Wednesday, December 9, 2015

तीखे सवालों ने खोली सुशासन की पोल

पटना (सं.सू.)। 16वीं विधानसभा का पहला सत्र छोटा होने के बावजूद दिलचस्प रहा। विपक्ष के साथ सत्ताधारी दलों के सदस्यों ने भी तीखे प्रश्न पूछे, जिनके जवाब देते समय सरकार के सकारात्मक रुख को सभी ने नोटिस किया। इन सवालों ने सरकार को यह संदेश भी दे दिया कि बार-बार सुशासन शब्द की रट लगाने मात्र से ही राज्य में सुशासन नहीं आ जाएगा। यह भी देखा गया कि सदन में पहली बार जीतकर आने वाले सदस्यों की ओर से कोई प्रश्न नहीं आया। विधानसभा के 243 सदस्यों में 99 पहली बार जीतकर आए हैं, जिनमें से 17 मंत्री बनाए गए हैं।

30 नवंबर से 8 दिसंबर तक चले इस सत्र में छह बैठकें हुईं और अंतिम दो दिन प्रश्नकाल में सरकार ने कई प्रश्नों के जवाब दिए। यह बात सामने आई कि भागलपुर से पीरपैंती तक एनएच-80 की मरम्मत अब तक नहीं हो पाई है। उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने भरोसा दिलाया कि यह काम 15 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। 2010 से वित्त रहित शिक्षकों को पैसे नहीं मिलने का मामला भी उठा जिस पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने जल्द राशि उपलब्ध करा देने का आश्वासन दिया।

तीन साल बीत जाने के बावजूद पटना में साइंस सिटी का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने की जब बात उठी तो विज्ञान व तकनीक मंत्री जय कुमार सिंह ने सदन को बताया कि दो माह के अंदर काम शुरू हो जाएगा। इस बात ने सभी को चौंकाया कि बिजली के हाई-टेंशन तार के कारण सहरसा के प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय का निर्माण पिछले चार साल से बाधित है। शिक्षा मंत्री ने भले ही जवाब देते समय सकारात्मक रुख दिखाया, लेकिन किस तरह से काम हो रहा है यह बात सबके सामने थी। ऐसे करीब एक दर्जन सवाल पूछे गए।

शायद विधायी कार्यो की बहुत जानकारी नहीं रहने के कारण नए सदस्यों की ओर से कोई प्रश्न नहीं पूछा गया। कांग्रेस सदस्य रामदेव राय द्वारा यह पूछने पर कि क्या कोई सदस्य बिना शपथ लिए हुए प्रश्न पूछ सकता है, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नए सत्र में ऐसा होता है। यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि तारांकित प्रश्न के लिए 14 दिनों का समय चाहिए, इस कारण केवल अल्पसूचित प्रश्न ही लिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक सवाल का जवाब देने के क्रम में बताया कि यह सवाल रात दस बजे उनके पास आया है, फिर भी इसका जवाब दिया जा रहा है।

सत्र के पहले ही दिन यह दुखद खबर आई कि हरलाखी से रालोसपा के नवनिर्वाचित विधायक बसंत कुशवाहा अब दुनिया में नहीं रहे। शोकसभा के बाद सभा की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई। दूसरे दिन सदस्यों को शपथ दिलाई गई और फिर 4 दिसंबर को राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार की भावी योजनाओं की भी जानकारी दी। राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस के बाद सरकार का जवाब प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह प्रस्ताव भी दिया कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेज के तहत होने वाले कार्यो की मानीटरिंग के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक कमेटी बने। विपक्ष ने केवल एक बार मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान वाकआउट किया।

विपक्ष ने सदन में धान खरीद पर बोनस की राशि पिछले साल के 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये किए जाने की मांग उठाई और फिर इस मांग को लेकर मुख्य द्वार पर प्रदर्शन भी किया।

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