Sunday, December 20, 2015

मासूम दरिंदा रिहा, व्यापक विरोध


नई दिल्ली (सं.सू.)। रूह कंपा देने वाले वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म कांड का नाबालिग दोषी (अब बालिग) अर्थात् मासूम दरिंदा व्यापक विरोध के बीच रविवार को रिहा कर दिया गया। तीन साल की सजा काट चुका यह दोषी अब 21 साल का हो चुका है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से पुनर्वास की योजना पर कोई ठोस निर्णय लेने तक दोषी को एनजीओ के हवाले कर दिया गया है। लेकिन सुरक्षा कारणों से यह नहीं बताया गया है कि उसे दिल्ली में ही रखा गया है या कहीं बाहर भेजा गया है। रिहाई का विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने इंडिया गेट पर हिरासत में ले लिया, इनमें पीड़िता के माता-पिता भी शामिल थे।

नाबालिग दोषी की रिहाई रोकने के लिए शनिवार आधी रात तक प्रयास जारी रहे। दिल्ली महिला आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करने के लिए कहा है। इसके बाद आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से अपील की कि नाबालिग दोषी को रिहा न किया जाए। लेकिन दोषी को रिहा कर दिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया-‘हमने उसे एनजीओ के हवाले कर दिया है।’

नाबालिग दोषी के अधिवक्ता एपी सिंह की मानें तो शनिवार को उसे मजनूं का टीला से बदायूं स्थित उसके घर ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में मीडिया कर्मियों की भीड़ को देखते हुए उसे उसके घर नहीं ले जाया गया। उसे वापस दिल्ली ले आया गया। उसे कहां रखा गया है इस बारे में उन्हें भी नहीं बताया जा रहा है। रविवार शाम पांच बजे जब उनकी फोन पर उससे बात हुई तो उसने केवल इतना बताया कि वह ठीक है। उसे कोई दिक्कत नहीं है। नाबालिग दोषी की रिहाई के विरोध में पिछले कई दिनों से सू.दिल्ली की सड़कों पर चल रहे जन आंदोलन व लोगों के गुस्से को देखते हुए वैसे तो तीन दिन पहले ही उसे मजनूं का टीला से हटा दिए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है।

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