वक्त सामान हटाने को कहा गया तब उसकी सांसें चल रही थी। बच्ची छह महीने की थी।
Our homes were demolished without any warning or notice,say residents of slum demolished in Shakur Basti(Delhi) pic।twitter।com/rvbeQdYVjs
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रेलवे ने यह भी दावा किया है कि इस कार्रवाई की जानकारी दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड के अधिकारियों को पहले ही दे दी गई थी। रेलवे के मुताबिक शकूरबस्ती में नया पैसेंजर टर्मिनल बनना है और उसके लिए जमीन चाहिए। इसलिए अतिक्रमण हटाया।
रविवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बस्ती पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों के रहने के लिए अस्थायी इंतजाम कर रही है। कांग्रेस नेता अजय माकन भी बस्ती गए और लोगों से मुलाकात की। माकन ने सवाल उठाया कि कार्रवाई 12 घंटे तक चली, केजरीवाल ने दखल क्यों नहीं दिया। उधर, केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
'कहीं टूटे हैं घर,कहीं विश्वास टूटा है सुना है भीड़ में खुदा का घर भी टूटा है केजरीवाल इसे रोक सकते थे @kuljeet1969 pic।twitter।com/CW7B3rp9pG
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आप की पूर्व सदस्य शाजिया इल्मी ने बच्ची की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि केजरीवाल को आरोप मढ़ने की आदत हो गई है। बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी और वह रेलवे पर आरोप मढ़ रहे हैं। एसएडीम को सस्पेंड करने से पहले उन्हें जांच करानी चाहिए थी।
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