Wednesday, December 30, 2015

लालू की नसीहत पर मांझी ने लगाया आरोप-अपहर्ताओं से रखते थे सांठ-गांठ


पटना (सं.सू.)। गिरती विधि-व्यवस्था पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी गई नसीहत ने सूबे की राजनीति गरमा दी है। विपक्षी दल भाजपा से लेकर सहयोगी सत्ताधारी पार्टी जदयू ने भी पलटवार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि जब मालिक ही ठीक नहीं हो तो जनता किससे फरियाद करे। उन्होंने लालू प्रसाद पर भी हमला बोला और कहा कि वह पीड़ितों और अपराधियों के बीच समझौता कराते थे। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद सुपर सीएम हैं। लालू प्रसाद के बयान ने साबित कर दिया है कि बढ़ते अपराध के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही जिम्मेदार हैं। वहीं जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था पर नीतीश कुमार का ट्रैक रिकार्ड सभी जानते हैं। भाजपा को तो अपराध पर बोलने की पात्रता ही नहीं है।

मांझी ने कहा कि हमने तो चुनाव में अपनी 167 सभाओं में कहा था कि महागठबंधन को वोट दोगे तब अपराध बढ़ेगा। लोगों ने खुद महागठबंधन को चुना है, हम क्या कर सकते हैं। हम तो लाचार हैं। ये घटनाएं बस शुरुआत है, नए साल का जश्न मनाने के लिए। अभी सरस्वती पूजा और होली तो बाकी है। पिछले दस साल से अपराधियों की कमाई बंद थी। मांझी ने कहा कि मैंने नई सरकार के गठन के बाद कहा था कि मैं दो महीने कुछ नहीं बोलूंगा, पर अब न बोलना गुनाह जैसा है। हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से बिहार में बढ़ते अपराध पर हस्तक्षेप करने की अपील पहले भी कर चुके हैं और आगे भी करेंगे।

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को घेरने के लिए लालू प्रसाद के शब्दों का ही इस्तेमाल करते हुए कहा कि जेल अपराधियों की ट्रेजरी बनी हुई हैं और वहां का जैमर फेल रहता है। उन्होंने कहा कि दरअसल लालू प्रसाद यह कहना चाह रहे हैं कि ‘जेलों का जैमर नहीं, नीतीश कुमार फेल हो गए हैं।’ उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने आम लोगों से रंगदारी और अन्य आपराधिक घटनाओं की सूचना मांग कर यह जता दिया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ नहीं कर सकते हैं, सरकार की ‘रिमोट’ तो उनके पास है। अगर व्यवसायियों, इंजीनियरों, डॉक्टरों, बैंकरों को सुरक्षा चाहिए तो उन्हें लालू प्रसाद की शरण में ही आना होगा। चार वर्ष पूर्व बरमेश्वर मुखिया की हत्या के बाद उपद्रवियों पर कार्रवाई नहीं होने से पुलिस का मनोबल गिरने का आरोप लगा कर लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार पर ही निशाना साधा है। तत्कालीन डीजीपी अभयानंद को कार्रवाई करने से नीतीश कुमार ने ही रोका था। क्या लालू प्रसाद यह नहीं कह रहे हैं कि पुलिस का मनोबल गिराने के लिए नीतीश कुमार ही जिम्मेवार हैं? लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को अहसास कराया है कि वे 14 मंत्रियों के मुख्यमंत्री हैं, जबकि मैं 16 मंत्रियों का ‘सुपर मुख्यमंत्री’ हूं।

इधर, जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में अभी एक नहीं, बल्कि दो-दो मुख्यमंत्री का शासन है। एक तरफ नीतीश कुमार जहां अपनी पार्टी के 14 मंत्रियों के साथ सरकार चला रहे हैं तो दूसरी तरफ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अपने 16 मंत्रियों के साथ सुपर सीएम की भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ सकते।

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