नई दिल्ली (सं.सू.)। भारत के इतिहास के सबसे बर्बर बलात्कार कांड में शुमार दिल्ली गैंगरेप कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली महिला आयोग की याचिका खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का सीधा मतलब ये है कि अब दिल्ली गैंगरेप कांड का नाबालिग दोषी हर जगह जाने और घूमने को आजाद है।
सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की आधे घंटे तक सुनवाई हुई और कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे उनकी बातों को समझते हैं, लेकिन कानून के हिसाब से उनके हाथ बंधे हुए हैं और कोर्ट रिहाई पर रोक नहीं लगा सकता और रेपिस्ट की रिहाई कानून के मुताबिक की गई है।
आपको बता दें कि शनिवार की रात दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आधी रात को याचिका डाली थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इसके पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका के बाद हाईकोर्ट ने दोषी की रिहाई पर रोक से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद आज निर्भया की मां आशा देवी का दर्द और गहरा हो गया। निर्भया की मां ने रोते हुए कहा कि कानून को बदलने की जरूरत है और किसी भी स्थिति में रेपिस्ट को छोड़ा नहीं जाना चाहिए।
आशा देवी ने कहा कि इसे लेकर राज्यसभा में एख बिल फंसा हुआ और वह उसे पास कराने के लिए कोशिश करेंगी।
इसी तरह निर्भया के पिता ने कहा कि इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
आपको बता दें कि कानून के मुताबिक रेप के मामले में दोषी किसी नाबालिग को तीन साल से ज्यादा समय तक बाल सुधार गृह में नहीं रखा जा सकता है।
रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने वाली स्वाति मालीवाल ने फैसले पर नाखुशी का इजहार करते हुए इस का पूरा ठीकरा राज्यसभा पर फोड़ दिया। राज्यसभा में जुवेनाइल बिल फंसा हुआ है। अब उस बिल पर चर्चा होगी और सभी पार्टियों ने चर्चा पर हामी भर दी है।
स्वाति मालीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके मु्द्दे को माना, लेकिन कहा कि कानून इतना कमज़ोर है कि रिहाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
नाबालिग दोषी की रिहाई के खिलाफ रविवार को निर्भया के माता-पिता समेत सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किए। दिल्ली पुलिस ने निर्भया के माता-पिता और प्रदर्शनकारियों को जबरन इंडिया गेट से हटाया। इस दौरान इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रही निर्भया की मां को हल्की चोट भी लग गई।
इससे पहले भी जंतर-मंतर पर निर्भया के माता-पिता और उनके साथ जुटे लोगों को पुलिस ने इंडिया गेट की ओर जाने से भी रोक दिया था, लेकिन कुछ देर बाद छोड़ दिए जाने पर वो इंडिया गेट पहुंच गए थे।
दिल्ली के निर्भया गैंगरेप कांड के नाबालिग दोषी को रिहाई के बाद फिलहाल एक एनजीओ में रखा गया है। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में चलती बस में हुए गैंगरेप के कसूरवार इस नाबालिग को मौजूदा कानून के मुताबिक तीन साल के लिए बाल सुधार गृह भेजा गया था।
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