Wednesday, December 2, 2015

बिहार सरकार के मंत्री लगा रहे केंद्र पर निराधार आरोप-सुशील कुमार मोदी

पटना (सं.सू.)। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार के मंत्री अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही केंद्र पर भेदभाव का राग अलापना शुरू कर दिए हैं। इंदिरा आवास के मामले में राज्य सरकार का केंद्र पर लगाया गया आरोप तथ्यों से परे व निराधार हैं।
फंडिंग पैटर्न बदलने के बाद राज्यों को केंद्र से 10 प्रतिशत अधिक राशि मिली है। मोदी ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद केंद्र प्रायोजित योजनाओं के फंडिंग पैटर्न में आए बदलाव के कारण केवल बिहार ही नहीं भाजपा व गैर भाजपा शासित देश के सभी राज्यों के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए इंदिरा आवास इकाइयों की संख्या का पुनर्निधारण किया गया है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार केंद्रीय करों में से मिली 10 प्रतिशत की अतिरिक्त हिस्सेदारी को अपनी मर्जी और जरुरत के अनुसार खर्च कर सकती है।
उन्होंने कहा कि वर्ष के प्रारंभ में ही केंद्र सरकार ने इंदिरा आवास के लिए 50 प्रतिशत केंद्रांश और 50 प्रतिशत राज्यांश के आधार पर राज्यों के लिए आवासीय इकाइयों की संख्या तय की थी।
बाद में राज्यों के आग्रह पर फंडिंग पैटर्न में बदलाव के लिए 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक समिति गठित की गई। इस समिति में शामिल भाजपा शासित मध्यप्रदेश,झारखंड के साथ कांग्रेस शासित केरल और सपा शासित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की अनुशंसा पर राज्यों के हित को ध्यान में रखते हुए फंडिंग अनुपात को बदलकर 60 प्रतिशत केंद्रांश और 40 प्रतिशत राज्यांश कर दिया गया।
फंडिंग अनुपात बदलने से बिहार को औपबंधिक रूप से वर्ष के प्रारंभ में संसूचित 2.80 लाख आवासीय इकाई संख्या 2.36 लाख हो गई वहीं सपा शासित उत्तर प्रदेश की 4.25 लाख इकाई पुनर्निर्धारित होकर 3.58 लाख,तृणमूल शासित प. बंगाल की 4.32 लाख इकाई 3.64 लाख और भाजपा शासित राजस्थान की 1.15 लाख इकाई 85,162 हो गई।
भाजपा नेता ने कहा कि पूरे देश के लिए इंदिरा आवास मद में मार्च में ही बजटीय आवंटन 10 हजार 25 करोड़ रुपये का रखा गया था। मुख्यमंत्रियों की अनुशंसा पर फंडिंग पैटर्न 50:50 को बदलकर 60:40 किए जाने के बावजूद बिहार को इंदिरा आवास मद में मिलनेवाली 1032 करोड़ की कुल राशि को यथावत रखा गया है।

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