पटना (सं.सू.)। सूबे में चरणबद्ध तरीके से पूर्ण शराबबंदी कानून को लागू किया जाएगा। फिलहाल एक अप्रैल 2016 से राज्य के सभी हिस्सों में देसी, मसालेदार देसी शराब की खरीद-बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से पहले ही चरण में शराब की 90 प्रतिशत दुकानों में शराब मिलनी बंद हो जाएगी। विदेशी शराब की बिक्री होगी, लेकिन सिर्फ नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्र में वेबरेज कॉरपोरेशन की कुछ चुनिंदा दुकानों पर। यदि सरकार के फैसले के बाद भी कहीं गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री होते पाई गई तो इसकी जवाबदेही जिले के डीएम और एसएसपी की होगी। यह घोषणा शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद की।
तकरीबन दो घंटे तक चली कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने शराब बंद किए जाने के अपने फैसले के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़ा कदम उठाया गया है। चुनाव के पहले हमने जो वादा किया था उसे पूरा करने की दिशा में पहला ठोस कदम उठा लिया गया है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने नई शराब नीति पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। पहली अप्रैल के प्रभाव से पहले चरण में देसी और मसालेदार देसी शराब पर रोक लगाई जाएगी। विदेशी तथा भारत में निर्मित विदेशी शराब (आइएमएफएल) की बिक्री होगी, लेकिन सीमित रूप से नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्र में।
मुख्यमंत्री ने बताया कि शराब बंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के इनफोर्समेंट तंत्र को मजबूत बनाया जाएगा। शराब की लत छुड़ाने के लिए सूबे के अलग-अलग क्षेत्रों में डी-एडिक्शन केंद्र खोले जाएंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इस कानून की मॉनीटरिंग का जिम्मा दिया गया है। कमेटी में विकास आयुक्त के साथ ही सभी विभागों के सचिव रहेंगे। एक शिकायत कोषांग और शिकायत टेलीफोन नंबर भी जारी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जो फैसला किया है उसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। शराब बंदी के अपने फैसले के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि चुनाव पूर्व वे एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। जब उनका भाषण समाप्त हो चुका तो पीछे बैठी कुछ महिलाओं ने शराबबंदी की मांग उठाई। तब उन्होंने दोबारा माइक पर आकर घोषणा की थी कि यदि हमारी सरकार आई तो शराबबंदी कानून को लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शराब के खराब पहलू की चर्चा करते हुए कहा कि शराब का बुरा प्रभाव महिलाओं पर पड़ रहा है। गांव के गरीबों की हालत ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब बंदी कानून को लागू ही नहीं किया जाएगा, बल्कि इसके प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सामाजिक अभियान भी चलाया जाएगा। अभियान में आंगन बाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं, शिक्षिकाओं के साथ ही जन प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि यदि उन्हें कहीं से शराब बनाने की सूचना मिलती है तो भट्ठी ध्वस्त करें। पुलिस उनकी मदद को सही वक्त पर पहुंचेगी। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व नुकसान की उन्हें चिंता नहीं।
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