नई दिल्ली (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रूस की दो दिन की यात्रा के लिए रवाना हो गए। दो दिन की यात्रा के दौरान पीएम मोदी मास्को में 16वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। रवाना होने से पहले इतरतास को दिए इंटरव्यू में मोदी ने इस यात्रा के अच्छे नतीजे की उम्मीद जताई।
तय कार्यक्रम के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से पीएम मोदी को आज रात एक निजी रात्रिभोज दिया जाएगा। शिखर सम्मेलन 24 दिसंबर यानी कल होगा। दोनों नेता क्रेमलिन में भारत और रूस की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ वार्ता भी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रूस की दो दिन की यात्रा के लिए रवाना हो गए। दो दिन की यात्रा के दौरान पीएम मोदी मास्को में 16वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।
पीएम मोदी मॉस्को में एक्सपो सेंटर में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे। इस यात्रा में कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जिसमें व्यापार से जुड़े समझौते अहम होंगे। पीएम मोदी के रूस दौरे पर ना सिर्फ बड़े रक्षा सौदे होने की संभावना है बल्कि इनसे मेक इन इंडिया योजना को भी बड़ी ताकत मिलेगी, क्योंकि ज्यादातर रक्षा सौदे टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और भारतीय कंपनियों के साथ भारत में ही हथियारों के निर्माण के लिए हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि वो रूस और भारत के बीच संबंधों के विकास से बहुत खुश हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस संबंधों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने ये बात अपनी रूस यात्रा से पहले वहां की समाचार एजेंसी तास को दिए इंटरव्यू में कही है। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद से ही भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी बनी हुई है, एक दूसरे पर नायाब आपसी विश्वास और एकजुटता जिसकी विशेषताएं हैं।
रूस ने भारत के औद्योगीकरण और अंतरिक्ष सहित कई अन्य क्षेत्रों में प्रगति के लिए योगदान दिया है। मैं हमारे मौजूदा संबंधों से बहुत खुश हूं। रूस दुनिया का पहला देश है जिसके साथ हमने रणनीतिक साझेदारी के बारे में एक औपचारिक समझौता किया था जो बाद में सामरिक साझेदारी पर एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त समझौता बन गया। मैं भविष्य में भी विकास के स्पष्ट संकेत देख सकता हूं। विज्ञापन और प्रौद्योगिकी, रक्षा प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और कई अन्य क्षेत्रों में रूस की उपलब्धियां विशाल भारतीय बाजार, बढ़ती अर्थव्यवस्था और अपनी युवा आबादी की जरूरतों के लिए पूरक बन रही हैं।
सैन्य-तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में हमारे "क्रेता-विक्रेता" के पारंपरिक संबंध साझेदारों वाले रिश्तों में बदल गए हैं। अब हम ब्रह्मोस मिसाइलों, लाइसेंस के आधार पर एसयू-30एमकेआई विमानों और टी-90 वर्ग के टैंकों का उत्पादन भारत में करते हैं। हम "मेक इन इंडिया" कार्यक्रम के ढांचे में भी सैन्य उपकरणों और उनके घटकों का भारत में संयुक्त रूप से उत्पादन करते हैं।
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