नई दिल्ली (सं.सू.)। क्या दिल्ली सरकार में ठेके के तहत भर्ती में घोटाला हुआ है? सीबीआई ने इस संबंध में दिल्ली के सीएम के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के यहां से जब्त की गई चार फाइलों के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है।
इन चार फाइलों में से एक फाइल डाटा एंट्री ऑपरेटर परफार्मेंस से जुड़ा है जिससे कई दस्तावेज गायब मिले हैं। पुख्ता सबूत मिलने के बाद सीबीआई इस मामले में एक नया मुकदमा दर्ज कर सकती है। राजेंद्र कुमार की आवाज वाली पाँच ऑडियो क्लिप से भी सीबीआई को अनेक अहम सुराग हाथ लगे हैं। सीबीआई जल्दी ही राजेन्द्र कुमार को फिर से पूछताछ के लिए बुला सकती है।
सीबीआई ने 15 दिसबंर को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार के घर औऱ दफ्तर पर छापा मारा था। सीबीआई ने इस छापे के दौरान अन्य दस्तावेजों के साथ भर्ती से जुडी चार फाइले भी जब्त की थीं।
अप्वांइटमेंट ऑफ डाटा एंट्री ऑपरेटर (ठेके के तहत) फॉर ई-रिक्शा यूनिट, मेनपावर थ्रो आऊटसोर्सिंग, डाटा एंट्री ऑपरेटर परफारमेंस फाइल शामिल हैं।
सीबीआई के मुताबिक दिल्ली सरकार में ठेके के तहत बडे पैमाने पर भर्तियां आईसीएसआईएल के जरिए की गई। ये वही पब्लिक अंडरटेकिंग यूनिट है जिसके जरिए राजेंद्र कुमार पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है और इसका नाम सीबीआई की एफआईआर में भी शामिल है।
सीबीआई को शक है कि आईसीएसआईएल के जरिए जो भर्तिया की गई उनमें बडे पैमाने पर धांधली है औऱ सीबीआई को अपना शक तब औऱ पुख्ता लगा जब डाटा एंट्री ऑपरेटर परफारमेंस फाइल में से अऩेक दस्तावेज गायब पाए गए।
सीबीआई सूत्रों का मानना है कि ये दस्तावेज उन लोगों से संबंधित हो सकते हैं जो इस पद के लायक ही नहीं थे लेकिन उन्हें किसी के इशारे पर फायदा पहुंचाने के लिए भर्ती कर लिया गया था। सीबीआई ने इन फाइलों के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है सूत्रों ने बताया कि इस मामले में आईसीएसआईएल के अधिकारियो से पूछताछ की गई है।
सीबीआई जानना चाहती है कि इस भर्ती घोटाले में राजेन्द्र कुमार का क्या रोल है औऱ उनके कहने पर किन लोगों को फायदा पहुंचाया गया। सीबीआई जल्द ही इस मामले में एक बार फिर राजेन्द्र कुमार को पूछताछ के लिए बुला सकती है औऱ भर्ती घोटाले में अहम सबूत हाथ लगने के बाद नया मुकदमा दर्ज कर सकती है।
सीबीआई को राजेन्द्र कुमार के यहाँ से मिली पाँच आडियो क्लिप में से भी अनेक तथ्य हाथ लगे हैं औऱ इन क्लिपों में कुछ औऱ लोगों से की गई बातचीत भी शामिल है जिनका आकलन किया जा रहा है। सीबीआई इस मामले में अब तक राजेन्द्र कुमार से लगातार पाँच दिन पूछताछ कर चुकी है।
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